कहानियां सुननी किसे अच्छी नहीं लगती। कहानियां कहने और सुनने का सिलसिला सदियों से चला आ रहा है। नानी जब कहानियों की पोटली साथ लेकर लेटती है, तो बच्चों को मीठी नींद (Sound Sleep) आ जाती है। बच्चे क्या बड़े भी जब कहानियां सुनते हैं, तो पल भर में तनाव मुक्त हो जाते हैं। जब भी समय मिले, कहानियां जरूर सुनें। कहानियां सुनना (effects of storytelling) आपको पॉजिटिव रहने में मदद कर सकता है।
इन दिनों तो ऑडियो कहानियां कई अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं। बढ़िया कहानियां तो शरीर में महसूस हो रही थकान और छोटे-मोटे दर्द को भी छूमंतर कर देती हैं। तनाव के साथ-साथ स्टोरीटेलिंग कई अच्छे भावों को जगाने में भी मोटिवेटिंग एजेंट का काम (Storytelling is a motivating agent) करती है। ये हम नहीं, वैज्ञानिकों की रिसर्च और साइक्लॉजिस्ट कह रहे हैं।
मुझे याद है कि वर्ष 2018 में मैं दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में आयोजित स्टोरीटेलिंग प्रोग्राम में शामिल होने गई थी। वहां देश-विदेश के कई स्टोरीटेलर जुटे हुए थे। वहां लोकप्रिय स्टोरीटेलर गॉडफ्री डंकन भी शामिल हुए थे।
गॉडफ्री मूल रूप से दक्षिण अमेरिकी देश गुयाना के हैं, लेकिन वे लंदन में रहते हैं और भारत, ईरान, अफ्रीकी और यूरोपीय देशों में प्रचलित लोक कहानियों को भी सुनाते हैं।
उन्होंने बताया, ‘मेरी स्टोरीटेलिंग सेशन में कई बार ऐसा भी हुआ है कि कहानियां सुनकर लोग बेहद भावुक हो गए। उनकी आंखों से आंसू निकलने लगे। जब स्टोटीटेलिंग सेशन समाप्त होता, तो वे मेरे पास आकर कन्फेस करते कि उन्होंने इस सिचुएशन में दूसरे लोगों के साथ गलत किया था या उनके साथ गलत हुआ था।
एक तरह से कहानियां मन के बुरे भावों को धोने का काम करती है। उसके बाद व्यक्ति खुद को हल्का महसूस करता है।
वर्ष 2014 में अमेरिका के सेंटर फॉर न्यूरोइकोनॉमिक्स स्टडीज, इमरसन न्यूरोसाइंस के सीईओ और साइकोलॉजी तथा इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर पॉल जे जैक ने अपनी स्टडी के निष्कर्ष में बताया कि स्टोरी टेलिंग हमारे एटीट्यूड, विश्वास और व्यवहार में भी बदलाव लाती है। यह व्यक्ति में दबे अच्छे भावों को बाहर लाती है।
पॉल जे जैक अपने शोध आलेख में बताते हैं, स्टोरीटेलिंग के माध्यम से हम जिन पात्रों की कहानियां सुनते हैं, उनसे हम बंध जाते हैं। इससे ऑक्सिटोसिन सिंथेसिस लगातार होने लगता है। जितना अधिक ऑक्सिटोसिन रिलीज होता है, उतना ही अधिक व्यक्ति दूसरों की मदद करने के लिए तत्पर होता है।
उनके शोध के अनुसार, कहानियों के पॉजिटिव पात्र लोगों का सारा ध्यान अपनी ओर खींच लेने में समर्थ हो जाते हैं। कहानियां सुनने के बाद व्यक्ति भावुक हो जाता है और अच्छे काम करने के लिए प्रेरित हो जाता है।
अमेरिका की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन-पबमेड सेंट्रल में वर्ष 2021 में प्रकाशित हुए एक शोध के अनुसार, स्टोरी टेलिंग के फिजियोलॉजिकल और साइकोलॉजिकल, दोनों तरह के प्रभाव पड़ते हैं।
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कस्टमाइज़ करेंइंटेसिव केयर में रखे गए कुछ बच्चों पर एक स्टडी की गई। बच्चों को जब स्टोरीटेलिंग का एक सेशन दिया गया, तो पाया गया कि उनमें ऑक्सिटोसिन हार्मोन की मात्रा बढ़ी हुई थी और कॉर्टिसोल और दर्द की अनुभूति में कमी हुई थी।
उनमें पॉजिटिव इमोशनल शिफ्ट देखा गया। अध्ययनकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि अच्छी और प्रेरणादायी कहानियों के माध्यम से कम खर्च में बीमार बच्चों या लोगों के स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता है।
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