एकिसी से रिश्ता जुड़ना जितना स्वभाविक है, रिश्ते टूटना भी अब उतना ही आम हो चला है। पर अब नई टेक्नॉलजी आने के बाद रिश्ते जुड़ने और टूटने के तरीके भी अलग हो गए है। यही तकनीक कभी दूर बैठे दो लोगों को एक दूसरे से जाेड़ देती है, तो कभी एक ही छत के नीचे रह रहे दो व्यक्ति एक-दूसरे से बिल्कुल अजनबी हो जाते हैं। इसकी वजह भी तकनीक ही है। मोबाइल फोन के कारण रिश्तों को नुकसान पहुंचाने वाले जो नई आदतें बन रहीं हैं, उनमें फबिंग एक और टर्म है। यह किसी भी रिश्तों को बुरी तरह चोटिल कर सकती है। जानना चाहते हैं यह क्या है? तो अंत तक इस लेख को पढ़ते रहें।
किसी भी रिश्ते और उनमें आने वाली जटिलताओं को परिभाषित करने के लिए हमारे पास कई शब्द हैं। जैसे रेड फ्लैग, ग्रीन फ्लैग! उसी तरह फबिंग भी एक टर्म है, जिसे दो शब्दों को जोड़ कर बनाया गया है- फोन + स्नबिंग। यानी फोन पर चिपके रहने के कारण जब आप अपने पार्टनर को इग्नोर करते हैं, तो उसे फबिंग कहा जाता है। फबिंग किसी भी रिश्ते में कड़वाहट ला सकती है।
आज के समय में जब सोशल मीडिया और फोन ही सब कुछ है लोग एक मिनट भी उससे दूर नहीं रह सकते है। लोग किसी से मिलते समय भी फोन पर देखते रहते हैं या सोशल मीडिया पर स्क्रोल करते रहते हैं। उन्हें सामने वाले से ज्यादा जरूरी फोन लगता है। किसी समाजिक कार्यक्रम में फोन पर लगे रहना तो बेहद आम है। यही हरकत जब आप अपने घर या बेडरूम में करते हैं, तो तब यह आपके पार्टनर और रिश्ते दोनों को नुकसान पहुंचाती है।
फबिंग अक्सर तब होती है जब व्यक्ति अपने फोन या मोबाइल उपकरणों में व्यस्त होते हैं और अपने आस-पास के लोगों की तुलना में उनकी स्क्रीन पर क्या हो रहा है इस पर अधिक ध्यान देते हैं। इस व्यवहार को अपमानजनक के रूप में देखा जा सकता है और यह आमने-सामने की बातचीत और रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
फबिंग आपके रिश्ते को नकारात्मक तरीके से कैसे प्रभावित करता है ये जानने के लिए हमने बात की सीनियर क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. आशुतोष श्रीवास्तव से।
फबिंग पार्टनर के बीच प्रभावी बातचीत में बाधा पैदा कर सकता है। जब कोई व्यक्ति बातचीत के दौरान या एक साथ समय बिताते समय लगातार अपने फोन का उपयोग कर रहा है, तो यह दिखाता है कि उनका साथी जो कह रहा है उसमें वे पूरी तरह से मौजूद नहीं हैं या रुचि नहीं रखते हैं। इस तरह से किसी के साथ समय बिताने पर भी वहां उपस्थित नहीं होने के काण रिश्ते में कम्युनिकेशन गैप आने लगता है। इससे कई सारी मिसअंडरस्टैंडींग भी पैदा हो सकती है।
फ़बिंग से पार्टनर के बीच भावनात्मक दूरियां आ सकती हैं। लगातार फ़ोन के उपयोग के कारण उपेक्षित या महत्वहीन महसूस करने से अकेलेपन, निराशा और नाराजगी की भावनाएं पैदा हो सकती हैं। एक पार्टनर आपको अपनी किसी परेशानी के बारे में बता रहा हो लेकिन दूसरा उस पर ध्यान न दे तो ये आपको काफी अकेलापन दे सकता है।
किसी में रिश्ते में इंटिमेसी का होना बहुत जरूरी होता है चाहे वो फिजिकल हो या इमोशनल हो। इंटिमेसी के दैरान केवल आप और आपका पार्टनर ही होने चाहिए अगर इसके कोई और बीच में आपको फोन आ जाए तो वो इंटिमेसी टूट जाती है जो आपके पार्टनर को चिड़चिड़ा या निराश कर सकती है। फबिंग से इंटिमेसी वाले पलों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
अत्यधिक फोन का उपयोग रिश्ते में ट्रस्ट इस्यू पैदा कर सकता है। पार्टनर को आश्चर्य हो सकता है कि उनका साथी अपने फोन पर इतना समय क्यों बिता रहा है और क्या वे कुछ छिपा रहे हैं या रिश्ते पर अन्य लोगों या गतिविधियों को प्राथमिकता दे रहे हैं। फोन एक ऐसा उपकरण है जो किसी भी रिश्ते में सबसे ज्यादा ट्रस्ट को तोड़ने के लिए जाना जाता है।
एक स्वस्थ और मजबूत रिश्ते को बनाए रखने के लिए, फ़बिंग और इसके संभावित परिणामों के प्रति सचेत रहना आवश्यक है। पार्टनरस फोन के उपयोग के लिए सीमाएं निर्धारित कर सकते हैं, जैसे कि भोजन या कुछ खास गतिविधियों के दौरान फोन का उपयोग नही करना। सप्ताह में एक दिन ऐसा रखें जिसमें आप पूरा दिन साथ रहें और फोन का उपयोग न करें।
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