कई कारणों से लोग अन्य लोगों की ओर आकर्षित होने लगते हैं। फिर चाहे वो उनके लुक्स हों, बातचीत का तरीका हो या उनकी नॉलेज। मगर कुछ लोग ऐसे भी है, जिनसे अन्य लोग दूरी बनाना ही पसंद करते हैं। उनसे बातचीत करने में भी संकोच का अनुभव करते हैं। इसके चलते ऐसे लोगों का सोशल सर्कल कम हो जाता है और वे खुद को अकेला ही पाते हैं। अगर कोई व्यक्ति खुद को इग्नोर महसूस कर रहा है, तो उसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जानते हैं वो कारण, जिनसे आप खुद को इग्नोर महसूस करते हैं।
हार्ले थेरेपी, साइकोथेरेपी एंड काउंसलिंग इन लंदन के अनुसार कुछ मामलों में ऐसा पाया गया है कि पर्सनेलिटी डिसऑर्डर के कारण कुछ लोग हर समय खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। पर्सनेलिटी डिसऑर्डर का अर्थ है कि आप ज्यादातर लोगों की तरह सोच, महसूस और बातचीत नहीं करते हैं। इसके अलावा ज्यादातर वक्त उन लोगों के साथ बिता रहे हों जो आपके साथ अच्छा व्यवहार नहीं करते हैं।
जब किसी व्यक्ति को आत्मसम्मान की प्राप्ति न हो और वो कोडपेंडेंसी से ग्रस्त हो, तो ऐसे में वो खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं। दरअसल, ऐसे लोग जब अन्य व्यक्ति से बातचीत करते हैं, तो उस वक्त वो अपनी बातों से लोगों को अपने करीब लाने की जगह दूर धकेलने लगते हैं। इससे रिश्तों में दूरी बढ़ने लगती है।
इनके मूड में अस्थिरता होने के चलते ये लोग अन्य लोगों के साथ फ्रेंडली नहीं हो पाते हैं। साथ ही किसी भी कार्य को करने से पहले उसे गहराई में सोचना इनकी आदत होती है। दूसरों की छोटी छोटी बातों पर रिएक्ट करना इनकी आदत होती है। साथ ही ये लोग जिद्दी स्वभाव के होते हैं।
वे लोग जो किसी कारणवश अवसाद यानि डिप्रेशन से पीडित होते हैं। उनका सोशल सर्कल भी संकुचित होने लगता है। वे अन्य लोगों के साथ खुलकर बात नहीं कर पाते हैं और डरे व खुद में ही खोए हुए रहते हैं। इससे उनकी सेल्फ ग्रोथ पर भी प्रभाव पड़ने लगता है। इसी के चलते ऐसे लोग को इग्नोरेंस का सामना करना पड़ता है।
ऐसे लोग जो अंतर्मुखी होते हैं, वे अक्सर अन्य लोगों से ज्यादा ओवन नहीं हो पाते हैं। इसके चलते वे ग्रुप डिसकशंस से संकोच करते हैं और अकेले रहना पसंद करते हैं। अपनी भावनाओं को व्यक्त न कर पाना इनकी परेशानी का कारण बनने लगता है, जिससे लोग इनके नज़दीक नहीं आते हैं और दूरी बनाकर रखते हैं।
कुछ लोग हर छोटी बात पर तनाव के शिकार होने लगते हैं। उनका ऐसा व्यवहार लोगो ंको उनके करीब आने से रोकता है। वे हर पल अपनी ही परेशानियों में उलझे रहते हैं, जिससे अन्य लोग उनकी कंपनी को पसंद नहीं करते हैं। उनका मायूस व्यवहार अन्य लोगों से उनकी दूरी को बढ़ाने लगता है।
ऐसे लोग जो हर छोटी समस्या पर टैंपर लूज़ करने लगते हैं, वे अन्य लोगों की गुड बुक्स में नहीं रह पाते हैं। वे बिना सोचे समझे किसी से कुछ भी बोलने लगते हैं और हर पल गुस्से में रहते हैं। ऐसे व्यवहार के कारण अन्य लोगों से उनके संबधों में कटुता बढ़ने लगती है, जिसके चलते ऐसे लोगों को उपेक्षा का शिकार होना पड़ता है।
जब बिना आवश्यकता आप किसी की मदद करने लगते हैं, तो इससे अन्य लोगों ऐसे लोगों की वैल्यू करना भूल जाते हैं। हर क्षण कार्य के लिए मौजूद रहना और आवश्यकता से ज्यादा मदद करना आपकी अहमियत को कम करने लगता है। ज़रूरत के समय मदद रकने से व्यक्ति उसकी अहमियत को पहचानने लगता है, जिससे रिलेशनशिप्स मज़बूत होने लगते हैं।
ऐसे लोग जो अपनी मर्जी के मुताबिक कार्य करते हैं और अन्य लोगों को अहमियत नहीं देते हैं। वे धीरे-धीरे अन्य लोगों से दूर होने लगते हैं। अपनी अचीवमेंटस के बारे में बातचीत करके दूसरे लोगों को नीचा दिखाने वाले लोग अन्य लोगों को पसंद नहीं आते हैं। इससे वे खुद को इग्नोर महसूस करते हैं।
अपने जीवन में आने वाली मुश्किलात के बारे में हर दम बातचीत करने से अन्य लोग बोरिंग महसूस करने लगते हैं। अन्य लोगों की सहानुभूति पाने के लिए हर बार शिकयत करना और अपनी तकलीफों पर बातचीत करना आपकी समस्याओं को बढ़ा सकता है। ऐसे में अपने दोस्तों के साथ हर वक्त अपनी तकलीफों पर डिस्कशन करना इग्नारेस का कारण बन जाता है।
हर कार्य को पॉजिटिव तरीके से करने का प्रयास करें। ऑफिस में अन्य लोगों से बातचीत करते वक्त हमेशा दूसरे लोगों की कमियों और खामियों पर फोकस करने की जगह अपने प्रोजेक्टस और टारगेट्स पर बात करें। इससे अन्य लोग आपकी ओर आकर्षित होने लगते हैं।
अपने विचारों को साझा करने से पहले दूसरों की बातों पर ध्यान देना आवश्यक है। इससे अन्य लोग खुद को आपके जीवन में अह्म समझने लगेंगे। दूसरों को समझें और उनकी बातों को जीवन में इम्प्लीमेंट करें। इससे जीवन में नयापन आने लगता है और बहुत सी समस्याएं हल होने लगती हैं।
हर कार्य में अपनी प्रेजेंस को शो करना बेहद ज़रूरी है। वे लोग जो क्रास आर्मस के साथ एक कोने में बैठे रहते हैं, वे जीवन में अपने आप ही खुद को अन्य लोगों से डिस्कनेक्ट कर लेते हैं। ऐसे में लोगों से मिलें, बातचीत करें और आई कॉन्टेक्ट करके उनके नज़दीक आने का प्रयास करें।
लोगों को समझने का प्रयास करें और बातचीत में ट्रांसपिरेसी को अपनाएं। इससे आपकी एक बेहतर छवि बनने लगती है। सभी लोगों के साथ व्यवहार को पारदर्शी बनाए रखें और उनके नज़दीक जाने का प्रयास करें।
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