आत्महत्या न केवल नैतिक अपराध है, बल्कि ये एक व्यक्ति से कई और रिश्तों को भी असमय खत्म कर देता है। यही वजह है कि कई देशों में आत्महत्या पब्लिक हेल्थ का मुद्दा बन रहा है। इसके कारणाें और बचाव के उपाय खोजन के लिए बहुत से शोध हो रहे हैं। ऐसी ही कई शोधों में पाया गया है कि मोटापे से जुड़ी हीनभावना भी आत्महत्या का कारण बन रही है।
यह बहुत चिंताजनक विषय है। पिछले 45 वर्षों में, आत्महत्या की दर में 60% की वृद्धि हुई है और दुनिया भर में, 8,00,000 लोग हर साल आत्महत्या कर रहे हैं। विशेष रूप से, 15 से 29 वर्ष की आयु के युवाओं में आत्महत्या मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2019 में कुल 1,39,123 आत्महत्याओं की सूचना मिली थी।
पिछले कई दशकों में, मोटापे और आत्महत्या के स्तर में एक साथ वृद्धि हुई हैं। कई शोधकर्ताओं ने यह स्पष्ट करने की कोशिश की है कि शरीर का वजन और आत्महत्या में वृद्धि स्वतंत्र रूप से जुड़े हुए हैं।
विशेष रूप से, मोटापे से संबंधित कॉमरेडिडिटी, जैसे कि डिस्लिपिडेमिया (dyslipidemia), मायोकार्डियल इंफार्क्शन (myocardial infarction),डिप्रेशन , चिंता (anxiety), खाने में दोष और ऑस्टियोआर्थराइटिस (osteoarthritis) भी आत्महत्या के कारण होते है। यह भी बताया गया है कि मोटापे से ग्रस्त बच्चों या किशोरों में आत्महत्या की सोच की प्रवृत्ति अधिक होती है।
मोटापे से होने वाले नकारात्मक विचार को आप रोक सकते है। इससे आप डिप्रेशन और चिंता जैसी बीमारियों से बचेंगे। इसकी अलग-अलग रणनीति है, लेकिन सब एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं। आप किसी भी स्थिति में इससे लड़ सकते है यदि आप:
व्यायाम से आप प्राकृतिक रूप से एन्डोर्फिन (endorphin) का स्तर बढ़ा सकते हैं, जिससे आप चुस्त और ताज़ा महसूस करेंगे। यह वज़न कम करने का एक शानदार तरीका है। कुछ शोध बताते हैं कि सप्ताह में कम से कम एक बार व्यायाम करने से डिप्रेशन के लक्षणों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
पहले छोटे कदम उठायें – जैसे कि 10 मिनट का दैनिक व्यायाम आपको नियमित रूप से व्यायाम करने की आदत डालने में मदद कर सकता है।
थेरेपी कई मुद्दों के लिए एक अद्भुत तरीका हो सकता है। डिप्रेशन से लेकर मोटापे तक, एक चिकित्सक या मनोचिकित्सक दोनों स्थितियों के कारणों को जानने और उसके इलाज में आपकी सहायता कर सकते है। वे उन परिवर्तनों को अपनाने में भी आपकी मदद कर सकते हैं, जो आपके लाइफस्टाइल में सुधार करेंगे।
यदि आपके डॉक्टर ने किसी भी स्थिति का उपाय बताया है, तो उन्होंने संभावित रूप से दवा, आहार परिवर्तन, या स्थिति में सुधार के लिए अन्य सुझाव दिए होंगे। इन ट्रीटमेंट पर टिके रहना और जब आप चीट करते हैं तो ईमानदार होना, साइड इफेक्ट और अन्य परेशानियों को कम करने का एकमात्र इलाज हैं।
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