भारत में ऐसे लोगों की संख्या बड़ी है जो किसी ना किसी तौर पर मानसिक समस्या से जूझ रहे हैं। बदलती लाइफस्टाइल एक बड़ा कारण है जो ऐसी समस्याओं को जन्म दे रही है। हमारे आसपास मेंटल हेल्थ को लेकर अब तक अवेयरनेस बहुत ज्यादा नहीं है जिसकी वजह से मेंटल हेल्थ की किसी समस्या से जूझ रहे व्यक्ति का इलाज और देखभाल मुश्किल होता जाता है। ऐसे में अगर आपका कोई चाहने वाला मानसिक समस्या से गुजर रहा है तो आप उससे डील करने में उसकी मदद कैसे कर सकते हैं। आज हम ऐसे ही कुछ तरीकों (taking care of stressed person) के बारे में बात करने वाले हैं।
इंडियन मेंटल हेल्थ सर्वे के अनुसार भारत में 60 से 70 मिलियन लोग मानसिक तौर पर किसी ना किसी समस्या से जूझ रहे हैं।
इसी रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि भारत में ऐसे लोगों का ट्रीटमेंट गैप 85 प्रतिशत से भी ज्यादा है यानी मात्र 15 प्रतिशत लोग सही इलाज तक पहुंच रहे हैं। जाहिर तौर पर इसके पीछे अवेयरनेस की कमी और इलाज की सुविधा उपलब्ध ना होने जैसे कारण भी हैं ही। ऐसे में कुछ तरीके और आदतें (taking care of stressed person) हैं जिन्हें अपना कर हम ऐसे लोगों का ज्यादा बेहतर तरीके से ख्याल रख सकते हैं।
मेंटल हेल्थ से जुड़ी किसी समस्या से जुड़े व्यक्ति को आपकी सिम्पथी नहीं एम्पथी दरकार होती है। उनके ऊपर दया दिखाने की बजाय उन्हें समझने की कोशिश करना, पीड़ित लोगों को बेहतर महसूस कराने का पहला कदम है।
अगर आपका चाहने वाला कोई व्यक्ति चिंता, डिप्रेशन, या किसी और समस्या से जूझ रहे हैं तो बहुत जरूरी है कि आप उसे एड्रैस करें। यह कहना कि ‘तुम बहुत सोचते हो, थोड़ा आराम करो’ या ‘बस खुद को संभालो, सब ठीक हो जाएगा’ जैसे वाक्य उन्हें महसूस कराएंगे कि आप उनकी समस्याओं को सीरियसली नहीं ले रहे हैं। इसलिए उनसे बात करके उन्हें महसूस कराइए कि आप उनके साथ हैं।
आप अगर किसी मरीज की मदद करना चाहते हैं तो जरूरी है कि आपको उनकी बीमारी की पूरी जानकारी हो। बगैर इसके आप कुछ नहीं कर सकते। अगर आप जानते हैं कि वे किस समस्या से गुजर रहे हैं, तो आप उन्हें सही तरीके से मदद कर पाएंगे। इसके लिए आप किताबें पढिए, इंटरनेट पर रिसर्च करिए या फिर एक्सपर्ट से सलाह ले लीजिए। लेकिन इस प्रोसेस को इग्नोर मत करिए।
3. प्रोफेशनल हेल्प (Professional Help)
ऐसा बहुत बार देखा गया है कि मानसिक समस्याओं से जूझ रहे व्यक्ति प्रोफेशनल हेल्प लेने को तैयार नहीं होते। लेकिन अगर स्थिति गंभीर हो तो आपको उन्हें पेशेवर मदद लेने के लिए प्रेरित (taking care of stressed person) करना चाहिए।
हो सकता है कि सामाजिक वजहों से मरीज कई बार इलाज की तरफ बढ़ने से हिचकें। लेकिन उन्हें इस बात के लिए तैयार करना आपकी जिम्मेदारी है। उन्हें समझाइए कि मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्या को भी उतनी ही इलाज की जरूरत है जितनी बाकी किसी शारीरिक समस्या को है।
4. धैर्य रखिए ( Have Patience)
मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याओं का इलाज ज्यादातर स्लो होता है। नतीजे देरी में मिलते हैं। ऐसे में आपको अपना धैर्य नहीं खोना है। कई बार अपने किसी प्रिय को परेशान देखकर लोग धैर्य खो देते हैं लेकिन वही वक्त है जब आपको धैर्य की जरूरत होती है। इमोशन्स में बह कर अगर आपने कोई भी कदम उठाया तो मरीज को कठिनाई हो सकती है। यह हमेशा याद रखिए कि आप उनकी देखभाल के लिए हैं। आप अगर उनकी समस्या को अपनी समस्या बना लेंगे तो फिर इलाज कौन करवाएगा।
5. तुलना मत करें ( Do not Compare)
इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि मेंटल प्रॉब्लम से जूझ रहे व्यक्ति की किसी से तुलना नहीं करनी। ऐसी बातें कभी नहीं करनी कि ‘ देखो वो पेशेंट तो इम्प्रूव कर रहा है तो तुम क्यों नहीं कर रहे। ऐसा कहना उन्हें कमतर महसूस कराएगा और वे डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। यह हमेशा याद रखना है कि हर व्यक्ति की मानसिक स्थिति अलग होती है और हर व्यक्ति की बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी अलग अलग होती है।
6. समय पर खाना और व्यायाम (Food and Exercise On Time)
मेंटल प्रॉबलम से जूझ रहे व्यक्तियों का सबसे पहले खाने से रिश्ता टूटता है। ऐसे में उनके शारीरिक तौर पर कमजोर होने की संभावना भी बढ़ जाती है। इसलिए उनको वक्त पर खाना देने की कोशिश करें और उनकी दिनचर्या नियमित रखने में(taking care of stressed person) उनकी मदद करें।
मेंटल हेल्थ फाउंडेशन, यूके की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसे लोग जो डिप्रेशन या एन्जाइटी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं उनमें शारीरिक समस्याओं जैसे – खाना ना पचना, भूख ना लगना जैसी समस्याएं भी देखी जाती हैं। इसलिए इसका खास ध्यान रखना जरूरी है। कोशिश करें कि ऐसे व्यक्ति की दिनचर्या में व्यायाम भी शामिल हो। नियमित व्यायाम व्यक्ति को मानसिक शांति देता है।
इस बात का हमेशा ख्याल (taking care of stressed person) रखना है कि मानसिक समस्या से जूझ रहे व्यक्ति के आसपास कोई भी ऐसा व्यक्ति ना हो जो उनका मजाक उड़ाए। “तुम तो बहुत ज्यादा डरते हो”, “तुम पागल हो क्या?”, “तुम तो बेवजह परेशान हो”, ऐसी बातें अपनी डिक्शनरी से डिलीट कर दें। क्योंकि इससे उनकी स्थिति और बिगड़ेगी । और अगर आप उनका मजाक उड़ाएंगे तो वो अपनी समस्याएं आपसे शेयर करना बंद कर देंगे और फिर स्थिति बिगड़ती ही जाएगी।
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