ऑफिस में विवाद और तनाव होना बहुत आम है। सीनियर-जूनियर ही नहीं, सहकर्मियों के बीच भी किसी न किसी बात पर विवाद हो जाता है। हल्का-फुल्का तनाव और विवाद हालांकि काम का हिस्सा है। पर जब यह जरूरत से ज्यादा बढ़ जाए, तब यह आपकी मेंटल हेल्थ के लिए भी खतरनाक हो सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, यह आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल ग्रोथ के रास्ते भी रोक सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि आप इन्हें समय रहते और समझदारी से सुलझा लें।
यदि आप अपना एनर्जी और टाइम कनफ्लिक्ट पर वेस्ट कर रही हैं तो इससे आपका काम भी प्रभावित होता है। यह हर तरह से व्यक्ति को नुकसान पहुंचाती है, इसलिए इसे जितना हो सके उतना अवॉइड करने की कोशिश करें। आज आपकी मेंटल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए हेल्थ शॉट्स आपके लिए लेकर आया है, ऑफिस कॉन्फ्लिक्ट को अवॉइड करने के लिए कुछ खास टिप्स। तो चलिए जानते हैं इस बारे में अधिक विस्तार से (how to handle office conflict)।
बातचीत की कमी
अनक्लियर परफॉर्मेंस एक्सपेक्टेशन
टाइम मैनेजमेंट से जुड़ी समस्या
वर्क रोल और मैनेजमेंट से जुड़ी कमी
आप चाहे ऑफिस में हो या घर पर रिश्ता प्रोफेशनल हो या पर्सनल जब तक हेल्दी कम्युनिकेशन नहीं होता, रिश्ते में कनफ्लिक्ट यानी कि मतभेद जारी रहता है। लड़ाई झगड़े, गलतफहमी, और मतभेद जैसी चीजों को अवॉइड करने के लिए सबसे पहले आपको अपनी कम्युनिकेशन को सुधारने की जरूरत है।
एक बेहतर कम्युनिकेशन स्किल्स आपको इन सभी स्थितियों से डील करने में मदद करेगी। जब आप सही तरीके से अपनी बात रखती हैं, तो आधी से जायदा समस्या वही सॉल्व हो जाती है। इसलिए ऑफिस में अपनी प्रॉब्लम अपने एक्सपेक्टेशन को सामने वाले के सामने खुलकर रखें, इससे सभी चीजें सामने होंगी और आप सही सॉल्यूशन निकाल पाएंगी।
जब आप किसी से कनफ्लिक्ट के बारे में बात करें तो इसके लिए एक उचित समय चुनें। यदि आप गुस्से में हैं, तो आप कुछ ऐसा कह सकते हैं जिसके लिए आपको पछतावा होगा और स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है। क्युकी उस वक्त भावनाओं पर नियंत्रण नहीं होता और व्यक्ति कभी भी कुछ भी कह सकता है, जिससे सामने वाले व्यक्ति की भावनाओं को भी चोट बहुत सकती है।
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इसलिए शांत रहें, अपने आप को संभालें और पूछें, “मैं यहां क्या हासिल करना चाहती हूं?”, “मुझे किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?” और “क्या मैं इसलिए यह आई थी?” आपका जवाब आपके सामने होगा।
कुछ बातें जो दूसरा व्यक्ति आपको बताते है, उन्हें सुनना मुश्किल हो सकता है। लेकिन याद रखें कि आलोचना या रचनात्मक प्रतिक्रिया नौकरी के व्यवहार के बारे में है, न कि एक व्यक्ति के रूप में आपके बारे में। आलोचनाएं आपको चीजों को सिखाने में मदद करती है।
इसे समझें की ऐसा क्यों हो रहा जिससे आपको आगे अधिक बेहतर करने में मदद मिलेगी। क्योंकि आलोचना को नकारात्मक रूप से लेकर ऑफिस में कनफ्लिक्ट करने से मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्सनल ग्रोथ पर भी प्रभाव पड़ता है।
खुले दिमाग रखें और सुधार करने, अगली बार बेहतर प्रदर्शन करने और बढ़ने के क्षेत्रों की पहचान करने में मदद के लिए आलोचना का उपयोग करें।
जब आप किसी से किसी विवाद के बारे में बात करती हैं, तो यह स्वाभाविक है कि आप दूसरे पक्ष की बात सुनने के बजाय अपने पक्ष स्टोरी को अधिक प्राथमिकता देंगी, चाहें आप गलत ही क्यों न हों। लेकिन जब दो लोग ऐसा करते हैं, तो बातचीत घूम जाती है।
ऐसे में यदि ऑफिस में किसी बात को लेकर दो लोगों के बीच कनफ्लिक्ट हो गई है, तो अपनी बात रखने के साथ दूसरों की स्थिति और समझने की कोशिश करें। पूछें कि वे कैसे सोचते हैं कि वे समस्या का समाधान कर सकते हैं, और सहानुभूति के साथ सुनें।
प्रोफेशनल वर्कप्लेस पर यदि आप भावनात्मक होती रहेंगी, तो यह आपके पर्सनल ग्रोथ में रुकावट पैदा कर सकता है। ऐसे में ऑफिस में चीजों को पर्सनली न लें। यदि किसी बात पर कनफ्लिक्ट हो रहा है, तो इससे पर्सनली लेने की जगह प्रोफेशनली लें और समझे कि यह कनफ्लिक्ट क्यों और कहां से आ रहा है। फिर इसका सॉल्यूशन ढूंढने का प्रयास करें, क्योंकि यह आपके आगे की करियर के लिए बहुत जरूरी है।
यदि आप किसी चीज को लेकर बैठ जाएंगी, तो इसमें केवल आपका लॉस है, यह मेंटली, फिजिकली ओर इमोशनली तीनों ही रूप से आपको प्रभावित करता है।
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