Complaining Nature: हर बात पर शिकायत करना है व्यक्तित्व का नकारात्मक हिस्सा, जानिए ऐसे लोगों को कैसे हेंडल करना है

यह आपका पार्टनर, परिवार का कोई सदस्य, आपका बच्चा या सहकर्मी कोई भी हो सकता है। मगर ऐसे लोगों को इग्नोर करना, उन्हें और भी ज्यादा नकारात्मक बना देता है। इसलिए धैर्य से काम लें और इन छह चीजों का ध्यान रखें
Complaining nature se kaise bachein
हर बात पर शिकायत करने वाले लोग अन्य लोगों को अपनी समस्याएं सुनाने के लिए हर पल तैयार रहते हैं। चित्र अडोबी स्टॉक
ज्योति सोही Published: 9 Aug 2024, 06:00 pm IST
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मेडिकली रिव्यूड

दिन भर में बहुत से लोगों से आपकी मुलाकात होती होगी। मगर उनमें से कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो जीवन में पूरी तरह से असंतुष्ट नज़र आते हैं। छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ापन और गुस्सा ज़ाहिर करना ऐसे लोगों की आदत में शुमार होता है। उनके दोस्त हो या सहकर्मी, हर एक से उन्हें कोई न कोई शिकायत रहती है। नकारात्मकता से भरपूर ऐसे लोग हर पल उदास और परेशान नज़र आते हैं। जिसका असर आसपास के माहौल पर भी दिखने लगता है। ऐसे लोगों को शिकायती व्यवहार (complaining nature) वाला व्यक्ति कहा जाता है। मगर आप इन्हें बदल नहीं सकते। अपने मन की शांति और काम को आसान करने के लिए जानिए कि ऐसे लोगों से कैसे डील (How to handle a complainer) करना है।

प्रसिद्ध मनोविशेषज्ञ डॉ. युवराज पंत बताते हैं कि “शिकायत करना (complaining nature) मनुष्य स्वभाव का एक हिस्सा है। हम सभी किसी न किसी बात पर शिकायत करते ही हैं, जो चीजें हमें पसंद नहीं आती। मगर कुछ लोगों को शिकायत करने की आदत हो जाती है। ऐसे लोग जो हर बात से नाराज़ और नाखुश नज़र आते हैं। उन्हें न केवल समझना बल्कि उनके साथ रहना भी मुश्किल हो सकता है।

वे लोग दूसरों को सुनना ही नहीं चाहते। वे हर जगह खुद को ही सही साबित करना चाहते हैं। बात-बात पर चिड़ जाना और अटेंशन (attention seeking personality) पाने के लिए ज़ोर-ज़ोर से बोलना व चीखना- चिल्लाना उनकी आदत होती है।”

जर्नल ऑफ सोशल साइकोलॉजी के अनुसार वे लोग जो किसी समस्या को सुलझाने के लिए शिकायत करते हैं, उन लोगों की तुलना में ज्यादा खुश रहते हैं, जो महज दूसरों को परेशान करने के लिए शिकायत करने की कोशिश करते हैं।

complaint karne ke side effects
हर समय कंप्लेंट करना अच्छी आदत नहीं है. चित्र : शटरस्टॉक

जानते हैं शिकायती व्यवहार वाले व्यक्तियों से कैसे डील करना है (How to handle a complainer)

1. आई कॉन्टेक्ट मेंटेन रखें

हर बात पर शिकायत करने वाले लोग (Tips to stop complaining) अन्य लोगों को अपनी समस्याएं सुनाने के लिए हर पल तैयार रहते हैं। ऐसे लोगों को डील करने के लिए उनकी बात सुनने के दौरान उनकी आंखों में आंखें मिलाकर देखें। इससे बातचीत के दौरान कनेक्शन बिल्ड होने लगता है और वे अपनी बात को आसानी तक आप तक पहुंचा सकते हैं।

2. बात सुनने के लिए तैयार रहें

वे लोग जो नकारात्मकता से भरे हुए (Negative thinking) हैं, वे जल्द से जल्द हर बात को अन्य लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं। ऐसे में उन लोगों से निपटने के लिए उनकी बात को ध्यान से सुनें। उनकी बात को बीच में काटने या उन्हें गलत साबित करने का प्रयास न करें। इससे उनके व्यवहार में अचानक परिवर्तन महसूस होने लगता है। बातचीत के दौरान उनसे सवाल जवाब भी करें। इससे वे संतुष्ट महसूस करते हैं।

3. शिकायत का कारण जानें

वो व्यक्ति जो हर चीज़ की शिकयत करने लगता है, उससे दूरी बनाने की जगह उसकी समस्या को समझने का प्रयास करें। ये जानने का प्रयास करें कि कौन सी चीजें उसकी परेशानी का कारण साबित होता है। उसे समझने की कोशिश करें और उसकी बात को सुनने के दौरान पूरी तरह से सतर्क करें। पारदर्शिता बरतने से शिकायत करने वाले व्यक्ति के स्वभाव में खुद ही परिवर्तन आने लगता है।

Complaining logon se kaise bachein
वो व्यक्ति जो हर चीज़ की शिकयत करने लगता है, उससे दूरी बनाने की जगह उसकी समस्या को समझने का प्रयास करें।। चित्र: शटरस्टॉक

4. सुझाव देने से बचें

हर चीज़ में खामियां खोजने वाले लोगों का व्यवहार नकारात्मक होता है। वे खुद को सही और अन्य लोगों को गलत मानने लगते हैं। इससे रिश्तों में कड़वाहट भर जाती है। अगर कोई ऑफिस कलीग या पारिवारिक सदस्य अपनी बात को सुना रहा है, तो उसे गलत साबित करने और किसी प्रकार का सुझाव देने से बचें। इससे उनके व्यवहार में कड़वाहट बढ़ने लगती है।

5. सिचुएशन को रीफ्रेम करके समझाएं

अधिकतर लोग खुद को सही और दूसरे व्यक्ति को गलत आंकने लगते हैं। इस समस्या से बचने के लिए वे लोग जो शिकयत सुनते हैं, उन्हें समस्या को रीफ्रेम करने की कोशिश करनी चाहिए। इससे शिकायतकर्ता को अपनी गलती समझ आने लगती है। किसी परेशानी या बात को अलग एंगल से समझाकर उस समस्या को दूर किया जा सकता है।

6. बातचीत में सकारात्मकता बनाए रखें

हर बात में हां में हां मिलाने की जगह नकारात्मकता को कम करके व्यवहार में सहारात्मकता भरने का प्रयास करें। इससे व्यक्ति अपनी सीमाओं को समझने लगता है और अपनी गलतियों के बारे में जानकारी मिलने लगती है। शिकायतकर्ता को पूरी तरह से गलत न ठहराएं, बल्कि उसे सही और गलत के बीच के भेद के बारे में जानकारी देने का प्रयास करें।

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लेखक के बारे में

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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