इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोगों के लिए तनाव एक बेहद कॉमन फैक्टर बन चुका है, आज की जनरेशन में ज्यादातर लोग कहीं न कहीं तनाव से ग्रसित हैं। तनाव की स्थिति में शरीर अधिक मात्रा में कॉर्टिसोल रिलीज करता है। कॉर्टिसोल एक स्ट्रेस हार्मोन है, जिसकी अधिकता आपकी बॉडी के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। यह हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हृदय संबंधी समस्याएं और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों के खतरे को बढ़ा देता है। इसके अलावा यह बढ़ते वजन का भी कारण बन सकता है। वहीं इसकी वजह से ऊर्जा शक्ति कम हो जाती है और आपकी नियमित दिनचर्या पर इसका नकारात्मक असर पड़ता है। इसके अलावा कॉर्टिसोल कई अन्य रूपों में आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
यदि आप इन सभी परेशानियों से बचना चाहती हैं, तो सबसे पहले कॉर्टिसोल मैनेजमेंट पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है। शरीर में इसका संतुलित स्तर आपको स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। न्यूट्रीशनिस्ट और हेल्थ टोटल की फाउंडर अंजली मुखर्जी ने कॉर्टिसोल को नियंत्रित करने के कुछ खास तरीके बताए हैं (How to manage cortisol level)। तो चलिए जानते हैं, इनके बारे में अधिक विस्तार से।
कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज, विटामिन डी के स्रोत, मैग्नीशियम युक्त फूड्स, कोकोनट वॉटर, वेजिटेबल जूस, कोको पाउडर, घी, दही, केला आदि को अपनी नियमित डाइट में शामिल करें। इन खाद्य पदार्थों में मौजूद पोषक तत्व कॉर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित रखने में आपकी मदद करते हैं। यदि आपको अधिक तनाव का अनुभव हो रहा है, तो इन खाद्य पदार्थों को अपनी नियमित डाइट में शामिल करें।
तनाव की स्थिति में कम नींद आती है, जिसकी वजह से आपके शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर अधिक बढ़ सकता है, इसलिए नींद को प्राथमिकता दें। यदि आप कॉर्टिसोल के स्तर को मेंटेन करना चाहती हैं, तो नियमित रूप से 7 से 8 घंटे की नींद प्राप्त करें। हालांकि, यह सच है कि कई दफा तनाव की स्थिति में नींद नहीं आती है, लेकिन आप चाहे तो एक हेल्दी स्लिप एनवायरमेंट मेंटेन कर नींद प्राप्त कर सकती हैं।
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इसके लिए आपको सबसे पहले कैफीन के सेवन पर नियंत्रण पाने की आवश्यकता है। दोपहर 2 से 3 बजे के बाद कैफीन युक्त ड्रिंक ना लें, इसके अलावा निकोटीन से परहेज करना भी बहुत जरूरी है। अपने कमरे में शांति रखें, और हल्की लाइटिंग रखें, इसके अलावा रात के समय मेडिटेशन और योग करें, ताकि आपके मन में तनाव भरे ख्याल न आए और आपको सोने में मदद मिल सके।
कॉर्टिसोल लेवल को नियंत्रित करने के लिए सबसे जरूरी है, स्ट्रेस पर नियंत्रण पाना जिसके लिए आपको खुद मेहनत करनी होगी। दोस्त और परिवार सहित उन लोगों के साथ वक्त बितायें जिनके साथ आपको खुशी मिलती है और आप बेहतर महसूस करते हैं। ऐसे लोगों से मिलने से आपका तनाव कम होता है। साथ ही फन एक्टिविटीज में भाग लें, जिससे की आपको बेहतर महसूस होगा। ऐसा करने से कॉर्टिसोल और स्ट्रेस का स्तर कम होता है, साथ ही साथ मूड इंप्रूव होता है और शरीर में ऊर्जा शक्ति का संचार बढ़ता है।
जैसा कि हम सभी हमेशा से सुनते आ रहे हैं व्यायाम यानी की एक्सरसाइज तमाम बीमारियों का इकलौता इलाज साबित हो सकता है। ठीक इसी प्रकार शारीरिक गतिविधियां तनाव एवं कॉर्टिसोल के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं। हालांकि, शारीरिक गतिविधियों को करते वक्त इंटेंसिटी का ध्यान रखना जरूरी है। लो इंटेंसिटी एक्सरसाइज कॉर्टिसोल के स्तर को कम कर देती हैं, वहीं यदि बहुत अधिक इंटेंसिटी के साथ वर्कआउट, एक्सरसाइज या कोई भी शारीरिक गतिविधि की जाए तो वे आपके कॉर्टिसोल को बढ़ा देती है। इसलिए इस बात का खास ध्यान रखें।
साइकलिंग, स्विमिंग, वॉकिंग जैसी साधारण शारीरिक गतिविधियों में भाग लें, इससे आपको बेहतर महसूस करने में मदद मिलेगी। नियमित रूप से इन गतिविधियों में भाग लेने से आपके शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर कम होता है। साथ ही साथ आपका मूड बेहतर होता है, जिससे कि आपकी सेहत भी बरकरार रहती है।
वातावरण की हरियाली यानी कि हरे-भरे पेड़ पौधों के बीच कुछ समय बिताए। प्रकृति में आपकी बॉडी को शांत करने के गुण पाए जाते हैं। यदि आपके घर में गार्डेन नहीं है, तो अपने घर के आसपास किसी पार्क में कुछ समय बिताए। वहीं आज कल कई ऐसे ग्रीन एरिया छोड़े जा रहे हैं, उन जगहों पर रोजाना सुबह घूमने जाएं। इस प्रकार न केवल आपका कॉर्टिसोल मेंटेन रहता है, बल्कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी समस्याओं, सहित तमाम अन्य बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।
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