बीते कुछ सालों में चाय की परिभाषा बदलती जा रही है। लोग धीरे-धीरे ट्रेडिशनल “दूध वाली चाय” से स्विच करते हुए अलग-अलग प्रकार की चाय (TEA) को आजमा रहे हैं। बदलती लाइफस्टाइल हमारे खान-पान को भी प्रभावित कर रही है। ऐसे में स्वास्थ्य संबंधी जोखिम बढ़ते जा रहे हैं। जिसमें डिप्रेशन (depression), रक्तचाप (Blood Pressure) जैसी समस्या आम समस्याओं में से एक है। मगर चिंता न करें, क्योंकि आपकी तुलसी वाली चाय ऐसी ही बहुत सारी समस्याओं का समाधान है। जानना चाहती हैं कैसे, तो बस इसे पढ़ती रहिए।
हम सभी अब बेहतर स्वास्थ्य और अच्छे खान-पान के महत्व को समझ रहे हैं। जिसके चलते दूध वाली चाय के बदले ग्रीन टी (Green Tea), लेमन टी (Lemon Tea) व कई प्रकार की चाय को आजमा रहें हैं। लेकिन इन सब से भी स्वस्थ है तुलसी वाली चाय (Tulsi Tea)।
हां ! उसी तुलसी( Holy Basil) से बनी चाय जो आपके घर में लगी हुई है। इस बात से तो सभी वाकिफ हैं कि तुलसी एक आयुर्वेदिक औषधि है जो सदियों से कई उपचारों में इस्तेमाल की जा रही है। अंग्रेजी में इसे “Holy Basil” का दर्जा दिया गया है। वास्तव में तुलसी की चाय के फायदे (benefits of Tusli Tea) ऐसे हैं, जो आपके शरीर के ट्रांसफॉर्मेशन (Body Transformation) से लेकर आपके मूड में भी सकारात्मक बदलाव कर सकते हैं।
तुलसी दक्षिण पूर्व एशिया का पौधा है, जो अपने कई नामों से जानी जाती है। विज्ञान ने इसे ओसीमिम सेक्टम लिन (ocimum sanctum linn) का नाम दिया है। भारतीय चिकित्सा यानी आयुर्वेद (Ayurveda) में तुलसी से कई बीमारियों का इलाज किया जाता है। तुलसी की पत्तियों से लेकर तुलसी के बीज तक शरीर, मस्तिष्क और हमारी त्वचा के लिए एक टॉनिक हैं।
तुलसी आपको तनाव से दूर रखने में सहायता कर सकती है क्योंकि यह एक एडाप्टोजेन्स (adaptogen) जड़ी-बूटियां (Herb) है। तुलसी कि चाय रोजाना पीना,तुलसी के सेवन करने का एक बेहतरीन तरीका है।
जर्नल ऑफ आयुर्वेद एंड इंटीग्रेटिव मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार जब आप प्रदूषण, शारीरिक गतिविधि और यहां तक कि भावनात्मक और मानसिक बोझ के कारण तनाव का अनुभव करते हैं, तो तुलसी आपके शरीर की रक्षा करती है और आपको तनाव से लड़ने में सहायता देती है।
तुलसी में कई एंटी डिप्रेशन तत्व (Anti Depression Agent) पाए जाते हैं। जो आपको डिप्रेशन से जूझने में मदद कर सकते हैं। आज के वक्त में खासकर युवाओं में डिप्रेशन(Depression in Youth) एक आम समस्या बनती जा रही है।
2017 में पीयर-रिव्यू जर्नल, साक्ष्य-आधारित पूरक के अध्ययन के अनुसार तुलसी के सेवन से न्यूरो-संज्ञानात्मक प्रभाव देखा गया। जिसमें एक बेहतर मूड और बेहतर अनुभूति शामिल है।
इस समय जो दौर चल रहा है उसमें एक अच्छी इम्यूनिटी कौन नहीं चाहता? अगर आप चाहती हैं तो इसमें आयुर्वेदिक औषधि तुलसी से बनी चाय आपकी इच्छा को पूरी कर सकती है। बेशक आप काढ़ा में तुलसी(Tusli Kadha) का इस्तेमाल कर रही होंगी।
लेकिन जब आप नियमित रूप से तुलसी की चाय पीते हैं, तो आप संक्रमण के प्रति अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। दरअसल तुलसी में एंटी-माइक्रोबियल(anti-microbial) गुण भी होते हैं। यही कारण है कि आयुर्वेद में यूटीआई (UTI) से लेकर त्वचा की बीमारियों तक, विभिन्न प्रकार के संक्रमणों के इलाज के लिए इस पर विश्वास किया जाता है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंतुलसी में मौजूद तत्व हमारी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद हैं। यह आपको स्किन से जुड़ी कई समस्याओं से राहत दिला सकती है, जिसमें दाने,मुंहासे जैसे बड़े नाम शामिल हैं। सबसे हटके तुलसी हमें प्रीमेच्योर एजिंग से भी बचा सकती है।
दरअसल समय से पहले ही बुढ़ापा झलकने लगना शरीर में मुक्त कणों की क्रिया के कारण होता है। जिससे तुलसी निपटने में आपकी मदद कर सकती है। बस आपको रोजाना एक कप तुलसी की चाय का सेवन करना है।
तुलसी का सेवन ज्यादातर घरेलू उपाय (Tulsi Home remedies) के तौर पर सर्दी और जुकाम में किया जाता है। जो पूरी तरह से प्रभावी है। यह संक्रमण से जूझने में आपकी मदद करता है। इसके अलावा ही डायबिटीज के रोगियों के लिए भी काफी फायदेमंद है।
यह पाचन उत्तेजक, एंटीमैटिक, एंटीटॉक्सिक, डिसुरिया रिलीवर, एक्सपेक्टोरेंट, एडाप्टोजेन, एंटी-कैंसर, एंटीऑक्सिडेंट तक आपको कई चीजों में मदद कर सकती है।
तो लेडीज, अब सोचना क्या है? तुलसी की चाय के फायदे आपके सामने हैं। तो चलिए क्यों न अपने परिवार की सुबह तुलसी की चाय के साथ की जाए।