चिड़चिड़ापन (Irritation), मूड स्विंग (Mood swings), जल्दी गुस्सा (Aggression) आ जाना, ये सिर्फ पीएमएस का संकेत नहीं है। यह सब वातावरण में बढ़ती गर्मी (Heat) के कारण भी हो सकता है। जी हां… आपने सही सुना मौसम में बढ़ती गर्मी (Summer season) आपके गुस्से और चिड़चिड़ेपन को बढ़ा सकती है।
आपके सुना होगा कि गर्मी के कारण लोगों की तबियत खराब होने लगती हैं। लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे – उल्टी, दस्त, घबराहट, लू लगना, हीटस्ट्रोक आदि। हीटस्ट्रोक के बावजूद, कम ही लोग जानते हैं कि गर्म मौसम मन और मनोदशा को भी प्रभावित कर सकता है। आइए जानते हैं कि कैसे बढ़ता तापमान आपकी ब्रेन हेल्थ को प्रभावित (How temperature affect your brain and mood) करने लगता है।
ज्यादातर लोग हीट के कारण चिड़चिड़ापन महसूस करते हैं, लेकिन गर्मी में बैठने से कुछ लोग आक्रामक और हिंसक हो जाते हैं।
अमेरिका में एरिज़ोना रिसर्च सेंटर के एक अध्ययन में पाया गया कि उच्च तापमान के कारण लोग आक्रामक हो जाते हैं और सड़क पर ज़्यादा हॉर्न बजाने लगते हैं। एक अन्य अमेरिकी अध्ययन में पाया गया कि बढ़ता तापमान हिंसा में 4% और सामूहिक हिंसा में 14% की वृद्धि का कारण बनता है। ऐसा सामने आया है कि गर्मी की लहरों ने स्पेन में सड़क दुर्घटनाओं के जोखिम को 7.7% बढ़ा दिया।
गर्मी का मौसम मस्तिष्क के कार्य, सीखने और काम करने की स्मृति को भी प्रभावित करता है। कई अध्ययनों में सामने आया है कि ए.सी. में काम करने वाले लोग ज़्यादा प्रॉडक्टिव तरीके से काम कर पाते हैं, बजाय उनके जो गरम वातावरण में काम करते हैं।
नेचर जर्नल (Nature Journal) में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार यह देखा गया कि गर्मी की वजह से लोग डिहाइड्रेटेड हो जाते हैं, जिसकी वजह से उनका शरीर गर्म होने लगता है। इसलिए, हमारी मानें तो गर्मियों में खुद को ठंडा रखें।
एक पल का गुस्सा बहुत सारी चीजों को नुकसान पहुंचा सकता है। ये आपने भी बहुत बार महसूस किया होगा कि किसी मुद्दे पर इतना रिएक्ट करने की जरूरत नहीं थी, जितना आप कर गईं। यह व्यवहार आपकी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए जरूरी है कि आप अपने गुस्से को कंट्रोल रखें। इसके लिए यहां कुछ उपाय दिए गए हैं।
1 सबसे पहले तो खुद को हाईड्रेटेड रखें और कोशिश करें ठंडे वातावरण में रहें। ठंडा पानी पीने से गला खराब हो सकता है इसलिए मटके का पानी पिएं। यह आपको अंदर से ठंडा रखेगा।
2 यदि आप पूरा दिन काम करती रहती हैं, तो कुछ समय के लिए खुद को ब्रेक दें और बालकनी में पौधों के बीच अपना वक़्त बिताएं। नहीं तो अपनी वर्किंग डेस्क पर भी बेबी प्लांट्स लगा सकती हैं। सुबह – सुबह हरी घास पर टहलने से भी फर्क पड़ सकता है।
3 ठंडी तासीर वाले फूड्स का सेवन करें जैसे दही, खसखस का जूस, गन्ने का शर्बत, तरबूज आदि।
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