इस स्‍टडी के अनुसार पुरुषों से अलग है महिलाओं की सदमे से उबरने की मानसिक प्रक्रिया

स्टडी में पाया गया कि PTSD यानी पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर से निपटने में महिलाएं पुरुषों से बेहतर हैं।
पीटीएसडी से उबरने में महिलाएं पुरुषों से कैसे अलग हैं। चित्र: शटरस्‍टॉक
विदुषी शुक्‍ला Updated: 10 Dec 2020, 11:17 am IST
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हम सभी जीवन में कभी न कभी कोई ऐसा सदमा सहते हैं, जो हमारे दिमाग पर गहरा आघात छोड़ जाता है। यह सदमा किसी प्रियजन की मृत्यु से लेकर कोई ब्रेकअप, एक्सीडेंट या कोई अन्य हादसा हो सकता है। अफसोस कि यह सदमा हमारे साथ आजीवन रहता है। पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर में यही होता है कि व्यक्ति उस अतीत के सदमे से उभर नहीं पाता और PTSD का शिकार हो जाता है।

PTSD से निपटने के सभी के अपने-अपने तरीके होते हैं। हालांकि इस समस्या के समाधान के लिए मनोचिकित्सक के पास जाना ही सबसे बेहतर है। लेकिन अक्सर लोग दोस्त, हॉबीज और काम मे खुद को व्यस्त कर के इससे बाहर निकलने की कोशिश करते हैं। कुछ लोग इसके लिए शराब का भी सहारा लेते हैं, जो सबसे ज्यादा चिंता का विषय है।

PTSD से उबरने के लिए शराब का सहारा लेना गलत है। चित्र- शटरस्टॉक।

क्या कहती है यह स्टडी?

मोलेक्यूलर साइकाइट्री जर्नल में प्रकाशित कैलिफोर्निया की इस स्टडी में शोधकर्ताओं ने दिमाग के रेस्पॉन्स की स्टडी की है। उन्होंने यह जानने की कोशिश की है कि महिलाओं और पुरुषों में PTSD से निकलने का क्या तरीका है और क्या शराब सिर्फ किसी एक वर्ग का समाधान है। इस स्टडी में उन्हें जो परिणाम मिलें हैं वह PTSD के क्लीनिकल इलाज में बड़ा अंतर पैदा कर सकते हैं।

न्यूरोफिजियोलॉजी के एक्सपर्ट और इस स्टडी के डीन, डॉ किरसन कहते हैं,”PTSD होने पर अल्कोहल एब्यूज और अल्कोहोलिस्म का जोखिम अपने आप ही कई गुना बढ़ जाता है। शराब को तनाव और एंग्जायटी से लड़ने के लिए प्रयोग किया जाता है। लेकिन इसमें सेक्स का क्या प्रभाव है यह जानने के लिए हमने यह स्टडी की है।”

अगर आप तनाव में रहती हैं, तो डाइट में शिमला मिर्च जरूर शामिल करें। चित्र: शटरस्‍टॉक
अगर आप तनाव में रहती हैं, अल्कोहोलिस्म का जोखिम अपने आप ही कई गुना बढ़ जाता है। चित्र: शटरस्‍टॉक

इस स्टडी के को-ऑथर डॉ माइकल स्टेनमन बताते हैं,”हमें उम्मीद है कि हमने दिमाग की जो लिंग आधारित स्टडी की है उससे इलाज को लेकर जानकारी बढ़ेगी।”

कैसे महिलाओं और पुरुषों का दिमाग अलग है?

इस स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने GABA मार्कर का प्रयोग किया। यह GABA मार्कर यानी गामा एमिनो ब्यूटिरिक एसिड एक प्रकार का न्यूरोट्रांसमीटर है। जो एंग्जायटी कम करता है और जब कोई व्यक्ति शराब पर आश्रित होता है, तो यह न्यूरोट्रांसमीटर शरीर मे बढ़ जाता है। नर और मादा चूहों पर इस एक्सपेरिमेंट को किया गया।

सदमे से जूझने का तरीका, कैसे महिलाओं में पुरुषों से अलग है। चित्र: शटरस्‍टॉक

डॉ स्टेनमन बताते हैं, “महिलाओं में गाबा बनने में बढ़ोतरी हुई जबकि पुरुषों में इसका रिसेप्टर फंक्शन बढ़ा हुआ था। यह बायोकेमिकल इंडस्ट्री के लिए महत्वपूर्ण रिसर्च है क्योंकि इसकी मदद से महिलाओं और पुरुषों को अलग दवा दी जा सकती है!”

यह स्टडी अभी शुरुआती स्तर पर है, मगर अधिक शोध के बाद यह बताया जा सकेगा कि महिलाओं में सदमे से निपटने के लिए पुरुषों से अलग मैकेनिज्म क्यों है।

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पहला प्‍यार प्रकृति और दूसरा मिठास। संबंधों में मिठास हो तो वे और सुंदर होते हैं। डायबिटीज और तनाव दोनों पास नहीं आते। ...और पढ़ें

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