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ज्ञान मुद्रा है आपकी ओवरऑल हेल्थ के लिए बहुत फायदेमंद, एक्सपर्ट बता रहे हैं इसे करने का सही तरीका

सभी समस्याओं को दूर करने के लिए योग और प्राणायाम करना एक ऐसी विधि है, जो व्यक्ति को तमाम तरह की समस्याओं से दूर रखती है । वही, व्यक्ति को मानसिक और भावनात्मक रूप से स्थिर करने के लिए इन दोनों की क्रियाओं में 'योग मुद्राओं' की काफी अहमियत होती है।
Published On: 8 Dec 2023, 08:00 am IST
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ज्ञान मुद्रा मेंटल स्ट्रेस को कम करने में सहायक है। चित्र-अडोबीस्टॉक

आजकल के मॉडर्न समय में व्यस्त शेड्यूल और अनियमित दिनचर्या के कारण व्यक्ति को कई तरह की शारीरिक और मानसिक समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है । काम की व्यस्तता, तमाम जिम्मेदारियों और भावनात्मक तौर पर कमज़ोर होने के कारण व्यक्ति मानसिक तौर पर काफी परेशान रहता है।

इसीलिए इन सभी समस्याओं को दूर करने के लिए योग और प्राणायाम (Yoga And Pranayama) करना एक ऐसी विधि है, जो व्यक्ति को तमाम तरह की समस्याओं से दूर रखती है । वही, व्यक्ति को मानसिक और भावनात्मक रूप से स्थिर करने के लिए इन दोनों की क्रियाओं में ‘योग मुद्राओं’ की काफी अहमियत होती है।

ईशा फाउंडेशन के प्रमुख सद्गुरु बतातें हैं कि योग मुद्रा हाथ की एक निश्चित स्थिति होती है, जो कि मानसिक और भावनात्मक तौर आपके शरीर को व्यवस्थित करने का एक सूक्ष्म विज्ञान है। वे कहते है कि योग में, कई ऐसी प्रणालियां देखी जाती है, जो आपके शरीर को ऊर्जा से भर देती है और आपके सभी मानसिक कष्टों को भी खत्म कर देती है। वहीं, इन योग मुद्राओं में ‘ज्ञान मुद्रा’ भी ऐसी ही मुद्रा है जो व्यक्ति के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित होती है।

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योग और प्राणायाम सोशल एंग्जाइटी को दूर करने में मदद करते हैं। चित्र : शटरस्टॉक।

क्या होती है ज्ञान मुद्रा (What Is Gyan Mudra)?

ज्ञान मुद्रा के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थशॉट्स ने कल्ट फिट के योगा लीड नवीन शर्मा से बात की। नवीन ने बताया कि ज्ञान मुद्रा को ध्यान मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है और यह एक प्रतीकात्मक हाथ का इशारा होता है, जिसका उपयोग ध्यान या प्राणायाम में मन को केंद्रित करने के लिए किया जाता है और माना जाता है कि इससे मानसिक शांति और कई तरह के भावनात्मक व शारीरिक लाभ होते है।

ज्ञान मुद्रा के बारे में और अधिक बातें बताते हुए नवीन शर्मा कहते हैं कि अभ्यासकर्ता के मन और शरीर पर गहरा प्रभाव डालने के कारण ज्ञान मुद्रा को योग में सबसे महत्वपूर्ण मुद्राओं में से एक माना जाता है। ‘ज्ञान’ शब्द का अनुवाद ‘ज्ञान’ है, और ‘मुद्रा’ का अर्थ ‘इशारा’ या ‘मुहर’ है। यह मुद्रा इस बात से अवगत कराती हैं कि हम लोगों की व्यक्तिगत चेतना ब्रह्माण्ड की चेतना के समान हैं।

मेंटल हेल्थ के लिए किस प्रकार सहायक है ‘ज्ञान मुद्रा’ (Gyan Mudra For Mental Health)

आजकल की व्यस्त दिनचर्या और मल्टीटास्किंग होने की जरूरत के चलते लोगों में इन दिनों एकाग्रता की कमी देखी जाती है। इस पर नवीन शर्मा बतातें हैं कि आजकल ध्यान, अध्ययन और तमाम तरह के कार्यों को अच्छे तरह से करने के लिए फोकस बनाएं रखना बहुत जरूरी है।

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मेंटल हेल्थ को सकारात्मक रूप से प्रभावित करता है ध्यान और प्राणायाम। चित्र : अडोबी स्टॉक

इसीलिए ज्ञान मुद्रा भी व्यक्ति में एकाग्रता और एक चीज़ पर फोकस बनाएं रखने क्षमता को बढ़ाता है। साथ ही ज्ञान मुद्रा मानसिक शांति को बढ़ावा देता है, व्यक्ति को होने वाली तमाम तरह की चिंताओं को कम करता है और तनाव को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने में मदद करता है।

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शारीरिक स्वास्थ्य को भी अच्छा रखती है ‘ज्ञान मुद्रा’ (Gyan Mudra For Physical Health)

नवीन शर्मा बतातें हैं कि आयुर्वेदिक सिद्धांतों के अनुसार ज्ञान मुद्रा शरीर में वायु तत्व को संतुलित करता है, जिससे नर्वस सिस्टम और शरीर के मूवमेंट पर भी काफी अच्छी तरह से प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही ज्ञान मुद्रा करने से व्यक्ति के समग्र शारीरिक कार्यों में बढ़ोतरी होती है और हार्मोनल संतुलन भी व्यवस्थित होता है।

क्या है ज्ञान मुद्रा को करने का सही तरीका (How to do Gyan Mudra)

स्टेप 1: ज्ञान मुद्रा को करने के तरीको को स्टेप बाय स्टेप बताते हुए नवीन शर्मा कहते हैं कि इसके लिए सबसे पहले हमें पद्मासन (कमल मुद्रा) या सुखासन (आसान मुद्रा) जैसी ध्यान मुद्रा में आराम से बैठना होता है, जिसमें हमें यह सुनिश्चित करना होता है कि हमारी रीढ़ की हड्डी सीधी हो।

स्टेप 2: उसके बाद अपने हाथों को घुटनों पर रखें और अपनी हथेलियां नीचे की ओर रखें। बिगिनर्स के लिए, नवीन शर्मा बताते हैं कि तर्जनी उंगली की टिप (Index Finger’s Pores) को अंगूठे की टिप से टच करें।

इसके साथ ही और अधिक अच्छे परिणामों के लिए इंडेक्स फिंगर को टिप को अंगूठे के बेस (Thumb’s Base) पर लगाएं । साथ ही प्रत्येक हाथ की अन्य तीन अंगुलियों को सीधा करें ताकि वे सीधी और थोड़ी दूर रहें।

स्टेप 3: अपनी आंखें को बंद करें और अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें, धीरे-धीरे अपनी आईब्रोज़ के बीच में ध्यान केंद्रित करें। इसके साथ ही ज्ञान मुद्रा के पूर्ण लाभों का अनुभव करने के लिए इसका हर दिन कम से कम 45 मिनट तक अभ्यास करें

यह भी पढ़ें: तनाव या एंग्जाइटी से ओवरकम होना चाहती हैं, तो इस तरह करें भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
कार्तिकेय हस्तिनापुरी
कार्तिकेय हस्तिनापुरी

पिछले कई वर्षों से मीडिया में सक्रिय कार्तिकेय हेल्थ और वेलनेस पर गहन रिसर्च के साथ स्पेशल स्टोरीज करना पसंद करते हैं। इसके अलावा उन्हें घूमना, पढ़ना-लिखना और कुकिंग में नए एक्सपेरिमेंट करना पसंद है। जिंदगी में ये तीनों चीजें हैं, तो फिजिकल और मेंटल हेल्थ हमेशा बूस्ट रहती है, ऐसा उनका मानना है।

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