दुनिया का शायद ही कोई जोड़ा ऐसा होगा, जो आपस में झगड़ा न हो। बल्कि लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप या शादीशुदा जोड़ों में तो हर रोज़ झगड़े का एक नया कारण मौजूद होता है। छोटी-मोटी नोकझोंक या नाराज़गी का अर्थ प्यार का खत्म हो जाना नहीं है। बल्कि मसलों को सुलझा कर एक-दूसरे का साथ निभाते चलना है जिंदगी है। वैलेंटाइन्स वीक में अगर आप भी किसी बात को लेकर एक-दूसरे से मुंह फुलाए घूम रहे हैं, तो चिल करें, क्योंकि ऐसा करने वाले आप अकेले नहीं है। यहां हैं हम उन मसलों के बारे में बात कर रहे हैं, जिन पर ज्यादातर जोड़े झगड़ते हैं।
प्यार हमेशा अच्छे ही पलों को एंजाय करना ही नहीं होता है, बल्कि कुछ लड़ाई- झगड़े भी रिलेशनशिप का हिस्सा होते हैं। वेलेंटाइन डे पर सभी लोग प्यार को खुशी के साथ सेलिब्रेट करते हैं, तो हमे लगता है कि रिलेशनशिप का मतलब केवल प्यार, खुशी और अच्छे दिन ही होते हैं। मगर ऐसा नही है। जैसे-जैसे रिलेशनशिप पुराना होता है, उसमें जिम्मेदारियां बढ़ती जाती हैं। और तब बहस के मुद्दे भी बढ़ते जाते हैं।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट रूचि रूह बताती हैं, “रिश्ते में बच्चों की जिम्मेदारी, काम का स्ट्रेस, घर के काम झगड़े की बहुत सारी वजह हो सकती हैं। आपका व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन, पूरी तरह से अलग होना चाहिए लेकिन फिर भी वह एक- दूसरे से जुड़ा होता है। जब काम पर चीज़ें अच्छी चल रही हों लेकिन घर पर ख़राब चल रही हों, तो यह एक समस्या हो सकती हैं।”
यदि किसी रिलेशनशिप में एक पार्टनर साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देता है, तो दूसरा पार्टनर उसकी आदत से सहज नहीं हो सकता है। इसलिए, वे इसके बारे में बहस करना तभी बंद कर पाएंगे पार्टनर अपनी आदतों को सुधार लें।
घर की ज़िम्मेदारियों को आपस में बांट लेना तनाव को कम कर सकता है। कूड़ा कौन निकालता है? अकांउट का ध्यान कौन रखता है? किसी मकैनिक को बुलाने जैसे घरेलू काम कौन संभालता है। इन सभी कामों में किसी एक व्यक्ति को ऐसा न लगे कि वही सारे काम कर रहा है। इसलिए दोनों आपस में बराबर कामों का बटवारा करें।
लॉन्ग टर्म रिलेशनशिप में रह रहे लोगों या शादीशुदा जोड़ों में अकसर छुट्टियां क्लेश का कारण बन जाती है। तब जब वे दोनाें इस बात पर सहमत नहीं हो पाते कि छुट्टियां कहां बिताई जाएं।
ज्यादातर पुरुष जहां छुट्टियों में अपने होमटाउन, पेरेंट्स के घर या नाते-रिश्तेदारों के यहां जाना पसंद करते हैं, वहीं महिलाएं इन छुट्टियों में कुछ नया एक्सप्लोर करना चाहती हैं।
क्वालिटी टाइम हर रिश्ते में एक समान्य जरूरत है, और जब इसकी कमी होती है, तो पार्टनर में इसके बारे में बहस होने की संभावना होती है।
अकसर जॉइंट फैमिली में छुट्टियां परिवार के साथ बिताई जाती हैं। सोशल स्ट्रक्चर ऐसा है कि यह किसी एक को मेंटली ड्रेन कर सकता है।
बच्चे दोनों के होते है तो लाजमी सी बात है कि आप दोनों को ही बच्चों के काम मिलकर करने चाहिए। लेकन ऐसा होता नहीं है ज्यादातर महिलाएं ही बच्चों की जिम्मेदारियों को निभाती है। उन्हें स्कूल के लिए तैयर करने से लेकर स्कूल से लाने तक। स्कूल का होमवर्क कराने से लेकर पीटीएम मेंल शामिल होने तक अगर एक ही पार्टनर वर्षो से ये काम कर रहा होता है तो एक समय के बाद ये भी बहस का कारण बनता है।
यदि किसी रिश्ते में ईर्ष्या महसूस करते हैं, तो यह पार्टनर के बीच बहस का कारण बन सकती है। उदाहरण के लिए, कुछ पार्टनर अपने जीवन के विभिन्न पहलुओं में एक-दूसरे की प्रगति से ईर्ष्या कर सकते हैं। यह ईर्ष्या किसी बिंदु पर प्रतिद्वंद्विता का कारण भी बन सकती है। कई बार आप अपने पार्टनर का अपने किसी एक्स से बात करने पर भी ईर्ष्या महसूस कर सकते है।
पार्टनर को हमेशा अपने पार्टनर का अटेंशन चाहिए होता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो लगता है कि उन्हे किनारा कर दिया गया है। जब आप दोनों नौकरी करते है तो आपके पास एक दूसरे को देने के लिए अधिक समय नहीं होता है इसी को लेकर पार्टनर एक दूसरे से झगड़ा करते है कि उन्हे साथ टाइम नहीं मिल रहा है।
इससे आपका साथी आपसे ये सवाल कर सकता है कि क्या मै आपके लिए मायने नहीं रखता हूं या रखती हूं। इसलिए हमेशा वर्क-लाइफ बैलेंस की सलाह दी जाती है। काम और परिवार दोनों ही जरूरी हैं।
कुछ पार्टनर दूसरे व्यक्ति पर नियंत्रण या प्रभुत्व जमाना चाहते हैं क्योंकि वे शायद चाहते हैं कि वे उनके कहे अनुसार चलें। हालांकि, एक हेल्दी रिलेशनशिप में, नियंत्रण नहीं होता है। बल्कि, दोनों पार्टनर को सही दिशा में ले जाने के लिए एक टीम के समान मिलकर काम करते हैं।
तकनीक और सोशल मीडिया की दुनिया में हमारे परिवार, प्रेमियों से ज्यादा जगह फोन ने ले ली है। अधिक समय सोशल मीडिया पर बिताने का परिणाम ये होता है कि यह पार्टनर की इंटीमेसी को प्रभावित करते है। जब आपका साथी आपके साथ रहते हुए भी फोन पर हो तो ये आपको उपेक्षित महसूस करा सकता है। ये चीजें भी झगड़े का कारण बन सकती है।
कपल्स में जिन चीजों को लेकर सबसे ज्यादा लड़ाई होती है वो है रसोई और पैसे। जी हां एक पार्टनर जरूरत से ज्यादा खर्च करता है तो दुसरे को ये व्यर्थ का खर्चा लगता है। जैसी एक पार्टनर चाहता है कि किचन को बदला जाए, बच्चों को महंगे स्कूल में भेजा जाए, नए कपड़े लिए जाएं।
वहीं जो पैसों को बचाना चाहता है वो इस चीजों के लिए मना करता है। उसे चाहिए कि उसका पार्टनर प्राथमिकताओं और वैल्यु को समझे। ये चीजें भी कई बार बहस का विषय बनती है।
रिश्ते में बहस होने का एक सबसे सामान्य कारण यह है कि जब किसी रिश्ते में इंटिमेसी या सेक्स बैक सीट ले लेता है। हो सकता है कि कोई एक पार्टनर अपने पार्टनर के साथ सेक्स होने के लिए पर्याप्त समय न दे रहा हो, जिसका असर दूसरे पार्टनर पर पड़ सकता है। अपने साथी के साथ अधिक इंटिमेट समय बिताना रिश्ते में विवादों को कम करने का एक समाधान हो सकता है। लेकिन कई बार ये देखा जाता है कि रिश्ते में कोई एक साथी दूसरे साथी से कम सेक्स चाहता है, जिसके कारण झगड़े हो सकते है।
जैसे-जैसे रिश्ता पुराना होने लगता है, वैसे-वैसे आप रिश्ते में अपने एफर्ट को डालना कम कर देते हैं। जब आप रिश्ते में कुछ नया नहीं करते, तो आपके रिश्ते में एक्साइटमेंट खत्म हो जाता है और वो बोरिंग होने लगता है। इससे आप दोनों ही एक-दूसरे से झगड़ा कर सकते है। आपको अपने रिश्ते में रस को बनाए रखने के लिए डेट के लिए बाहर जाना चाहिए।
रूचि रूह कहती हैं, “ये वे कॉमन मसले हैं, जिन्हें आपसी बातचीत से सुलझाया जा सकता है। पर अगर लापरवाही की जाए, यही बड़े झगड़ों का कारण बनने लगते हैं। अगर आप अपने रिश्ते को और लंबा ले जाना चाहते हैं, तो इन्हें बड़ा बनने से पहले ही सुलझा लेना बेहतरी होगी।”
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