लॉग इन

पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ की रस्साकशी में मेंटल हेल्थ की बज गई है बैंड, तो ये 5 टिप्स आप ही के लिए हैं

क्या आपको भी अपने पर्सनल लाइफ ऑफ वर्क लाइफ को मैनेज करने में परेशानी हो रही है तो धैर्य रखें, क्योंकि आपकी यह समस्या आपके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। असुविधा से बचने के लिए इन खास टिप्स को फॉलो करें।
यहां हौं वर्क लाइफ को बैलेंस करने के 5 टिप्स। चित्र : एडॉबीस्टॉक
Published On: 28 May 2023, 06:30 pm IST

रोज सुबह जल्दी उठकर हड़बड़ी में काम पर जाने के लिए तैयार होना आखिर कौन चाहता है? वहीं ढलते सूरज को देखते हुए अपने दोस्तों के साथ शाम कि चाय की प्याली कौन नहीं पीना चाहता। परंतु आपका जॉब जीवन का एक ऐसा हिस्सा है जिसे आप चाह कर भी नजरअंदाज नहीं कर सकती हैं। पहले मुझे भी काम से समय न मिलने पर काफी चिड़चिड़ापन महसूस होता था जो दिन प्रतिदिन मेरी सेहत के लिए अलग-अलग परेशानियां खड़ी कर रहा था।

कई बार हम अपने वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ के बीच संतुलन नहीं बना पाते हैं, जिसकी वजह से हमारे मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य पर काफी नकारात्मक असर पड़ता है। इस स्थिति में न तो आप पूरी तरह से अपने कार्य पर फोकस रह पाती हैं, न ही अपने घर के कामकाज पर (work life balance)।

वर्क लाइफ बैलेंस न कर पाने के कारण हमारे असल प्रोडक्टिविटी पर भी प्रभाव पड़ता है, हम अपने क्षमता से कहीं कम सक्रिय रह पाते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए मैंने सोचा क्यों न अपनी जर्नी (how to balance work life) को आपके साथ भी शेयर किया जाए।

जब मैं इस समस्या से गुजर रही थी तो मैंने मनस्थली वैलनेस, दिल्ली की सीनियर साइकैट्रिस्ट डॉ ज्योति कपूर से सलाह ली। उन्होंने वर्क लाइफ और पर्सनल लाइफ को मैनेज करने के कुछ प्रभावित टिप्स दिए हैं। तो चलिए जानते हैं किस तरह से इन दोनों को एक साथ मैनेज किया जा सकता है (how to balance work life and personal life)।

वर्क प्लेस पर मेन्टल हेल्थ का ध्यान रखना जरूरी है. चित्र शटरस्टॉक।

पहले जानें आखिर क्या है वर्क लाइफ बैलेंस?

हम अक्सर कार्य-जीवन संतुलन यानि की वर्क लाइफ बैलेंस के बारे में सोचते हैं। इसका मतलब है काम पर बिताए गए समय और अन्य, गैर-कार्य गतिविधियों पर खर्च किए गए समय का संतुलन। इसका मुख्य मकसद है की क्या हम काम के बाद, ऐसे काम करने में सक्षम होते हैं जो हमारे व्यक्तिगत जीवन के लिए जरुरी है जैसे की दोस्त और परिवार के साथ समय बिताना या अपने शौक और पसंदीदा कार्य को करना।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि दुनिया में आजकल जहां काम और घर के बीच की सीमाएं तेजी से धुंधली होती जा रही हैं, क्या आपने इसे अपनी जीवनशैली में शामिल कर लिया है या आप इसमें सुधर करना चाहती हैं यह दोनों चीजें पूरी तरह से आपके ऊपर निर्भर करती हैं।

यहां जानें वर्क लाइफ संतुलन के फायदे

यदि आप का वर्क लाइफ बैलेंस रहता है तो आप में स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा भी बेहद कम होता है। स्ट्रेस आपके मानसिक एवं भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ ही धीरे-धीरे आपके शरीर को भी प्रभावित करना शुरू कर देती हैं।

असंतुलित रूप से काम काम करने के कारण गर्दन और शरीर के अन्य मांसपेशियों में दर्द एवं अकड़न का अनुभव हो सकता है, अनहेल्दी वेट गेन, धूम्रपान की लत, शराब इत्यादि का कंजंक्शन भी बढ़ जाता है। साथ ही इसका रिश्तो पर भी बुरा असर पड़ता है।

कार्य में संतुलन न होने के कारण उत्पादकता यानी की प्रोडक्टिविटी और इफेक्टिवेनेस पर भी नकारात्मक असर पड़ता है। जब आप कार्य के अलावा अन्य पसंदीदा और खुशनुमा चीजों में भाग लेती हैं, तो अगले दिन आप अधिक ऊर्जा के साथ कार्य को पूरा कर पाती हैं।

यहां जानें ऑफिस स्ट्रेस को कैसे करना है डील। चित्र एडॉबीस्टॉक।

यहां जानें वर्क लाइफ को मैनेज करने के कुछ प्रभावी तरीके

1. न कहना सीखें

आमतौर पर प्रोफेशनल लाइफ में हम सभी अपना बेस्ट देना चाहते हैं इस चक्कर में कहीं ना कहीं हम अपने पर्सनल लाइफ को पीछे छोड़ देते हैं। किसी भी कार्य के लिए न कहना हमारे लिए काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण है अपनी एक उचित समय सीमा तय करना।

आपके कार्य का एक उचित समय तय होता है उससे बाहर जाकर आपको कार्य करने की आवश्यकता नहीं है। कभी कभार अधिक मेहनत करना कोई गलत बात नहीं है, परंतु इसे अपनी नियमित आदत में शामिल न करें, अन्यथा यह आपके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करने के साथ ही आपके कार्य क्षमता को भी कम कर देगा।

यदि आपके बॉस आपसे यह उम्मीद कर रहे हैं तो उन्हें सबसे पहले “न” यानी कि “नो(NO)” कहना सीखें। शुरुआत में यह थोड़ा मुश्किल होगा परंतु समय के साथ आपको यह अंदाजा होगा कि आप गलत नहीं है। अपने वर्किंग आवर के बाद आप पूरी तरह से अपने सीनियर्स को न कह सकती हैं।

कई बार छुट्टी के दिन या फिर कई ऐसे अवसर पर जब आप अपने पर्सनल कार्यों में व्यस्त हों तो उस वक्त अपने कार्य को सीधे-सीधे न कहें, यह बहुत जरूरी है।

2. माइक्रो ब्रेक है जरूरी

अब चाहे आप वर्क फ्रॉम होम कर रही हों या वर्क फ्रॉम ऑफिस आपको हर बार लंबा ब्रेक लेने की आवश्यकता नहीं है। 30 सेकंड का माइक्रोब्रेक भी आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसा करने से आपका कंसंट्रेशन इंप्रूव होता है, साथ ही स्ट्रेस मैनेज करने में मदद मिलती है। वहीं आप अधिक उत्साह के साथ कार्य को पूरा कर पाती हैं।

एमआईटी के सीनियर लेक्चरर रॉबर्ट पूजन के अनुसार हर 75 से 90 मिनट के बाद 15 मिनट का ब्रेक लेना जरूरी है। यह आपके ब्रेन को अधिक एक्टिव बनाता है और आपकी लर्निंग स्किल्स भी मजबूत होती है।

यह भी पढ़ें : प्रमोशन, इंक्रीमेंट या रिलेशनशिप, असफलता कहीं भी मिल सकती है, जानिए इसे कैसे संभालना है

3. अपने रिश्तों को भी वक्त दें

जीवन में मजबूत रिश्तो की कमी समय से पहले मृत्यु का कारण बन सकती हैं। इसलिए अपने कार्य और निजी जिंदगी को संतुलित रखना अति आवश्यक है। काम के साथ-साथ अपने रिश्तो के लिए वक्त निकालें, दोस्त एवं परिवार के साथ समय व्यतीत करें और कभी कभार वेकेशन पर बाहर जाना भी काफी हेल्दी होता है।

चाहे आप अपने कार्य में कितनी भी व्यस्त क्यों न हों परिवार के सदस्यों के लिए समय निकालना जरूरी है। यदि वर्किंग डेज में समय नहीं मिल पाता है तो आपके पास छुट्टी उपलब्ध होती है छुट्टी लें और अपनों के साथ वक्त बिताएं।

गुस्से और तनाव को दूर भगा देता है ब्रेथ वर्क तकनीक। चित्र: शटरस्टॉक

4. अपनी हॉबी को पीछे न छोड़ें

आप की हॉबी और आपका पसंदीदा कार्य आपके मेंटल हेल्थ को स्थापित करने के लिए अति आवश्यक है। किसी को रीडिंग किसी को पेंटिंग तो किसी को फोटोग्राफी, डांसिंग और म्यूजिक पसंद होता है। आपकी भी ऐसी कोई हॉबी जरूर होगी। जब मैं इस स्थिति से गुजर रही थी तो उस वक्त मैंने कुकिंग को अपना सहारा बनाया। कुकिंग ने मेरे मेंटल हेल्थ को काफी इंप्रूव किया और मुझे वर्क लाइफ बैलेंस करने में भी मदद की।

जब आप हर चीज को छोड़कर केवल अपने काम में लगी रहती हैं, तो उस वक्त आपका दिमाग एक जगह स्थिर हो जाता है और यह आपके मेंटल हेल्थ के लिए बिल्कुल भी उचित नहीं है। ऐसे में अपनी खूबियों पर काम करना जरूरी है।

जब आप अपनी हॉबी को फॉलो करती हैं, तो आपको अंदर से एक अलग सा एप्रिसिएशन मिलता है। जिससे कि आपका तनाव खुद-ब-खुद कम होने लगता है और आपको मेंटल हेल्थ को बनाए रखने में मदद मिलती है साथ ही आप अपनों और खुदके लिए वक्त निकाल पाती हैं।

5. लाइफस्टाइल की हेल्दी आदतों से मिलेगी मदद

एक हेल्दी लाइफ़स्टाइल कार्य और व्यक्तिगत जीवन के बीच संतुलन बनाए रखने में आपकी मदद कर सकती है जो एंप्लॉय शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हैं वह कार्य को प्रभावी रूप से वक्त पर खत्म करते हुए अपने पर्सनल जीवन पर भी उचित ध्यान दे पाते हैं ऐसे में अपने शारीरिक एवं मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना भी अति आवश्यक है

इसके लिए आपको सेल्फ केयर की आवश्यकता है। अपने वर्किंग आवर से कुछ वक्त निकालकर मेडिटेशन, योग, एक्सरसाइज, वॉकिंग इत्यादि में भाग लें। इसके साथ-साथ उचित खानपान का विशेष ध्यान रखें। ऑफिस में एक अच्छा लंच कैरी करें और बाहर के अनहेल्दी खाद्य पदार्थों का सेवन करने से बचें।

यह सभी चीजें आपके मेंटल हेल्थ के साथ ही साथ फिजिकल हेल्थ को भी इंप्रूव करने में मदद करती है और आप हर कार्य को अधिक ऊर्जा के साथ पूरा कर सकती हैं।

यह भी पढ़ें : आपकी मेंटल हेल्थ और प्राेडक्टिविटी के लिए खतरनाक हो सकते हैं एरोगेंट लोग, जानिए उनसे कैसे बचना है

अंजलि कुमारी

इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट अंजलि फूड, ब्यूटी, हेल्थ और वेलनेस पर लगातार लिख रहीं हैं। ...और पढ़ें

अगला लेख