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प्यारी ध्वनियां अथवा संगीत बढ़ा सकते हैं आपकी प्रोडक्टिविटी और मानसिक शांति, जानिए कैसे

आवाज या ध्वनि को अक्सर प्रदूषण से जोड़ा जाता है। आप मानते है कि यह जितना कम हो उतनी शांति रहती है। लेकिन हम बता दें कि कुछ खास ध्वनियां ऐसी भी हैं, जो आपके मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
सकारात्मक ध्वनि आपके मन पर अच्छा प्रभाव डालती है। चित्र:शटरस्टॉक
अदिति तिवारी Published: 6 Dec 2021, 09:30 am IST
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ध्वनि श्रोता में शक्तिशाली प्रतिक्रियाएं उत्पन्न करने में सक्षम है। चाहे वह अचानक तेज़ शोर हो जिससे आप डर जाते हैं या खेलते बच्चों की बेकाबू हंसी जो आपके चेहरे पर भी मुस्कान ले आती है। आप लगातार किसी न किसी आवाज या ध्वनि से घिरे हुए हैं। जब इसकी तीव्रता बढ़ जाती है, तो यह शोर माना जाता है। शोर आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गहरा प्रभाव डालता है। यही कारण है कि आप अक्सर शांति में रहना पसंद करते हैं। लेकिन हम बता दें कि कुछ ध्वनियां आपके मस्तिष्क को सन्नाटे से ज्यादा फायदा पहुंचाती हैं। आइए जानते हैं कुछ सकारात्मक ध्वनियों का मस्तिष्क पर असर।  

जानते हैं खास ध्यानियों का आपकी मेंटल हेल्थ पर प्रभाव 

आपके मन की स्थिति पर ध्वनियों का प्रभाव बहुत गहरा पड़ता है। जैसे, संगीत मनुष्यों में कुछ सबसे मजबूत भावनात्मक प्रतिक्रियाएं पैदा कर सकता ह। चाहे वह खुशी हो, दुख हो, भय हो या विषाद, संगीत और कुछ खास ध्वनियां, आपकी मेंटल हेल्थ के लिए वरदान हैं। 

कुछ ध्वनियां आपको सकारात्मक रखती है। चित्र : शटरस्टॉक

असल में ध्वनि कंपन की एक श्रृंखला है, जो मस्तिष्क के वेस्टिबुलोकोक्लियर तंत्रिका (vestibulocochlear nerve) के माध्यम से आपके मिजाज को प्रभावित करती है। 

समुद्र की लहरों की आवाज या चिड़ियों का चहकना, आपको नींद और रीलैक्स महसूस करवाता है। आपको पता है क्यों? विज्ञान वास्तव में इसे हाल तक नहीं समझ पाया था। लेकिन ब्राइटन एंड ससेक्स मेडिकल स्कूल (BSMS) के शोधकर्ताओं ने पाया कि ‘प्राकृतिक ध्वनियां’ बजाने से शारीरिक प्रणाली प्रभावित होती है। यह मस्तिष्क की आराम गतिविधि को नियंत्रित करने में मदद करती है। 

क्यों प्यारी लगती हैं कुछ ध्वनियां?

जब आप गाते हैं, तो संगीत कंपन आपके माध्यम से आपके शारीरिक और भावनात्मक परिदृश्य को बदलते हैं। गाने से एंडोर्फिन (endorphine), मस्तिष्क के ‘फील गुड’ रसायनों के साथ-साथ अन्य हार्मोन, ऑक्सीटोसिन (oxytocin) को उत्तेजित करता है, जिसे ‘लव’ या ‘कडल’ हार्मोन के रूप में जाना जाता है। एक सर्वे में पाया गया कि नियमित रूप से गाने वाले व्यक्तियों में उच्च स्तर की भावनात्मक स्थिरता और कल्याण पाया गया है। 

मेंटल हीलिंग के लिए कुछ विशेष ध्वनियां 

1. तिब्बती ट्यूनिंग फोर्क

यह एक अभ्यास है, जो आपके दिमाग और शरीर को आराम देने के लिए कंपन का उपयोग करता है। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना ​​है कि यह चिंता और अनिद्रा सहित अन्य बीमारियों को दूर कर सकता है। साउंड हीलर (sound healer) का कहना है कि यह रक्तचाप को कम करके, ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करके और श्वसन दर को कम करने का काम करता है। 

विज्ञान कहता है कि यह साउन्ड हीलिंग का एक तरीका है। जबकि संगीत और ध्यान के लाभों पर बहुत सारे अध्ययन हैं। बड़े पैमाने पर हुए कुछ अध्ययनों ने विशेष रूप से तिब्बती ट्यूनिंग फोर्क द्वारा ध्वनि उपचार पर भी ध्यान दिया है।

2. ओम का उच्चारण 

ओम का उच्चारण एक शक्तिशाली क्रिया है, जो आपके मस्तिष्क को जीवंत करने में मदद करती है। इस उच्चारण से निकला ध्वनि कंपन आपके ब्रेन के नर्व्स को सक्रिय बनाता है। इतना ही नहीं यह आपके मन को शांत करने और बेफिक्र नींद पाने में मदद करता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ओम का उच्चारण आपकी आत्मा को शांत कर देता है, जिसकी मदद से अवसाद, एंग्जायटी, चिड़चिड़ापन, घबराहट, व्याकुलता जैसे मानसिक विकारों का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह पूरे शरीर में रक्त का संचार करता है और संतुलन बनाए रखता है। 

ओम उच्चारण एक शक्तिशाली क्रिया है। चित्र: शटरस्‍टॉक

यह जानना भी जरूरी है 

एक शोध पानी पर ध्वनियों के प्रभाव को जांचने के लिए किया गया था। इसके परिणाम काफी रोमांचक रहे। वह पानी जो हंसी, प्यार या यहां तक कि पास में खेल रहे एक बच्चे की सकारात्मक ध्वनि स्पंदनों के संपर्क में था, क्रिस्टल को सुंदर रूपों में बदलने में कामयाब रहा। जबकि नकारात्मक व्यवहार और अराजक संगीत ने इसके विपरीत काम किया।

आपको यह याद रखना होगा कि हमारा शरीर  60-70% पानी से बने हैं। इसलिए इस और अन्य शोधों के परिणाम इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि हमारी सोच, दृष्टिकोण और यहां तक ​​कि जिन लोगों के साथ हम खुद को घेरते हैं, वे हमारे मन की स्थिति और समग्र रूप से महत्वपूर्ण हो सकते हैं। 

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ध्वनि किसी भी रूप में संतुलन और सामंजस्य बनाने में कारगर है। इसलिए उन ध्वनियों के प्रति सचेत रहें, जिनके संपर्क में आप आते हैं। उन वातावरणों की आवाज़ो का ख्याल रखें, जिनमें आप सबसे अधिक समय बिताते हैं। 

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अदिति तिवारी

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