क्या आप अपने लंच ब्रेक का बेसब्री से इंतजार करती हैं, जिससे आपको अपने हेक्टिक शेड्यूल से कुछ समय आराम करने के लिए मिल सकें। अगर ऐसा है, तो यह एक टैक्निक हो सकती है, जो आपको अपनी मानसिक थकान और तनाव से डील करने में मदद कर सकती है। जानना चाहती हैं कैसे? तो बस इसे अंत तक पढ़ती रहिए।
मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार यह तकनीक आपकी एनर्जी को रिचार्ज करने और पूरे स्वास्थ्य में सुधार करनें में मदद कर सकती है।
हालांकि, यह प्रमाणित है कि ब्रेक रिफ्रेशिंग होते हैं। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है, कि यह सच में मेंटल हेल्थ ठीक करने में मदद करते हैं या नहीं। आपकी मदद के लिए हेल्थ शॉट्स ने बात की मुंबई, मीरा रोड के वॉकहार्ट अस्पताल की मनोचिकित्सक डॉ सोनल आनंद से। मानसिक थकावट के संकेतों और ब्रेक लेने के बारे में आइए जानते हैं कि डॉ सोनल क्या कह रहीं हैं।
अपनी व्यस्त दिनचर्या से छुट्टी लेना हमेशा एक अच्छा विचार हो सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा करने से आप आराम कर सकते है और ठीक हो सकते हैं। तनावपूर्ण परिस्थितियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकते है। खासकर जब आप फोकस और कंसन्ट्रेशन खो रही हो।
डॉ आनंद के अनुसार “ब्रेक लेना सिस्टम को फिर से शुरु करने जैसा है। यह आपको फिर से फोकस रिगेन करने और प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में मदद करता है। ब्रेक के दौरान नए विचार लगातार सामने आते है, यह फिजिकल रिलेक्सेशन के साथ अधिक तर्कसंगत सोच को बढ़ावा देता है।”
वास्तव में रोज ब्रेक लेना आपको ज्यादा सोचने और टालने से बचने में मदद कर सकता है। अगर इन्हें दूर न किया जाए तो ये सभी मिलकर स्ट्रेस और फ्रस्ट्रेशन की वजह बन सकते हैं।
इसके अलावा अगर आप इस पर और विस्तार से जानना चाहती हैं, तो आपको सोशल मीडिया से ब्रेक लेना चाहिए। यह भी आजकल तनाव के मुख्य कारणों में से एक है। इसके साथ ही मल्टीटास्किंग से हर हालत में बचें, क्योंकि यह भी मानसिक थकान का एक प्रमुख कारण है।
हर वक्त थकान महसूस होती है? ठीक है, जब आप तनाव में होते है आप शारीरिक थकान महसूस कर सकती हैं। एनर्जी लेवल नीचे जा सकता है और कभी-कभी रोजमर्रा के काम करनें में भी कठिनाई आ सकती है।
इन्सोम्निया तनाव में रहने वाले लोगों में ज्यादातर देखा जा सकता है। डॉ आनंद के अनुसार “ सोने में दिक्क्त या जल्दी जग जाने के बाद फिर से सोने में दिक्कत दो पैटर्न नोटिस किये गए है”, जबकि हाईपरसोम्निया और दिन में नींद आना भी तनाव के संकेत है।
आपका सिम्पैथिक नर्वस सिस्टम (fight to flight mode) मानसिक थकान या तनाव से शुरु हो सकता है। इसके कारण इंसान टेंशन, धड़कन और तनाव की भावना भी महसूस कर सकता है। यह सिम्टम और इन्डिकेटर डिप्रेशन से जुड़े हो सकते हैं। इस पूरे सिनेरियो में आत्मविश्वास घटना आम बात है।
लगातार कई बार गुस्सा आना और निराशा महसूस करना तनाव का लक्षण हो सकता है। मानसिक थकावट से जूझ रहें लोग अत्यधिक गुस्सा और अधिर व्यहवार दिखा सकते है। लो फ्रसट्रेशन टोलरेंस के कारण धूम्रपान करना और शराब पीना अधिक हो सकता है।
लाखों लोग खतरनाक दरों पर बर्नआउट का अनुभवनु कर रहे है। साथ ही यह लोगों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल रहा है। डॉ आनंद का कहना है “जब बर्नआइउट होता है, तो कोई भी काम से अपना ध्यान खो सकता है, या कम प्रोडक्टिव हो सकता है, साथ ही समय- सीमा को पूरा करना मुश्किल हो सकता है” , बर्नआउट के कारण अस्वस्थ खानपान की आदतें, थकावट, तनाव बढ़ना, मोटिवेशन की कमी हो सकती है।
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