हर एक रिश्ते में अपने हिस्से की अच्छी और बुरी यादें होती हैं। कभी-कभी बुराइयां इतनी हावी हो जाती हैं कि रिश्ता खत्म होने की कगार पर आ जाता है। इस स्थिति में, संवाद और समझदारी महत्वपूर्ण होते हैं। एक-दूसरे की भावनाओं को समझकर और मिलकर समस्याओं का सामना करके रिश्ते का पुनर्निर्माण किया जा सकता है। जब लोग एक-दूसरे के प्रति ईमानदार और सहानुभूतिपूर्ण होते हैं, तो रिश्ते में सुधार संभव है।
मगर कभी-कभी सुधार की गुंजाइश नहीं होती। एसे में इस रिश्ते को खत्म कर देना ही उचित निर्णय होता है। पर ये कहने सुनने में जितना आसान और सहज लगता है, करने में उतना ही मुश्किल हो सकता है। जब आप अंत तक अपने जीवनसाथी के प्रेम में होते हैं, तब तो यह और भी मुश्किल हो जाता है।
तलाक अपने आप में एक कठिन अनुभव है, यह और भी मुश्किल हो जाता है जब आपको अपने एक्स से अभी भी प्यार हो। पर एक मरे हुए रिश्ते का बोझ अपने कंधो पर लेकर चलना आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक सिद्ध हो सकता है।
अपने रिश्ते को खत्म करने के बावजूद अगर आपके दिल में उनके लिए भावनाएं हैं, तो इससे उबरना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। आइए इस बारे में जानें कि आप कैसे इन भावनाओं से निपट सकती हैं और प्यार होते हुए भी क्यों आपको इस रिश्ते में नहीं रहना चाहिए। इसीलिए आज हेल्थशॉट्स में हम जानेंगे कि कैसे आप एक रिश्ते से निकलकर अपने जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।
इसके लिए सबसे पहले जरूरी है कि आप यह बात समझें कि आपका रिश्ता भावनात्मक रूप से खत्म हो चुका है। उसे अब सुधारा नहीं जा सकता। इसके लिए आपको कुछ संकेत दिखने लगते हैं।
अगर आपके पार्टनर को आपके हर काम से चिढ़ हो रही है और आप भी उनके हर काम पर चिड़चिड़ा जाती हैं। हर बात पर एक दूसरे को ताने दे रहे हैं और बात-बात पर बहस हो रही है तो समझ जाइए कि कुछ गड़बड़ है. हालाँकि हो सकता है कि एक-दो दिन मूड ठीक ना हो, लेकिन अगर ऐसा लगातार हो रहा है तो रिश्ता खत्म करना ही बेहतर है।
आप दोनों अपनी बातों और हरकतों से बार बार एक दूसरे के आत्मसम्मान को आहत कर रहे हैं, तो ये एक बहुत बुरा संकेत है। रिश्ते में एक-दूसरे का सम्मान बहुत जरूरी है. दोनों की अहमियत बराबर होती है, कोई छोटा-बड़ा नहीं होता। आप किसी ना किसी रूप में एक दूसरे का सहयोग ही कर रहे होते हैं। अगर आपका रिश्ता इस तरह काम नहीं कर रहा तो रिश्ता खत्म करना ही बेहतर है।
अगर आप अपने जीवनसाथी से किसी बारे में बात करते वक्त सहज नहीं हैं। या कोई एसी बात है जो आपको उनसे छिपानी पड़ती है। वो भी आपके सामने बनावटी दिख रहे होते हैं। तो आप दोनों एक झूठ को सच मान कर उसे निभा रहे हैं। आप जानते हैं कि आपके बीच चीजें ठीक नहीं हैं लेकिन सब चीजों को जबरदस्ती सही मानकर आप खुश रहने की कोशिश करते हैं तो आपको फिर से सोचना चाहिए। पार्टनर से इस पर बात करें।
एक रिश्ते की मजबूती विश्वास पर टिकी होती है। अगर एक दूसरे पर विश्वास खत्म हो जाए तो उस रिश्ते में रहना ठीक नहीं है। विश्वास ही वह नींव है, जो किसी भी रिश्ते को स्थायी बनाती है। जब भरोसा टूटता है, तो रिश्ते में दूरी और गलतफहमियां बढ़ जाती हैं। ऐसे में, बेहतर होता है कि दोनों पार्टनर्स खुलकर अपनी भावनाओं को साझा करें और एक दूसरे के साथ ईमानदारी से पेश आएं। इस तरह, रिश्ते को फिर से मजबूत करने की कोशिश की जा सकती है। इन कोशिशों के बावजूद अगर बात न बने तो अलग हो जाना ही बेहतर है।
ये संकेत महसूस होने पर अलग हो जाना या तलाक का निर्णय उचित होगा। मगर इसके बाद भी आपका उनसे जुड़ाव हो सकता है या आप उनसे प्रेम कर सकती हैं। इसके बारे में हमने आगे चर्चा की है।
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नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम में कंसलटेंट साइकेट्रिस्ट एंड साइकोथैरेपी डॉ. राहुल राय कक्कड़ इससे उबरने के बारे में बताते हैं। वे कहते हैं कि तलाक के बाद अगर आप अभी भी अपने पूर्व पति से प्यार करती हैं, तो यह एक बेहद चुनौतीपूर्ण और भावनात्मक रूप से कठिन स्थिति हो सकती है।
मगर इस बात को समझना जरूरी है कि तलाक के बाद भी प्यार की भावना बनी रहना एक सामान्य प्रक्रिया है। खुद से यह उम्मीद न करें कि आप तुरंत इस भावना से बाहर निकल जाएंगी। अपने आप को समय दें और इस प्रक्रिया को अपनाएं। तलाक, बिछोह या ब्रेकअप के बाद भी अपने एक्स से प्रेम होना गलत नहीं है, लेकिन आपको यह समझना होगा कि रिश्ता खत्म हो चुका है।
वास्तविकता को अपनाना और यह समझना कि आपके लिए अब नया रास्ता चुनना जरूरी है, मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रखने के लिए आवश्यक है। अक्सर लोग तलाक के बाद खुद की देखभाल करना भूल जाते हैं। ऐसा बिल्कुल भी ना करें और अपने मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें।
योग, मेडिटेशन और अन्य अच्छी आदतों को अपनाने से आपको मानसिक शांति मिलेगी। अपने जीवन में नए उद्देश्य और लक्ष्यों को खोजें। नए शौक और पसंदीदा चीजों में शामिल होकर आप अपने जीवन को फिर से बेहतर बना सकती हैं। इन सबके बावजूद भी अगर आप लगातार इस दुख में डूबी हुई हैं, तो किसी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ या काउंसलर से मदद लें। इससे विचारों और भावनाओं को समझने में मदद मिलेगी और आप सही दिशा में आगे बढ़ सकेंगी।
डाॅ. राहुल आगे जोड़ते हैं कि “तलाक हो जाने के बाद भी अगर आप उसी रिश्ते में खुद को फंसा महसूस करती हैं, तो यह आपके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है तो यह आपको आगे बढ़ने से रोकेगा और आप नई शुरुआत नहीं कर पाएंगी। रिश्ते के टूटने के बाद भी अगर आप उनसे प्यार करती हैं तो इसका मतलब है कि आप अपनी भावनाओं में बंध गई हैं।
इससे आपको जीवन के नए अवसरों को अपनाने में मुश्किल होगी। कई बार हम उस इंसान से प्यार करते रहते हैं जो अब असलियत में वैसा नहीं रहा जैसा पहले था।
आप उनसे इसलिए प्यार करती हैं क्योंकि आप उनके पुराने समय को याद करती हैं, लेकिन वह अब बदल चुके हैं। इससे आप वास्तविकता को स्वीकार नहीं कर पातीं। रिश्ते से बाहर निकलने के बाद, आपको अपनी पहचान को फिर से ढूंढने की जरूरत होती है। अगर आप अभी भी उनसे प्यार करती हैं, तो आप खुद को उनके साथ जुड़ी हुई पहचान के साथ सीमित कर लेती हैं।
यह आपको अपनी नई पहचान और जीवन के अन्य उद्देश्यों की खोज करने से रोक सकता है। ऐसे में अगर आप केवल अपने अतीत के रिश्ते के बारे में सोचती रहेंगी, तो आप अपने भविष्य के नए सपनों को पूरा नहीं कर पाएंगी। नए रिश्ते, नए अवसर और खुद के लिए नई उम्मीदें तभी पनप सकती हैं जब आप अतीत को पीछे छोड़ने का साहस करेंगी।”
तलाक के बाद दुख से गुजरना स्वाभाविक है। यह एक ऐसा समय है जब आपकी पुरानी जिंदगी खत्म हो रही होती है और आप नई शुरुआत की ओर बढ़ रही होती हैं। इस बात को समझना कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है, आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा। जब आपका एक सपना टूट जाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी जिंदगी रुक गई है। नए सपनों को देखना और नए अवसरों को खोजना आपके ही हाथ में है। यह आपकी खुशी और आपके आत्म-सम्मान के लिए जरूरी है।
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