Morning depression : सुबह आंख खुलते ही डिप्रेशन हिट करता है, तो जानें इसका कारण और इससे बाहर आने के उपाय

इसे आमतौर पर मेडिकल टर्म में मॉर्निंग डिप्रेशन कहा जाता है, वहीं इसे ड्यूरनल वेरिएशन के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं।
Jaane morning depression se kaise karna hai deal.
जानें मॉर्निंग डिप्रेशन से कैसे करना है डील. चित्र : शटरस्टॉक
अंजलि कुमारी Published: 23 May 2024, 10:05 am IST
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बहुत से लोग सुबह उठने से डरते हैं, आंखें खुलते ही वे बेहद निराश और परेशान हो जाते हैं। उनके अंदर बेड से बाहर निकलने तक की ऊर्जा शक्ति नहीं होती। हालांकि, असल में ऐसा नहीं होता, शारीरिक रूप से वे बिल्कुल फिट होते हैं। यह सब केवल दिमाग का खेल है। हालांकि, आंख खुलने के कुछ देर के बाद वापस से सब नॉर्मल हो जाता है। इसे आमतौर पर मेडिकल टर्म में मॉर्निंग डिप्रेशन कहा जाता है, वहीं इसे ड्यूरनल वेरिएशन के नाम से भी जाना जाता है। इस स्थिति के पीछे कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। सबसे पहले लोगों को इसके कारण जानने चाहिए, क्युकी कारण को समझने के बाद आप चाहें तो इसे आसानी से मैनेज कर सकती हैं।

श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट, पश्चिम विहार न्यू दिल्ली की क्लिनिकल साइकोलॉजी में सीनियर कंसलटेंट डॉ पल्लवी जोशी ने मॉर्निंग डिप्रेशन (Morning depression) के बारे में कुछ जरूरी बातें बताई है। कारणों पर बात करने के साथ ही उन्होंने इसके समाधान भी सुझाए हैं। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से।

पहले जानें क्या है मॉर्निंग डिप्रेशन (Morning depression)

मॉर्निंग डिप्रेशन में व्यक्ति को उठते के साथ लो महसूस होता है, वहीं वे बेहद दुखी होते हैं। परंतु जैसे जैसे दिन चढ़ता है, व्यक्ति नॉर्मल होने लगता है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की माने तो मॉर्निंग डिप्रेशन की स्थिति में व्यक्ति अधिक डिप्रेस्ड, एंक्सियस और एग्रीगेट रहता है। उसके अलावा यह व्यक्ति के काम करने की क्षमता और प्रोडक्टिविटी को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है।

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जानें इसका कारण और इससे बाहर आने के उपाय। चित्र : एडॉबीस्टॉक

अब जानें मॉर्निंग डिप्रेशन में नजर आने वाले लक्षण

मॉर्निंग डिप्रेशन के ये लक्षण सुबह आंख खुलते के साथ महसूस होते हैं,और समय के साथ ये कम होने लगते हैं।

सुबह उठने पर बेड से बाहर निकलने का मन न होना या उठने में परेशानी होना।
दिन की शुरुआत में ऊर्जा शक्ति में कमी महसूस होना।
सुबह के छोटे-मोटे काम जैसे शॉवर लेना और कॉफी बनाने में परेशानी महसूस होना।
किसी भी चीज पर ध्यान केंद्रित करने में परेशानी महसूस करना।
अधिक फ्रस्ट्रेटेड रहना।
अकेलापन महसूस होना।
हाइपरसोम्निया, सामान्य से अधिक सोना।
ब्रेकफास्ट करने का मन न होना।

अब जानें मॉर्निंग डिप्रेशन के क्या कारण हैं (what causes Morning depression)

1. अधूरी नींद के कारण

जो लोग पर्याप्त गुणवत्ता वाली नींद नहीं लेते हैं, उनमें डिप्रेशन का खतरा अधिक होता है। वहीं अवसाद की स्थिति में भी आपके लिए नींद पूरा कर पाना मुश्किल हो जाता है। कुछ लोग डिप्रेशन में अधिक सोते हैं। नींद की गुणवत्ता में कमी के कारण सुबह उठने के साथ लो महसूस कर सकती हैं।

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तनाव भी बन जाता है एक तरफ सिर दर्द का कारण। चित्र : शटरस्टॉक

2. बढ़ जाता है तनाव

आपका शरीर तनाव की स्थिति में कोर्टिसोल नामक एक केमिकल रिलीज करता है। ये हार्मोन आपकी हार्ट बीट, ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और सांस लेने की दर को बढ़ा देता है। समय के साथ, बहुत अधिक कोर्टिसोल एंजाइटी, डिप्रेशन, मेमोरी और कंसंट्रेशन के साथ कठिन समय जैसी समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। वहीं बॉडी में कोर्टिसोल के बढ़ने से मॉर्निंग डिप्रेशन जैसे लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

3. रिश्तों या काम का बोझ

कई वर्षों तक शादीशुदा रहने के बाद तलाक हो जाना या नौकरी छूट जाना, या कुछ बड़ी घटना, जीवन में बड़े बदलाव, दर्दनाक अनुभव या दीर्घकालिक तनाव सभी डिप्रेशन के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं, या बदतर बना सकते हैं। ये घटनाएं मॉर्निंग डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं।

4. इंफ्लेमेशन

अध्ययनों में डिप्रेशन, सिज़ोफ्रेनिया और अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित लोगों के मस्तिष्क में इंटरल्यूकिन-6 (आईएल-6) नामक सूजन पैदा करने वाले केमिकल का उच्च स्तर पाया गया है। यह व्यक्ति में मॉर्निंग डिप्रेशन और चिंतन का कारण बन सकता है।

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आपकी नीदं को ख़राब कर सकता है नाईट स्वेट। चित्र: शटरस्‍टॉक

5. बायलॉजिकल प्रॉब्लम्स

जब आपके मानसिक स्वास्थ्य की बात आती है, तो सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर महत्वपूर्ण होते हैं। जबकि सेरोटोनिन खुशी और शांति से जुड़ा है, डोपामाइन प्रेरणा का संबंध है। न्यूरोट्रांसमीटर में असंतुलन सुबह के अवसाद में योगदान कर सकता है।

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जानें मॉर्निंग डिप्रेशन से कैसे करना है डील (how to deal with Morning depression)

1. साइकोथेरेपी

कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (सीबीटी), इंटरपर्सनल थेरेपी (आईपीटी), या साइकोथेरेपी के अन्य रूप, लोगों को इस प्रकार की समस्याओं से निपटने की रणनीति विकसित करने में मदद करते हैं। इनसे नेगेटिव थॉट पैटर्न को इंप्रूव करने में मदद मिलती है, साथ ही मूड रेगुलेशन भी बेहतर होता है।

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2. स्लीप हाइजीन मेंटेन करें

सोने का एक नियमित कार्यक्रम बनाएं और कमरे में ऐसा माहौल बनाएं जो आपके लिए आरामदायक हो। इसमें डिम लाइट का उपयोग या अपनी पसंद के तकिए का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा, बेहतर नींद की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए सोने से पहले रिलैक्सिंग टेक्निक्स का अभ्यास करें।

योग मुद्रा के दौरान सांस पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। चित्र : अडॉबी स्टॉक

3. लाइफस्टाइल की आदतों में सुधार करें

नियमित शारीरिक गतिविधि में संलग्न रहें, स्वस्थ भोजन करें, शराब और स्मोकिंग से परहेज करें। माइंडफुलनेस या ध्यान जैसी गतिविधियों के माध्यम से स्ट्रेस मैनेजमेंट में मदद मिलेगी। तनाव में कमी आते ही मॉर्निंग डिप्रेशन के लक्षण में सुधार होगा। जीवनशैली में किए गए छोटे सकारात्मक बदलाव भी समग्र मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन कर सकते हैं।

4. सुबह के लिए रात में प्रिपेयर करें

बहुत से लोगों के मॉर्निंग डिप्रेशन के लक्षण इस वजह से और ज्यादा गंभीर हो जाते हैं, क्युकी वे सुबह जल्दबाजी में होते हैं। ऑफिस के लिए निकलना हो या बच्चों को स्कूल के लिए तैयार करना या फिर सुबह का ब्रेकफास्ट बनाना हो, अक्सर हम इन चीजों के बारे में सोचकर अपने मूड को लो कर लेते हैं, जिसकी वजह से हमें और ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है।

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लेखक के बारे में

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

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