प्यार का मतलब सिर्फ ‘हां’ ही नहीं है, रिजेक्शन को स्वीकार करना भी है एक आर्ट
रिजेक्शन जीवन का एक हिस्सा है। कभी न कभी, किसी न किसी स्तर पर हम सभी इस अनुभव से गुजरे हैं। हम जिसे चाहते हैं, यह जरूरी नहीं कि वह भी हमें उतना ही समय या प्यार दे पाए। ये सिर्फ दो अलग तरह के लोगों के एक साथ न आने का मसला है। यह दोनों में किसी के भी जीवन पर कोई असर न डाले, इसे समझना बहुत जरूरी है। किसी को भी प्यार करने से पहले यह जरूरी है कि हम अपने आप से प्यार करना सीखे। और कोई भी अस्वीकार आपसे बड़ा नहीं हो सकता। इसलिए यह जरूरी है कि आप खुद को स्वीकारने की कला सीखें।
जी हां, तनावपूर्ण हो सकती है किसी की न
अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन के अनुसार रिजेक्शन क्रोध, चिंता, अवसाद, ईर्ष्या और उदासी की भावना को बढ़ाती है। यह हमारे कठिन बौद्धिक कार्यों के प्रदर्शन को कम कर सकते हैं।
रिजेक्शन चाहे किसी भी प्रकार का हो, हमें मानसिक रूप से हमेशा प्रभावित करता है। दिल टूटने और उम्मीद टूटने के कारण हम अपने आत्मविश्वास में कमी का अनुभव कर सकते हैं। यह बिल्कुल सामान्य है। संभवत: आपको सब कुछ धुंधला नजर आने लगे, भविष्य की कोई उम्मीद आपको नजर न आए। पर ये सब बस थोड़े समय की भावनाएं हैं। इनसे बाहर निकलना जरूरी है। इसलिए आपकी मदद करने के लिए हम यहां हैं।
जानिए रिजेक्शन को कैसे हैंडल करना चाहिए
1.भावनाओं को स्वीकार करें
इस बात में कोई शक नहीं है कि रिजेक्शन से दुख पहुंचता है। लेकिन किसी की पसंद आपके हाथ में नहीं हैं। उनकी भावनाओं को समझना और स्वीकार करना आपको इस चरण से आगे बढ़ने में मदद करता है। जब तक आप मानसिक रुप से खुद को मजबूत नही करतीं, रिजेक्शन को स्वीकार नहीं कर पाएंगी।
-
सकारात्मक विचारों को अपनाएं
हमारे विचार हमारी अच्छी जिंदगी के अहम भूमिका निभाते हैं। रिजेकशन के वक्त अगर आप अपने नकारात्मक विचारों को खुद पर हावी होने देंगी तो आप कभी भी अपने रिजेक्शन को स्वीकार नही कर पाएगी।
नकरात्मक चीजों पर ध्यान देने के बजाय अपने गलत विचारों को सकारात्मक दिशा दिखाएं। ऐसा बिल्कुल भी दिमाग में है ना आने दे की आप किसी के लिए बनी नही, या आपके जीवन में प्यार नही।
-
अकेलेपन में शामिल न हों
रिजेक्ट होने के बाद हमेशा अकेले होने की भावना हमें पकड़ लेती है, जिसके कारण हम अपने दोस्तों और परिजनों से दूर होने लगते हैं। कई बार मानसिक समस्याएं भी बेहद आम है। रिजेक्ट होने से आपका दिल दुख सकता है लेकिन अगर आप अंदर से टूट रहीं है तो आप भावनात्मक रूप से बेहद कमजोर है। ऐसे में दोस्तों और परिजनों के साथ बातचीत कर आप अपने रिजेक्शन को स्वीकार कर सकती हैं।
-
खुद को समय दें
फोर्टिस हेल्थकेयर में क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. कामना छिब्बर सलाह देती हैं कि अपने आपको पूरा समय दें।
वे कहती हैं, “कोई भी बदलाव रातों रात नहीं होता। हर चीज में वक्त लगता है। कुछ चीजें वक्त के साथ अपने आप ही ठीक हो जाती हैं। लेकिन इसके लिए आपको खुद को उनसे दूर रखना होगा।”
कई बार स्पेस बहुत मददगार साबित होता है। जिसने आपको रिजेक्ट किया उससे मिलने के बहाने ढूंढना या उसे सोशल मीडिया पर खोजना आपके लिए परेशानियां खड़ा कर सकता है। इसलिए स्पेस दें। याद रखें कि परिवर्तन ही संसार का नियम है और कुछ चीजें हमेशा अच्छे के लिए होती हैं।
यह भी पढ़े : स्ट्रेस कम करने से लेकर कोलेस्ट्रोल कम करने तक, आपके हमेशा काम आ सकती है तुलसी