रिश्तों के लिए इमोशनल अफेयर भी हो सकता है खतरनाक, जानिए क्या है यह और इससे कैसे बचना है

लोग कई कारणों से इमोशनल अफेयर में शामिल होते हैं, जैसे कि रिश्ते में असंतोष से लेकर रोमांच की चाहत तक। कुछ लोग अपने मौजूदा रिश्ते में उपेक्षित या नाखुश महसूस करते हैं। जबकि कुछ अन्य नए रिश्ते के रोमांच और नवीनता की लालसा में ऐसा करते हैं।
Relatonship mei possessiveness kyu badh jaati hai
इमोशनल अफेयर से बचना चाहते हैं, तो उनके पीछे के कारण और तर्कों को समझना बुहत जरूरी है। चित्र: शटर स्टॉक
Updated On: 26 Jul 2024, 12:10 pm IST
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किसी भी रिश्ते में धोखा देना बहुत ही ज्यादा दुखद हो सकता है। कई लोग इससे गुजरते है और इसका सामना करते है। जिन लोगों को इस तरह का धोखा मिलता है उन लोगों के लिए उनके जीवन का ये काफी खतरनाक फेज़ होता है। इस फेज़ में कई इंसान काफी टूट जाते है। कई लोग सोचते है कि धोखा दिया है तो उसमें सेक्स शामिल होगा लेकिन हर धोखे में सेक्स नहीं बल्कि इमोशनल रूप से शामिल होने को भी धोखा कहा जाता है।

क्या होता है इमोशनल अफेयर (What is emotional affair)

इमोशनल अफेयर तब होता है जब कोई साथी किसी दूसरे व्यक्ति के साथ गैर-शारीरिक तरीके से इंटिमेट होता है, उदाहरण के लिए, रिश्ते से बाहर किसी पर भरोसा करना। इमोशनल अफेयर में आपके साथी के अलावा किसी और के साथ मजबूत भावनात्मक केमिस्ट्री होती है। इमोशनल अफेयर रखने वाला पार्टनर उस व्यक्ति के साथ अधिक प्रयास और इंटिमेट में निवेश करेगा जिसके साथ उसका संबंध है, और अपने पार्टनर की उपेक्षा करेगा।

लोग इमोशनल अफेयर में क्यों शामिल होते हैं

अगर आप अपने रिश्ते में इमोशनल अफेयर से बचना चाहते हैं, तो उनके पीछे की प्रेरणाओं और तर्कों को समझना बुहत जरूरी है।

लोग कई कारणों से इमोशनल अफेयर में शामिल होते हैं, जैसे कि रिश्ते में असंतोष से लेकर रोमांच की चाहत तक। कुछ लोग अपने मौजूदा रिश्ते में उपेक्षित या नाखुश महसूस करते हैं। जबकि कुछ अन्य नए रिश्ते के रोमांच और नवीनता की लालसा में ऐसा करते हैं।


लोग कई कारणों से इमोशनल अफेयर में शामिल होते हैं, जैसे कि रिश्ते में असंतोष से लेकर रोमांच की चाहत तक। चित्र- अडोबी स्टॉक

वर्कप्लेस पर अकसर ‘वर्किंग हस्बैंड’ और ‘वर्किंग वाइफ’ जैसे मज़ाक चलते हैं। पर किसी सहकर्मी के बेहद करीब होना इमोशनल अफेयर में शामिल होने का एक सामान्य संकेत है। हो सकता है कि आपको लगे कि सहकर्मी आपको आपके पार्टनर से ज़्यादा समझता है और यह अच्छा लगता है। हो सकता है कि यह भावना आपके रुटीन को ज्यादा रोमांचक बना दे। पर यह आपके रिश्ते और प्रोफेशन दोनों के लिए नुकसानदेह हो सकता है।

इमोशनल अफेयर के सामान्य संकेत (Signs you have an emotional affair)

1 अपने पार्टनर से दूर होते जाना।
2 जीवनसाथी के साथ भावनात्मक या यौन रूप से इंटिमेट होने में रुचि नहीं रखते हैं।
3 अपने पार्टनर के साथ बहुत कम समय बितात है।
4 आप इस बात का इंतज़ार करते है कि आप कब अपने दोस्त से फिर से बात कर पाएंगे या 5 5 5 उसके साथ रह पाएंगे। आपके लिए एक साथ अकेले समय बिताना महत्वपूर्ण है।
6 विचारों, भावनाओं और समस्याओं को अपने जीवनसाथी के बजाय अपने दोस्त के साथ शेयर करते हैं।
7 ऐसा लगता है कि आपका दोस्त आपको आपके जीवनसाथी से बेहतर समझता है।
8 आप अपनी दोस्ती को अपने पार्टनर से छिपाते हैं।

क्या वाकई बुरा है इमोशनल अफेयर (Is emotional affair bad)

इस संबंधों में फिजिकल संबंध नहीं होते है इसका मतलब ये नही होता है कि ये सही होते है। इन रिश्तों में सेक्स नहीं होता फिर भी इसका प्रभाव उतना ही नुकसानदायक हो सकता है और आपके रिश्ते को खतरे में डाल सकता है। इमोशन अफेयर यौन संबंधों की अपेक्षा में और अधिक खतरनाक हो सकता है। धोखा किसी भी तरह का हो ये आपके पार्टनर का ट्रस्ट टोड़ सकता है। और जो चीज भी आपके पार्टनर का ट्रस्ट टोड़ती है वो आपके रिश्ते को नुकसान पहुंचाती है।

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इमोशनल अफेयर से कैसे बचें (How to avoid emotional affair)

1 ऑफिस में सब कुछ सामान्य रखें

अपनी भावनाओं के प्रति संवेदनशील रहें। हालांकि, आप ऐसा व्यक्ति बनने से बचना चाहेंगे जिससे आपका सहकर्मी इमोशनल समर्थन चाहता हो। ऑफिस में किसी से भी पर्सनल लेवल पर जुड़ने से बचें।

चीटिंग और पर्सनल स्पेस के बीच का अंतर समझना है जरूरी, चित्र: शटरस्टॉक

2 ग्रुप में मिलें

रिश्ते कई तरह के होते हैं। मगर प्रोफेशनल रिश्तों को पर्सनल होने से जहां तक हो सके बचाएं। ऑफिस के किसी भी व्यक्ति से अकेले मिलने की कोशिश न करें। सिर्फ़ एक अतिरिक्त व्यक्ति के शामिल होने से किसी से बहुत गहराई से जुड़ने की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, ग्रुप में रहने के दौरान लोगों के नितांत निजी मुद्दों को शेयर करने की संभावना कम होती है।

3 सहयोग करें पर कंधा न बनें

असहज इंटिमेट बातचीत से शालीनता से दूर जाना सीखें। संवेदनशील बनें, लेकिन सुझाव दें कि वे किसी और से बात करें जो अधिक मदद कर सकता है। सहारा देने वाला कंधा न बनें। ऐसा करने से आप किसी के लिए उनकी पर्शनल चीजों में साथ देने वाला नहीं बनेंगे। ये चीज आपके इमोशनल अफेयर में पड़ने से बचा सकती है।

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लेखक के बारे में
संध्या सिंह
संध्या सिंह

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं।

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