कभी न कभी हम सभी कुछ बातों को लेकर बहुत ज्यादा परेशान और चिंता का अनुभव करते हैं। कभी एग्जाम से पहले, कभी किसी प्रजेंटेशन को लेकर, कभी फ्लाइट पकड़ने में देरी हो या अपना कोई प्रियजन बीमार हो।
पर हम अपनी हर रोज की इन छोटी-बड़ी चिंताओं को एंग्जायटी डिसऑर्डर से कैसे अलग करते है। और हमें कब यह मान लेना चाहिए कि हम वाकई एंग्जायटी डिसऑर्डर के शिकार हैं ? आइए जानते हैं यह सब विस्तार से।
पहली बात जो हमें जान लेनी चाहिए वह यह कि एंग्जायटी डिसऑर्डर एक बहुत आम समस्या है। वास्तव में दुनिया भर में 200 मिलियन से ज्यादा लोग किसी न किसी तरह की एंग्जायटी डिसऑर्डर के शिकार हैं। इनमें जैव रासायनिक परिवर्तन शामिल हैं, जिन्हें हम कुछ न्यूरोट्रांसमीटर के स्तर में आए परिवर्तन के रूप में अनुभव करते हैं।
हमारी पर्सनेलिटी, हमारे विचार, जिंदगी के अनुभवों में बहुत अहम भूमिका अदा करते हैं। ठीक इसी तरह हमारे आसपास के सोशियोकल्चर वातावरण का असर भी हम पर पड़ता है। इन सभी फैक्टर को मिलाकर यह तय होता है कि हम एंग्जायटी डिसऑर्डर के शिकार हो सकते हैं या नहीं।
एंग्जायटी के लक्षणों और खास संकेतों पर बात करने से पहले, हमें इस बारे में अच्छी तरह जान लेना चाहिए कि किस एंग्जायटी को डिसऑर्डर का नाम दिया जाता है। जिसकी वजह से किसी के कार्यव्यवहार में परेशानी उत्पन्न होने लगती है। अर्थात जब एंग्जायटी किसी के सामाजिक, पर्सनल, प्रोफेशनल, शैक्षणिक/व्यवसायिक लाइफ को प्रभावित करने लगती है।
अगर आप एंग्जायटी डिसऑर्डर की शिकार हैं, तो आप खुद को परेशान और रिलैक्स होने में दिक्कत महसूस कर सकती हैं। आप आराम भी करना चाहें, तो भी आप मानसिक रूप से परेशान ही महसूस करेंगी। कुछ न कुछ हमेशा आपके दिमाग में चलता रहेगा। आप हमेशा खुद को बिजी, परेशान और चिंता में डूबा हुआ महसूस करेंगी।
इसी के साथ एंग्जायटी के कारण कुछ व्यवहारगत दिक्कतें भी हो सकती हैं। कई बार आप खुद को संकोची महसूस करेंगी या कुछ परिस्थितियों से बचना चाहेंगी क्योंकि आपको ऐसा महसूस होगा कि आप में आत्मविश्वास नहीं है, इस सिचुएशन को फेस करने का, कि कहीं कुछ गलत न हो जाए।
इसमें कुछ शारीरिक परेशानियों के संकेत भी दिखाई देते हैं। जैसे थकान, अवसाद, सांस फूलना, चिंता और चिड़चिड़ापन। शरीर में दर्द और नींद आने में परेशानी एंग्जायटी डिसऑर्डर के सामान्य संकेत हैं। इन सब चीजों के एक साथ होने से किसी का भी जीवन प्रभावित होने लगता है। इससे उन्हें दैनिक काम और निजी जीवन में भी संघर्ष का सामना करना पड़ता है।
सामान्य तौर पर एंग्जायटी डिसऑर्डर में कुछ खास तरह का सोशल फोबिया और चीजों को लेकर बहुत जल्दी परेशान हो जाना एंग्जायटी डिसऑर्डर के संकेत हैं। पर घबराने की बात नहीं है। सही मनोचिकित्सक सलाह और दवाओं की मदद से इन हालात से उबरा जा सकता है।
एंग्जायटी डिसऑर्डर की समय से पहचान कर लेना ही उससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है। अगर सही समय पर इसकी पहचान न हो पाए तो लोगों को इससे बाहर आने में काफी समय लग जाता है।
यह आपके लिए बहुत जरूरी है।
डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।