आत्मघाती व्यवहार के इन 8 संकेतों को पहचान कर आप बचा सकती हैं किसी की जिंदगी

आत्‍महत्‍या को रोका जा सकता है। बस जरूरत है समय रहते आत्‍मघाती व्‍यवहार के संकेतों को पहचानने और अवसाद से घिरे व्‍यक्ति की ओर सहायता का हाथ बढ़ाने की।
टीम हेल्‍थ शॉट्स Updated: 24 Nov 2023, 07:01 am IST
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सुशान्त सिंह राजपूत की मृत्यु ने हम सभी के अंदर कुछ बेचैनी पैदा की है। हम सब एक बार फिर मानसिक और भावनात्मक स्‍वास्‍थ्‍य के महत्व पर बातचीत करने लगे हैं। मीडिया रिपोर्टों में यह जानने के बाद कि सुशांत अवसाद से पीड़ित थे, हम सभी अपने प्रियजनों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति चिंतित होने लगे हैं। और उनके बारे में जानना चाहते हैं। 

दिल्ली की प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक डॉ. भावना बर्मी कहती हैं, “हर आत्महत्या अलग है। कई क्रोध, निराशा, विफलता, या डर की तीव्र भावनाओं के कारण होती हैं। लेकिन जो चीजें किसी भी व्‍यक्ति को आत्‍महत्‍या की तरफ सबसे ज्‍यादा धकेलती हैं, उनमें अवसाद और चिंता बड़े कारण हैं।” 

लेकिन इससे पहले कि आप अपने उस मित्र के व्यवहार का विश्लेषण करना शुरू कर दें, जो अधिकतर शांत रहता है या आपका भाई, जो अब किसी भी चीज़ में रूचि नहीं ले पा रहा, आपको आत्मघाती व्यवहार के अलार्मिंग संकेतों को समझना जरूरी है।

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अपने दोस्‍त से बात करें, जो अभी खुद को भावनात्‍मक रूप से टूटा हुआ महसूस कर रहा है। चित्र : शटरस्टॉक

यहां डॉ. भावना बर्मी आत्महत्या से पहलेे के उन संकेतों के बारे में बात कर रहीं हैं, जिन्‍हें समझकर आप किसी की कीमती जान बचा सकते हैं:

1 आत्महत्या के बारे में बात करना 

डॉ. बर्मी कहती हैं, “कुछ खास तरह की बातें करना जैसे –  ‘मैं खुद को मारने चाहता हूं’, ‘काश मैं मर गया होता’, या ‘काश मैं पैदा ही नहीं हुआ होता’, पहला संकेत है कि व्यक्ति के मन में आत्‍महत्‍या करने के विचार आ रहे हैं।”

2 सामाज से कट जाना

डॉ. बार्मी के अनुसार सामाजिक संपर्क में रूचि न रखना या सबसे अलग-थलग पड़ जाना भी आत्‍मघाती विचारों का संकेत हो सकता है।

3 जबरदस्‍त मूड स्विंग 

“मिजाज में बार-बार अप्रत्‍याशि परिवर्तन होना, जैसे कभी बहुत ज्‍यादा भावुक हो जाना या फि‍र अगले ही पल एकदम आक्रामक हो जाना भी शुभ संकेत नहीं हैं। अगर यह कभी-कभार होता है तो एक अलग बात है, पर तब भी इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। लेकिन अगर यह नियमित रूप से हो रहा है तो यह और भी ज्‍यादा चिंता की बात है।” डॉ. भावना बताती हैं। साथ ही वे यह भी कहती हैं कि मूड हमारे वैचारिक परिवर्तन का संकेत होता है। अगर इसमें बार-बार परिवर्तन आ रहा है, इसका अर्थ है कि हमारे भीतर भयंकर उथल-पुथल चल रही है।

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अपनी भावनाओं को व्‍यक्‍त करने की बजाए चिल्लाते चले जाना शुभ संकेत नहीं है। चित्र : शटरस्टॉक

4 निराशा की भावना

“अगर कोई आपको यह बताता है कि वह किसी स्थिति में इतनी बुरी तरह फंस गया है अब उससे निकल पाना मुश्किल लग रहा है, तो आपको इस संकेत को गंभीरता से लेना चाहिए।” डॉ. भावना बर्मी यह भी सलाह देती हैं कि उस व्यक्ति से बात करें और पता करें कि उसके साथ क्या परेशानी आ रही है। यदि आवश्यकता हो, तो उसे मनोरोग उपचार लेने के लिए प्रोत्‍साहित करें।

5 शराब या ड्रग्‍स का ज्‍यादा सेवन

“हालांकि अवसाद मादक द्रव्यों के सेवन का एकमात्र कारण नहीं है। फि‍र भी  अगर कोई इनका हद से ज्‍यादा सेवन कर रहा है तो यह चिंताजनक बात है। इसके अलावा, यह आपके शरीर और दिमाग को भी नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे स्थिति और भी खराब हो सकती है।

6 भूख और नींद के पैटर्न में बदलाव

डॉ बर्मी सुझाव देती हैं, “यदि आप देखते हैं कि आपके आस-पास कोई व्यक्ति बहुत ज्‍यादा खा रहा है या उसकी भूख बिल्‍कुल खत्‍म हो गई है तो आपको उस पर ध्‍यान देने की जरूरत है। यही स्थिति नींद के साथ भी हो सकती है। नींद गायब हो जाना या बहुत ज्‍यादा सोना भी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य में गड़बड़ी के संकेत हैं।”

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अगर आपको नींद नहीं आती, सोने में खुद को असमर्थ पाती हैं? तो यह आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्छा नहीं है। चित्र : शटरस्टॉक

7 आत्म-घाती व्यवहार

डॉ बताती हैं, “जो लोग आत्मघाती प्रवृत्तियों को विकसित करते हैं वे स्वयं को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। वे खतरनाक चीजों में शामिल होते हैं जैसे ड्रग्स का उपयोग करना या रैश ड्राइविंग करना।”

 8 रुख्‍सती की भाषा एवं व्‍यवहार

डॉ भावना बर्मी एक महत्‍वपूर्ण संकेत की ओर इशारा करती हैं, “जो लोग आत्महत्या करने पर विचार कर रहे होते हैं, उनकी भाषा और व्‍यवहार में एक तरह का रुखसती वाला अंदाज आ जाता है कि वे कहीं जा रहे हैं, हमेशा के लिए। वे जिन लोगों से प्‍यार करते हैं, जिनका सम्‍मान करते हैं, उन्‍हें इस तरह के भावनात्‍मक संदेश जैसे गुड बाय या थैंक यू भेजने लगते हैं। या फि‍र अपने कीमती सामान को बांटना शुरू कर देते हैं।”

वे समझाती हैं, “ अपने जीवन में होने वाला कोई बड़ा नुकसान – जैसे किसी प्रिय जन की मृत्यु, नौकरी का चला जाना,  व्यक्तिगत परेशानियां, कुछ ऐसा जो उनमें अलगाव की भावना को बढ़ा दे, जैसे आत्म-सम्मान को चोट पहुंचना, किसी से अलग हो जाना, तलाक आदि भी आत्महत्या का जोखिम बढ़ा देते हैं।”

अगर आपके किसी अपने में इस तरह के संकेत दिखाई दे रहे हैं, तो उन्‍हें समझें और उन्‍हें मदद करने की कोशिश करें। उन्‍हें फि‍र से खुशियों की ओर लौटने को प्रोत्साहित करें।

यदि आपके परिवार का कोई सदस्‍य या आपका दोस्‍त ऐसे संकेत दे रहा है तो उनके विश्‍वासपात्र व्‍यक्तियों से बात करें और उन्हें किसी प्रोफेशनल से मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करें।

शुक्र है कि विभिन्न समाज, स्व-सहायता समूह और समुदाय हैं जो लोगों को अवसाद और आत्मघाती प्रवृत्तियों से निपटने में मदद कर सकते हैं। इसलिए, यदि आपका मित्र उन तक नहीं पहुंच सकता है, तो आप एक कदम आगे बढ़ा सकती हैं और अवसाद से जीवन की ओर बढ़ते अंतराल को पाट सकती हैं।

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