तनावपूर्ण हो सकती है ब्रेकअप के तुरंत बाद नए रिश्ते की शुरुआत, इन 5 कारणों से आपको लेना चाहिए समय

एक रिश्ते के खराब अंत के बाद दूसरे रिश्ते की शुरूआत किसी भी तरह से गलत नहीं है। मगर इसके लिए आपको अपने आप को समय देना चाहिए। जानते हैं कैसे ब्रेकअप के बाद नए रिश्ते की शुरूआत है तनावपूर्ण (Dangers of rebound relationship)।
Rebound relationship ke nuksaan
जानते हैं कैसे ब्रेकअप के बाद नए रिश्ते की शुरूआत है तनावपूर्ण (Dangers of rebound relationship)। चित्र : अडोबी स्टॉक
Published On: 22 Feb 2024, 07:00 pm IST
Dr. Yuvraj pant
इनपुट फ्राॅम

छोटी-छोटी बातों पर दिल टूटना आम बात है। पर कभी-कभी मसले इतने गंभीर हो जाते हैं कि आप एक-दूसरे से अलग होने का फैसला करते हैं। ब्रेकअप (breakup) और डाइवोर्स (divorce) के मामले इन दिनाें लगातार बढ़ रहे हैं। पर इसके बाद जब खालीपन महसूस होता है, तब लोग ध्यान भटकाने या खुद को इमोशनल सेटिस्फाइड (emotional satisfied) करने के लिए एक नए रिश्ते की तलाश शुरू कर देते हैं। एक रिश्ते के खराब अंत के बाद दूसरे रिश्ते की शुरूआत किसी भी तरह से गलत नहीं है। मगर इसके लिए आपको अपने आप को समय देना चाहिए। रिलेशनशिप एक्सपर्ट मानते हैं कि एक रिश्ते के अंत के तुरंत बाद दूसरा रिश्ता शुरू कर लेना आपको पहले से भी ज्यादा तनाव और दुख दे सकता है। आइए जानते हैं कैसे ब्रेकअप के बाद नए रिश्ते की शुरूआत है तनावपूर्ण (Dangers of rebound relationship)।

रिबाउंड रिलेशनशिप किसे कहते हैं (What is rebound relationship)

मनोचिकित्सक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि रोमांटिक ब्रेकअप के तुरंत बाद अपनी फीलिंग्स को समझे और जाने बिना किसी अन्य रिश्ते में खुद को बांधना रिबाउंड रिलेशनशिप (rebound relationship) कहलाता है। इससे जहां व्यक्ति तनाव और डिप्रेशन में घिरने से बच जाता है। वहीं नए रिश्ते में खुद को ढालने और एक्सेप्ट करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। जल्दबाजी में शुरु किया गया रिश्ता कभी-कभी आपके लिए दोहरे तनाव का कारण भी बन सकता है। इसलिए समय लेना जरूरी है।

breakup apko past relationship se sikhne ka mauka hai
ब्रेकअप के बाद कई तरह की शारीरिक समस्याएं, चिताएं और तनाव आदि पैदा हो जाते हैं। ऐसे में स्ट्रेस हार्मोंन बढ़ता है। चित्र- अडोबी स्टॉक

कैसे होती है रिबाउंड रिलेशन की शुरूआत

आमतौर पर ऐसे रिश्तों में स्थिरता की कमी रहती है और व्यक्ति जबरदस्ती खुद को खुश रखने का प्रयास करने लगता है। भावनाओं के न मिलने से दो लोग साथ होते हुए भी क्वालिटी टाइम एंजॉय नहीं कर पाते हैं। दरअसल, पहला रिश्ता टूटने के बाद लोगों में अकेलापन बढ़ने लगता है, जिसे दूर करने के लिए लोग हड़बड़ाहट में रिबाउंड रिलेशनशिप (rebound relationship) का सहारा लेते हैं।

जर्नल ऑफ सोशन एंड पर्सनल रिलेशनशिप्स के अनुसार जीवन में पूर्व साथी के इमोशनल और प्रेक्टिकल गैप को भरने करने के लिए रिबाउंड रिश्ते (rebound relationship) बनाए जाते हैं। शोध में पाया गया है कि सोशल रिजेक्शन लोगों को नए रिश्ते बनाने के लिए प्रेरित करने लगता है। रिसर्च के अनुसार जैसे ही व्यक्ति को पुराने पार्टनर के समान ही किसी अन्य व्यक्ति में बातें और आदतें नज़र आने लगती है, तो उसे जिंदगी में शामिल कर रिबाउंड रिश्ते की शुरूआत होने लगती है।

ब्रेकअप के तुरंत बाद नए रिश्ते की शुरुआत इन 4 तरह से हो सकती है आपके लिए नुकसानदायक

1 इमोशनल बैगेज कनैक्शन नहीं बनने देता (Emotional baggage connection)

हर व्यक्ति की भावनाएं अलग होती हैं और वो अलग अलग कारणों से हर्ट होने लगती है। ब्रेकअप के बाद खुद के साथ समय बिताना ज़रूरी है ताकि सभी पुरानी बातों पर एकचित्त होकर ध्यान केंद्रित किया जा सके। अपनी भावनाओं पर फोकस किए बिना और ये समझे बिना कि पुराना रिश्ता किन कारणों से टूटा व्यक्ति नए रिश्ते में इंवाल्व होने लगता है। सोच विचार पर समय खर्च किए गए बगैर किसी नए रिश्ते में रिबाउंड होने ने भावनाओं की अवहेलना का खतरा बना रहता है। इसमें आप अपने साथी से इमोशनली कनैक्ट नहीं हो पाते हैं।

emotional attechment khatm hona
कई बार हम रिश्ते में पहले जैसा जुड़ाव महसूस नहीं करते। चित्र- अडोबी स्टॉक

2 तुलनात्मक व्यवहार किसी भी पल को एन्जाॅय नहीं करने देता (Comparison)

जहां एक तरफ लोगों को ब्रेकअप की जल्दी रहती है, तो वहीं वे नए रिश्ते में बंधने में भी ज्यादा वक्त नहीं लेते हैं। इससे आपके जीवन में तनाव तो कम हो सकता है। मगर व्यक्ति अपने पास्ट को पूरी तरह से भूलकर आगे नहीं बढ़ पाता है। आत्मचिंतन का समय न मिल पाने के कारण व्यक्ति पुरानी यादों से बाहर नहीं आ पाता है बल्कि वो अपने कल की अपने आज से तुलना करने लगता है। इससे नए रिश्ते खुशहाली नहीं आ पाती है।

3 आप इस नए रिश्ते से बहुत ज्यादा एक्सपेक्टेशंस रखने लगते हैं (Increasing expectations)

नए रिश्ते में आने के बाद व्यक्ति की उम्मीदें और इच्छाएं पार्टनर से बढ़ने लगती है। ब्रेकअप के बाद अब व्यक्ति नए पार्टनर से अटेंशन की चाहत रखता है, वो चाहता है कि नए रिश्ते में उसे हर पल स्पेशल फील करवाया जाए। मगर वास्तव में प्यार का नाम लेना नहीं बल्कि देना है और हर व्यक्ति का व्यवहार अलग होता है। कुछ लोग खुशहाल मिजाज के होते हैं, तो कुछ शांत या अकेले रहना ज्यादा पंस करते हैं।

Pollपोल
स्ट्रेस से उबरने का आपका अपना क्विक फॉर्मूला क्या है?

अब बिना जाने बूझे किसी से रिलेशन बिल्ड करने से पहले आपको इन सभी बातों की जानकारी नहीं मिल पाती है। ऐसे में नए पार्टनर से जुड़ी एस्पेक्टेशंस पूरी न होने पर व्यक्ति मायूस हो जाता है। इससे रिश्ते में खिन्नमा बढ़ने लगती है।

Jaante hain relationship mei expectation kyun badhti hain
नए रिश्ते में आने के बाद व्यक्ति की उम्मीदें और इच्छाएं पार्टनर से बढ़ने लगती है। चित्र- अडोबी स्टॉक

4 पुरानी मैमोरीज आपको आगे नहीं बढ़ने देतीं (Old memories)

नए रिश्ते की शुरूआत के बाद भी बहुत से लोग अपने एक्स बॉयफ्रैंड या गर्लफ्रैंड को भूल नहीं पाते हैं या फिर उनके संपर्क में बने रहते हैं। इससे नए रिश्ते को बचाने और आगे बढ़ाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। दरअसल, व्यक्ति के इमोशंस अगर अपने पुराने साथी से जुड़े रहेंगे, तो आगे बढ़ने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

5 उपरोक्त कारण नए साथी को इरिटेट कर सकते हैं (Irritating reasons)

हड़बड़ाहट में किसी नए बॉन्ड को क्रिएट करने के बाद व्यक्ति के मन में लंबे वक्त तक उस रिश्ते के लिए फीलिंग्स नहीं रह पाती हैं। धीरे-धीरे रिश्ते में दूरी आने लगती है। किसी भी आउटिंग, पार्टी या एक्टीविटी में नए पार्टनर को शामिल करना ज़रूरी नहीं समझते है। इससे रिश्तों में मिसअंडरस्टैण्डिंग बढ़ने लगती है और कई बार रिश्ते टूट भी जाते हैं। कोई भी नया रिश्ता बनाने से पहले आपसी बातचीत और फीलिंग्स का मैच होना ज़रूरी है।

ये भी पढ़ें- छोटी उम्र से ही सिखाएं बच्चों को इमोशनल मैनेजमेंट, ये 4 टिप्स हो सकते हैं मददगार

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

  • Google News Share
  • Facebook Share
  • X Share
  • WhatsApp Share
लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

अगला लेख