मूड अपने आप में बहुत जटिल है। कई कारक इसे प्रभावित (Mood Swings) करते हैं और इसमें योगदान करते हैं। मानसून आने पर बारिश का मौसम शुरू हो जाता है। धरती पर गिड़ती हुई वर्षा की बूंदे मन को बहुत सुहावनी लगती हैं। मन तनाव मुक्त हो जाता है। कई शोध बताते हैं कि मानसून मेंटल हेल्थ को पॉजिटिव रूप में प्रभावित करता (rainy Season effect on mental health) है। हालांकि यह अलग-अलग व्यक्ति में काफी अलग भी हो सकता है।
प्रकृति में समय बिताना शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए मददगार हो सकता है। यहां तक कि प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा पाने के लिए घर के चारों ओर कुछ मिनट टहलने से भी मूड अच्छा हो सकता है। इससे जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। जंगलों, समुद्र तटों और यहां तक कि सुंदर पेड़-पौधों से भरे पार्क जैसे प्राकृतिक क्षेत्र में समय बिताना चाहिए। इससे अवसाद के लक्षणों को कम किया जा सकता है। प्रकृति वैकल्पिक चिकित्सा विधि की तरह काम करती है। यह मेंटल हेल्थ के लिए थेरापयूटिक का काम करती है।
अमेरिका के मिशिगन विश्वविद्यालय के अध्ययन के निष्कर्ष के अनुसार, बारिश की आवाज़ का मन पर शांत प्रभाव डालता है। यह सकारात्मक हो सकता है। बारिश हमारी सकारात्मकता और रचनात्मक कौशल (Rainy Season for Creativity) को और भी अधिक निखार सकता है। यह भी पाया गया कि बारिश ख़ुशी देती है। खुशनुमा मौसम में बाहर रहने से याददाश्त (Pleasant Weather Boost Memory) में भी सुधार हो सकता है। इससे संज्ञानात्मक शैली का विस्तार हो सकता है, जो अधिक रचनात्मक विचारों से जुड़ा हुआ है।
मिशिगन विश्वविद्यालय के अध्ययन यह भी बताते हैं कि लंबे समय तक बारिश होने पर मन पर बुरा प्रभाव भी पड़ सकता है। लगातार धूप की कमी और उमस वाले मौसम से नीरसता का एहसास हो सकता है। मन उदासी और अवसाद से भर सकता है। कुछ लोगों को मौसम के कारण मूड में अधिक गंभीर बदलाव का अनुभव हो सकता है। यह सीज़नल अफेक्टिव डिसऑर्डर (SAD) का कारण बनता है।
जर्नल ऑफ़ नेचर एंड साइंस ऑफ़ मेडिसिन में प्रकाशित शोध के निष्कर्ष के अनुसार, प्रकृति हमेशा इंसान के मन पर बढ़िया प्रभाव डालती है। प्रकृति के बीच समय बिताने पर कई मानसिक स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं। प्रकृति में अधिक समय बिताने से शारीरिक गतिविधि और सूर्य के प्रकाश से शरीर का संपर्क भी बढ़ता है।
शारीरिक गतिविधि बढ़ने से उच्च गुणवत्ता वाली नींद, बेहतर पोषण और समग्र शारीरिक स्वास्थ्य और वेलनेस में वृद्धि (Improves Mental Health) हो सकती है। अवसाद, चिंता और अन्य मानसिक बीमारियों के उपचार में प्रकृति का साथ मिलने का प्रभाव सकारात्मक हो जाता है। इसे जीवनशैली-आधारित सुधार (Improves Lifestyle) के रूप में जाना जाता है। जीवनशैली-आधारित सुधार अक्सर मानसिक स्वास्थ्य के लक्षणों (Mental Health Symptoms) को सुधारने या कम करने के लिए चिकित्सा और दवा के साथ काम कर सकता है।
जर्नल ऑफ़ नेचर एंड साइंस ऑफ़ मेडिसिन में प्रकाशित शोध के शोधकर्ताओं के अनुसार, बारिश की बूंदें सूर्य के प्रकाश की तरह काम कर सकती हैं। विटामिन डी के स्रोत सनलाइट की तरह बारिश की बूंदें सेरोटोनिन के उत्पादन में सहायता कर सकती हैं। सेरोटोनिन को खुशी का हार्मोन कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण हार्मोन है, जो अक्सर मूड को नियंत्रित करने में भूमिका निभाता है। एक निश्चित अवधि तक बारिश के मौसम को देखने पर अवसाद से पीड़ित रोगियों को फायदा पहुंच सकता है।
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