प्यार एक ऐसी फीलिंग है, जो दो लोगों को एक दूसरे के नज़दीक लेकर आती है। कई बार दोनों पक्षों में परिपक्वता यानि मैच्योरिटी न होने से रिश्ते में उतार चढ़ाव आने लगते हैं। जो रिश्ते के टूटने का कारण भी बन जाता है। वे लोग जो भावनात्मक तौर पर परिपक्व होते हैं। वे सूझ बूझ से रिश्तों सामंजस्य बनाए रखते हैं। दरअसल, वो व्यक्ति जो इमोशनली मेच्योर (emotionally mature) है। वो सेल्फ कंट्रोल और सेल्फ अवेयरनेस के चलते रिश्तों को आसानी से संभाल पाता है। इससे रिश्तों में अपनापन बना रहा है और वो लॉन्ग लास्टिंग बन जाते हैं। जानते हैं रिलेशनशिप में इमोशनली मेच्योर (emotionally mature in relationship) होने के संकेत और इसके फायदे भी।
वे लोग जो भावनात्म्क तौर पर मज़अमत होते हैं। वे बात बात पर ओवररिएक्ट करने से बचते हैं। न ही ज्यादा खुशी और न ही ज्यादा गम का दिखावा करते हैं। वे सीमाओं के भीतर रहकर ही अपनी फीलिंग्स को जाहिर करते हैं। इसके अलावा वो पार्टन्र को भी समझते है और किसी भी मुद्छे पर होन वाली मिसअंडरस्टैण्डिंग को आसानी से हल भी कर पाते हैं।
जो लोग जीवन में कई दोराहों और परेशानियों से गुज़र चुके होते हैं। उनके व्रूवहार में लचीलापन अपने आप आ जाता है। ऐसे में वो अपने रिलेशनशिप को भी हर परेशानी में मजबूती से संभाल लेते हैं। उन्हें न केवल अच्छे बुरे की परख होती हैं। बल्कि वो सिचुएशन के हिसाब में अपनी बनाई योजनाओं को भी बदल पाते हैं। ऐसे लोग जिद्दी, घमण्डी और आलस्य से दूर होते हैं। वे बेहतर तरीके से अपने पार्टनर को समझते हैं और उन्हें खुश रखने के लिए जीवन में छोटे बड़े फरबदल करने से भी नहीं हिचकिचाते हैं।
ऐसे लोग एक दूसरे के इमोशन्स को समझने लगते हैं। वे सिचुएशन के हिसाब से चीजों को आसानी से भाप जाते हैं। जिससे वे समय रहते हर समस्या का हल निकाल लेते हैं। इमोशनली मेच्योर लोग दूसरों के व्यवहार और बॉडी लैंग्वेज को आसानी से समझ जाते हैं। इसके चलते समय रहते वो हर परेशानीको हल कर पाते हैं।
अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखने वाला व्यक्ति ही भावनात्मक तौर पर मज़बूत कहलाता है। अगर आप इमोशनली मेच्योर हैं, तो आप हर काम को ओनरशिप के साथ करेंगे और किसी भी काम को करने से नहीं कतराएंगे। वहीं आप हर वक्त दूसरों के काम आने के लिए भी तत्पर रहेंगे।
कुछ लोग अन्य लोगों के समक्ष बातचीत करने से कतराने लगते हैं। वहीं वे लोग जो इमोशनली मेच्योर होते हैं। वे बिना किसी दुविधा के अन्य लोगों के सामने अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। इसके अलावा दूसरे लोगों के सुझाव का भी हर पल स्वागत करते हैं और उस पर चलते भी है।
अगर आपका पार्टनर हर चीज़ में आपको बेहतर राय देता है और हर फैसले में आपके साथ खड़ा है। तो इससे रिश्तों में मज़बूती बढ़ने लगती है। इससे प्यार बढ़ता है और अंडरस्टैण्डिंग भी बढ़ती है।
ऐसे कपल्स जो एक दूसरे को समझते हैं। वे मिलकर हर समस्या का समाधान करने में विश्वास रखते हैं। वे चीजों को छुपाने की बजाय अपने पार्टनर की सहमति के बाद हर कदम उठाते हैं। जिससे रिलेशनशिप को मज़बूती मिलती है और कोई तीसरा इसमें नहीं आ पाता है।
जब आप एक दूसरे को महत्व देने लगते हैं, तो दोनों तरफ ही रिस्पेक्ट बढ़ने लगती है। नोंक झोंक और बहस से परे आप अपने पार्टनर की सहमति से हर कार्य करने लगते हैं। इससे आपका रिश्ता हेलदी बनता है।
कहीं भी आने जाने के लिए एक दूसरे से दूर भागने की बजाय हर जगह साथ जाते हैं। हर पल एक दूसरे के साथ की आवश्यकता महसूस होने लगती है। अब आपको अपने आसपास सकारात्मकता महसूस होती है।