1990 के दशक की एक लोकप्रिय अभिनेत्री ने लगभग एक दशक पहले गर्भावस्था से संबंधित पुस्तक के विमोचन के अवसर पर ऑडिएंस में बैठी एक महिला से कहा था, “अन्य गर्भवती महिलाओं को भी आप की तरह अपने आहार और जीवन शैली का ध्यान रखना चाहिए।” उस महिला ने उत्तर दिया था, “मैम, मैं गर्भवती नहीं हूं… मैं बस थोड़ी मोटी हूं!”
निश्चित रूप से अभिनेत्री के लिए यह बिना सोचे-समझे बोलने के परिणाम भुगतने जैसी स्थिति हो गई थी। यह पूरी तरह से बॉडी शेमिंग का मामला हो गया। इसके लिए अभिनेत्री ने तुरंत माफी भी मांग ली।
एक अन्य उदाहरण का भी मैं यहां उल्लेख करना चाहूंगी- एक लोकप्रिय अभिनेता ने एक बार मुझे बधाई दी: “ओह माई गॉड, आप मां बनने वाली हैं। यह कहकर उसने मुझे गले लगा लिया। मैंने उनसे तुरंत कहा, “नहीं, मैं मां बनने वाली नहीं हूं! मैंने सिर्फ अम्ब्रेला स्टाइल कुर्ती पहनी है, जिसे मातृत्व के दौरान पहनना आरामदायक हो सकता है, लेकिन मुझे यह वैसे भी पसंद है!”
इन ऊप्स मूमेंट्स को साझा करने के पीछे का विचार उस लापरवाही को रेखांकित करना है, जिसमें लोग सिर्फ बाहरी तौर पर देखने पर प्रेगनेंट होने या न होने का अनुमान लगाने का खेल खेलने लग जाते हैं। इंच टेप के सहारे वजन के पैमाने को बनाना मुझे बुरा लगता है। मुझे इस बात पर अपराध बोध होता है कि बॉलीवुड पापराजी कल्चर को फॉलो करने के लिए लोगों के आने-जाने और अटकलों पर नजर रखी जाती है।
करीना कपूर खान, कैटरीना कैफ, काजोल, ऐश्वर्या राय बच्चन, बिपाशा बसु – मीडिया के ‘प्रेग्नेंसी स्कैनर’ के तहत आने वाली हस्तियों की सूची बढ़ती जा रही है।
दो बेटों की मां करीना ने अपनी तीसरी प्रेगनेंसी के बारे में अनोखे अंदाज में चर्चा की। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, “यह पास्ता और वाइन वाला है.. शांत हो जाइए… मैं गर्भवती नहीं हूं…। सैफ का कहना है कि वे पहले ही देश की आबादी के लिए बहुत अधिक योगदान दे चुके हैं।
फिर भी कोई इस तथ्य से इंकार नहीं कर सकता है कि पेट पर चर्बी होने से उसे बेबी बंप मान लिया जाता है!
अभिनेत्री दिव्यांका त्रिपाठी दहिया ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर लिखा, “मेरे पास एक आदर्श महिला की छवि की तरह सपाट पेट नहीं है। इन हालात से समझौता कर लो! मुझसे दोबारा मत पूछना कि मैं गर्भवती हूं या मोटी हो गई हूं!”
ऐसे समय में जब बॉडी शेमिंग धीरे-धीरे ही सही, लेकिन लगातार शर्मसार हो रही है, इसका और जोरदार तरीके से प्रतिरोध करने की जरूरत है। एक महिला यदि ढीले-ढाले या डार्क और एयरी ड्रेसेज पहनती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह गर्भवती है!
इसके अलावा, फैट-शेमिंग बॉडी शेमिंग का एकमात्र रूप नहीं है। कृति सेनन और दिशा पटानी जैसे सेलेब्स को ‘फिट-शेम्ड’ किया गया है और उन्हें “फ्लैट”, “हैंगर” और “हड्डी” फिगर कहकर खूब ट्रोल किया गया।
“टू फैट, टू लाउड, टू एम्बिशियस” की लेखिका देविना कौर अक्सर बॉडी शेमिंग कल्चर के खिलाफ बोलती हैं। उन्होंने हेल्थ शॉट्स को बताया, “मानव शरीर के व्यवसायीकरण ने हमें आइडियल बॉडी के प्रति क्रेजी बना दिया है। सोशल मीडिया इसमें अहम भूमिका निभाता है। लेकिन यह हमारे अंदर केवल नकारात्मक आलोचना और आत्म-संदेह ही ला सकता है।”
वह जोर देकर कहती हैं, “सभी के शरीर अलग-अलग होते हैं। हमारी खान-पान की अलग आदतों, हमारे द्वारा चुने जाने वाले व्यायाम के प्रकार और माता-पिता से विरासत में मिले जीन्स इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।”
कौर आगे कहती हैं, “हम यही सीखते आए हैं कि एक महिला केवल तभी वजन बढ़ा सकती है जब वह गर्भवती हो, अन्यथा उसे सार्वजनिक अपमान और आलोचना झेलनी पड़ सकती है। नकारात्मक टिप्पणियां लंबे समय तक दिमाग पर असर डालती हैं। जिससे मानसिक स्वास्थ्य खराब हो सकता है।”
लाइफ कोच शीतल शपारिया के अनुसार, शरीर का सही आकार कैसे पाया जाए, इसके बारे में सोशल मीडिया कंटेंट के ओवर ड्राइव ने बॉडी शेमिंग की राह को चौड़ा कर दिया है।
आपने देखा होगा कि लोगों के डार्क कॉम्प्लैक्शन, हाइट, बॉडी शेप, बॉडी वेट आदि को लेकर कमेंट्स काफी नकारात्मक रहते हैं।
बॉडी शेमिंग हर जगह है और सोशल मीडिया के ट्रोल ने इस समस्या को और अधिक जटिल बना दिया है। कुछ ऐसी टिप्पणियां, जो भले ही लापरवाही से बोली जाती हैं, लेकिन यह हमारे शरीर के आकार की धारणा को बदल देती है।
शपारिया कहती हैं, ‘बॉडी शेमिंग आश्चर्यजनक तरीकों से प्रकट होती है – जब दूसरे आपके चेहरे के लिए आपको शर्मिंदा करते हैं या जब आप आसपास नहीं होती हैं, तो दूसरे आपकी आलोचना कर शर्मिंदा करते हैं। वहीं दूसरे के नहीं होने पर आप भी ऐसा करने लगती हैं।’
वह सुझाव देती हैं कि पहला कदम यह जांचना है कि क्या आप भी अनजाने में अपने आस-पास के अन्य लोगों के साथ ऐसा करती हैं।
लेडीज यह कहना आसान हो सकता है, लेकिन हमें पहले अपने शरीर को वैसे ही स्वीकार करना और प्यार करना सीखना होगा जैसे हम हैं।
कौर कहती हैं, ” अधिक व्यायाम करने या खुद को भूखा रखने से मनोवैज्ञानिक क्षति हो सकती है और भविष्य में इससे उबरना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हमें किसी के भी बॉडी शेप को सामाजिक रूप से स्वीकृत करना होगा। इसके लिए नकारात्मकता को छोड़ने का प्रयास करना होगा।
शपारिया बताती हैं,“आप जो कहती या करती हैं, उस पर लोगों को कोई भी टिप्पणी हो सकती है। इसका मतलब यह नहीं है कि वे सही हैं।” आप इसे एक कान से सुनें और दूसरे कान से निकाल दें। ऐसा करने के लिए आप दूसरों से भी कह सकती हैं।
“आप अपने शरीर के आकार से परिभाषित नहीं होतीं। स्वयं की वास्तविकता बनाए रखें।” लोगों को अपने दिखने के तरीके पर ध्यान देने की बजाय वे खुद क्या हैं और क्या काम करते हैं, इन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। कही-सुनी बातों से प्रभावित न हों। बॉडी कॉन्फिडेंट होना सीखें!’
शपारिया सुझाव देती हैं, “हम सभी के पास ऐसे रिलेटिव या दोस्त होते हैं, जो सोचते हैं कि वे हमारी खामियों के बारे में अपनी धारणा को इंगित करके हमारे साथ बहुत न्याय कर रहे हैं। उनकी नकारात्मक टिप्पणियों को सुनने की बजाय उनसे दूरी बनाना बेहतर है।
आपके सर्कल के आधार पर सोशल मीडिया आपका सबसे अच्छा दोस्त और सबसे बड़ा दुश्मन भी हो सकता है। उन लोगों का अनुसरण करें, जो आपको प्रेरित करते हैं या आपको अपने या दुनिया के बारे में अच्छा महसूस कराते हैं। निगेटिव बोलने-लिखने वालों को न कहना सीख लें।
आपको जो लोग नीचा दिखाते हैं या नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं, उन्हें अनफॉलो या ब्लॉक करें। बॉडी शेमिंग के लिए परेशान करने वाले लोगों की आप रिपोर्ट भी कर सकती हैं।
यह भी पढ़ें:-सेल्फ गिल्ट कभी खुशी नहीं दे सकता, यहां जानिए इससे उबरने के 6 उपाय