रिश्ते में होना एक खूबसूरत अनुभव होता है, लेकिन समय के साथ इसमें उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। यह बहुत अच्छी बात है कि आपका पार्टनर इतना सुलझा हुआ है कि वह अपनी एक्स के लिए किसी भी तरह की कड़वाहट अपने मन में नहीं रखता है, बल्कि मित्रवत व्यवहार बनाए रखता है। पर दिक्कत तो असल में तब आती है जब उनके मन में अपने एक्स के लिए फीलिंग्स ख़त्म नहीं होती, बल्कि बढ़ती जाती हैं।
इस बारे में सही तरीके से समझने और सिचुएशन हैंडल करने के तरीकों पर हमने बात की रिलेशन एक्सपर्ट ऋषि माथुर से। अगर आपका पार्टनर भी अपने एक्स के बारे में सोचता है, उनसे बात करता है या अब भी एक दोस्ताना रिश्ते में है, तो ज़रूरी है कि यह समझा जाए कि वह दोस्त होने और रोमांटिक भावनाओं के बीच की बारीक लाइन के बारे में सोच रहा है या नहीं। ऐसी हालत में अगर आप अपने साथी के इरादों को लेकर शंकाओं से घिरी हुई हैं, तो अपने साथी के साथ इस बारे में बात करना ही बुद्धिमानी है।
एक्सपर्ट माथुर कहते हैं कि आपके पार्टनर अपनी एक्स से अब भी बात करते हैं और आप इस बात से परेशान हैं, तो यह समझना बेहद ज़रूरी है कि बहस करना आपको किसी समाधान तक नहीं पहुंचाएगा। इसके बजाय, अगर आप शांति से अपने साथी से बात करें पूछें कि वे अपने एक्स के संपर्क में अब भी क्यों हैं, तो हो सकता है कि इसके कारण बहुत मामूली हों।
इसलिए ध्यान रहे कि आपकी बातचीत में किसी भी आरोप-प्रत्यारोप का स्कोप न हो। अपना पक्ष बताते हुए पार्टनर को यह बताएं कि उनका ऐसा करना आपको कैसा महसूस कराता है।
जब आप उनसे उनके एक्स को संदेश भेजने के बारे में पूछें, तो अपने पार्टनर की प्रतिक्रिया पर ध्यान दें। क्या वह गुस्सा, सरप्राईज्ड या डिफेंसिव हैं या वे शांत होकर अपना पक्ष रख रहे हैं और एक वास्तविक स्पष्टीकरण देने की कोशिश कर रहे हैं? इससे आपको बेहतर निर्णय लेने में मदद मिलेगी कि आपको वास्तव में अपने रिश्ते के बारे में चिंतित होना चाहिए या नहीं।
आप इस विषय को अपने दिमाग से निकालने में सक्षम नहीं हैं, पर अब इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि इस बात को हर पांच सेकंड में बातचीत में लाया जाए। ऐसा करने से आपको स्थिति से निपटने में मदद नहीं मिलेगी, बल्कि हो सकता है आपका पार्टनर आपकी इस हरकत से चिढ़ ही जाए।
यह आपके साथी को परेशान कर सकता है। इसका यह मतलब भी नहीं कि विषय को अनदेखा करें या आपकी भावनाओं को दरकिनार ही कर दें। बात सिर्फ इतनी है कि ऐसे संवेदनशील मुद्दे पर आप दोनों के बीच दो वयस्कों की तरह बातचीत होनी चाहिए। मन में आई बातों को सोचें और साथी से साझा करें बस ध्यान रहे कि आपका लहजा पूरी तरह संयमित हो।
एक्सपर्ट माथुर इस मुद्दे के समाधान पर बात करते हुए कहते हैं कि कई बार गुस्से में इंसान कुछ भी समझने-बूझने के काबिल नहीं रह जाता है। ऐसे में ज़रूरी है कि समस्या के सामने आते ही रिएक्ट न करने लग जाएं। अपना समय लें और बात करने या सवाल करने से पहले खुद को संयमित कर लें।
मामले को शालीनता के साथ एनालाइज़ करें और प्रॉब्लम सॉल्विंग एप्रोच रखें। याद रहे कि अपने तर्कों से पहले ही शॉट में रन आउट कर आपको कोई मैच नहीं जीतना, बल्कि अगर गुंजाइश हो तो अपना रिश्ता टूटने से भी बचाना है।
अपने साथी के उनके एक्स के साथ अच्छे संबंध रखने को लेकर आप सहज हैं या यह असहज? अपने साथी के साथ जाने के बजाय, आप जो महसूस करते हैं उसे साझा करना बुद्धिमानी होगी। स्पष्ट रूप से बातचीत करना इस समस्या का एकमात्र समाधान है, जो आपको स्थिति से नेविगेट करने में मददगार हो सकता है।
तुरंत किसी निष्कर्ष पर न पहुंचें। इसके बजाय, स्पष्ट रूप से सोचने के लिए समय निकालें, सुनें कि आपके साथी को क्या कहना है, और उसके बाद ही तय करें कि आप क्या करना चाहती हैं। यदि आप नहीं चाहते कि आपका साथी अपने पिछले प्रेमी से बात करना जारी रखे, तो इस बात को स्पष्ट रूप से कहें और ध्यान रखें कि यह फीलिंग होना कोई बड़ी बात नहीं है।
साथ ही अगर आपका साथी अपने एक्स से बातचीत जारी रखता है, तो उसका पक्ष और उसके कारण के बारे में भी ज़रूर विचार करें।
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