कई बार जीवन में कुछ ऐसी बुरी घटना हो जाती है, जिसका प्रभाव हमारे दिमाग पर लंबे समय तक बना रहता है। इसके कारण हम कभी अचानक रोने-चिल्लाने लगते हैं। हमारा शरीर कांपने लगता है। हमें घुटन महसूस होने लगती है। हमें सांस रुक जाने या मरने का भी भय होने लगता है। विशेषज्ञ इसे पैनिक अटैक कहते हैं। वास्तव में यह मेंटल हेल्थ से जुड़ी किस तरह की समस्या है। यदि अपने किसी प्रिय को पैनिक अटैक (Panic Attack) आता है, तो हमें किस तरह उनकी मदद करना चाहिए। इसके बारे में सीनियर क्लिनिकल साइकोलोजिस्ट और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर सोनाली गुप्ता अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में विस्तार से बता रही हैं।
साइकाइट्री इन्वेस्टीगेशन जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, कभी-कभी हमें बहुत अधिक भय लगने लगता है। पैनिक अटैक तीव्र भी की ही एक अचानक होने वाली प्रक्रिया है, जो गंभीर शारीरिक प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर देती है। इसका कोई स्पष्ट कारण या वास्तविक खतरा नहीं होता है। पैनिक अटैक बहुत भयावह भी हो सकते हैं।
जब किसी व्यक्ति को पैनिक अटैक आता है, तो वह सोचने लगता है कि (Panic Attack Symptoms) वह नियंत्रण खो रहा है। उसे दिल का दौरा पड़ रहा है या वह मरने वाला है। जब व्यक्ति बहुत अधिक एंग्जाइटी महसूस करता है, तो वह पैनिक अटैक का शिकार हो सकता है। पैनिक अटैक के कारण उसका शरीर बहुत तेज़ी से हिल सकता है या वह विचलित महसूस कर सकता है।
साइकाइट्री इन्वेस्टीगेशन जर्नल में प्रकाशित शोध आलेख के अनुसार, कई मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं ऐसी हैं, जिनकी वजहों के बारे में बताना मुश्किल है। उनमें से एक है पैनिक अटैक। इसके सटीक कारण के बारे में पूरी तरह से बताया नहीं जा सकता है। मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, यह कई तरह की घटनाओं, चीजों के जुड़ने पर हो सकता है। दर्दनाक या बहुत तनावपूर्ण जीवन अनुभव, जिसके कारण व्यक्ति ट्रॉमा में आ गया हो, कारण हो सकता है।
क्लिनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ. सोनाली गुप्ता अपने इन्स्टाग्राम पोस्ट में पैनिक अटैक होने पर पीड़ित की मदद करने के कई उपाय बताती हैं।
जब आपके परिवार का कोई सदस्य या दोस्त पैनिक अटैक से पीड़ित हो जाए, तो सबसे पहले यह सुनने की कोशिश करें कि दौरा पड़ने के दौरान व्यक्ति क्या कहना चाह रहा है। उनकी छोटी से छोटी बात को ध्यान से सुनें। वे क्या कहना और बताना चाह रहे हैं। यदि आप उनकी बात सुनेंगी, तो उन्हें राहत मिलेगी और इस बात का सुकून मिलेगा कि कोई उनकी बात सुनकर मदद करना चाह रहा है।
उनसे हलके-फुल्के अंदाज़ में बात करें। उनसे यह जानने की कोशिश करें कि आगे वे क्या करना चाहते हैं। जिंदगी के लिए आगे उनकी क्या-क्या योजनायें हैं। भविष्य की बातें बताने से उनका अवसाद दूर होगा। वे ख़ुशी महसूस करेंगे।
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कस्टमाइज़ करेंउनसे यह जानने की कोशिश करें कि क्या उन्हें टच थेरेपी पसंद है। क्या उन्हें टच किया जा सकता है। कुछ लोगों को पार्टनर का स्पर्श किया जाना पसंद होता है। तो कुछ को परिवार के किसी ख़ास सदस्य का। जो उन्हें अच्छा लगता है, वैसा ही करें। उनकी प्राथमिकता जानने का प्रयास करें।
सबसे मुख्य बात कि जब आपके परिवार का कोई भी सदस्य पैनिक अटैक से प्रभावित होता है, तो बाकी सदस्य घबड़ा जाते हैं।यह पीड़ित और आपके लिए अच्छा नहीं है। ऐसी स्थिति में खुद को शांत रखें, तभी पीड़ित की मदद कर पाएंगी।
घबड़ाने की बजाय पैनिक अटैक के बारे में पूरी जानकारी इकठ्ठा करने की कोशिश करें और उसके अनुरूप काम करें।
व्यक्ति को यह बताना सबसे अधिक महत्वपूर्ण है कि वे सुरक्षित और ठीक हैं। लंबे समय के लिए बेहतर परिणामों के लिए उपचार या मानसिक स्वास्थ्य परामर्श का सुझाव भी मददगार साबित हो सकता है।
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