अधिकतर सभी घरों में भाई बहनों में छोटा – मोटा लड़ाई झगड़ा चलता रहता है। कभी किसी चीज को शेयर करने के लिए तो कभी बात साबित करने के लिए। कभी बड़ों से शिकायत करने से लिए, तो कभी एक-दूसरे को परेशान करने के लिए। लेकिन क्या आप जानती हैं कि भाई-बहन का साथ होना भी हमारे व्यक्तित्व को प्रभावित करता है। जी हां, शोध बताते हैं कि अकेले रहने वाले व्यक्तियों से ज्यादा मजबूत और लचीले व्यक्तित्व के होते हैं भाई या बहन के साथ रहने वाले लोग। जानिए क्या होता है सिबलिंग्स का आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव (How siblings affects your personality)।
अगर गौर किया जाएं तो हमारे भाई- बहन हमारे सबसे करीब होते हैं, कभी किसी सिक्रेट कीपर की तरह तो कभी एक अच्छे गाइड की तरह। क्योंकि कई बार जो बात हम अपने पैरेंट्स से शेयर नही कर पाते, वो बात हम अपने भाई- बहनों से शेयर कर लेते हैं। क्योंकि हम एक ही घर में और एक ही वातावरण में एक साथ बडें होते हैं। भाई बहन के रिश्ते को शब्दों में बयां करना ही मुश्किल है क्योंकि यह जिंदगी भर निभाने वाला रिश्ता होता है।
इस विषय पर अधिक जानने के लिए हमने बात कि जयपुर की प्रैक्टिसिंग साइकोथेरैपिस्ट एंड काउन्सलर, सुनीता पाण्डेय से। डॉ सुनीता बताती हैं कि भाई-बहनों के साथ रहने से बच्चा शेयरिंग सीखता है, जो अकेले रहने वाले बच्चो में कम होती है। दूसरा हम उम्र बच्चों के साथ बड़े होना भी बच्चों को बहुत कुछ सिखाता है। सिंगल बच्चे की अक्सर हेलीकॉप्टर पेरेंटिंग भी हो जाती है, जो बच्चे के विकास के लिए ठीक नहीं होती है। अक्सर सिंगल बच्चे एंजाइटी डिसोर्डर के शिकार पाए गए हैं।
तो चलिए जानते हैं कि सिबलिंग होने से एक बच्चे के व्यक्तित्व पर क्या प्रभाव पड़ता है –
जो बच्चे अपने सिबलिंग के साथ बड़े होते हैं, बड़े होने के बाद ज्यादा सिक्योर और सपोर्ट महसूस करते हैं। क्योंकि वह जानते हैं कि कैसी भी मुसीबत हो, अगर उनका सिबलिंग साथ है तो उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। भाई-बहन एक दूसरे को सपोर्ट करते हैं एक दूसरे को फैमिली की जिम्मेदारी समझाते हैं।
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की 1983 की एक रिसर्च के अनुसार जिन लोगों के विपरीत लिंग के भाई-बहन होते हैं, उन्हें एक अच्छा पार्टनर बनने और ढूढ़ने में आसानी होती है। इस रिसर्च में यह भी पाया गया कि जिन कॉलेज स्टूडेंट के विपरीत लिंग के भाई-बहन थे, उनके लिए अपने पार्टनर से खुलकर बातचीत करना आसान होता है।
अक्सर देखा जाता है कि अगर कोई भाई – बहन कुछ अच्छा करता है तो उसका छोटा सिबलिंग भी उसे देख कर आगे बढ़ने की कोशिश करता है। क्योंकि सिबलिंग पर एक दूसरे के व्यक्तित्व का गहरा प्रभाव पड़ता है।
अक्सर भाई बहन एक दूसरे को देखकर और सुनकर ही कम्युनिकेशन स्किल डिवेलप करते हैं। पढ़ाई करते वक्त, खेलते समय या टीवी देखते समय भाई – बहन एक दुसरें से बहुत कुछ सीखते हैं। क्योंकि बड़े भाई बहन छोटे भाई बहनों के लिए रोल मॉडल की तरह होते हैं। जो खूबियां वो अपने भाई-बहन के अंदर देखते हैं, वही खूबी वो खुद में लाने की कोशिश करते हैं।
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