ओवरथिंकिंग यानी कि किसी भी बात के बारे में अत्यधिक सोचना और उसे लेकर चिंतन करते रहने वाले व्यक्ति सामान्य व्यक्ति की तुलना में अधिक परेशान रहते हैं। वहीं ऐसे लोग खुद को मानसिक रूप से बीमार कर लेते हैं। पर ओवरथिंकिंग का प्रभाव केवल मानसिक स्वास्थ्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आपको शारीरिक समस्याओं से भी ग्रसित कर सकता है। अब आप सोच रही होंगी कि आखिर ओवरथिंकिंग शारीरिक परेशानियों का कारण कैसे बन सकती है? तो चिंता न करें, आज हम आपके इसी सवाल का जवाब लेकर आए हैं।
शारीरिक स्वास्थ्य पर ओवरथिंकिंग के प्रभाव के बारे में जानने के लिए हेल्थ शॉर्ट्स ने सर गंगा राम हॉस्पिटल, नई दिल्ली में सायकेट्री डिपार्मेंट की सीनियर कंसल्टेंट डॉ आरती आनंद से बात की। मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट ने शारीरिक स्वास्थ्य पर ओवरथिंकिंग के प्रभाव के बारे में बताया है। तो चलिए जानते हैं, इस बारे में अधिक विस्तार से (Effect of overthinking on physical health)।
निर्णय लेने में कठिनाई
भावनात्मक अनुपस्थिति
उन्निद्रता
आक्रमण
क्रोध
अकेलापन
तनाव
बार बार किसी विचार को दोहराना
ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई
यदि आप ओवरथिंकिंग करती हैं, या बार-बार किसी एक ही बात को सोचती रहती हैं, तो ऐसा करने से आपका मन अशांत हो जाता है। यह तनाव को आमंत्रित कर सकता है, जिससे आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ऐसे में यह आपको स्ट्रोक या दिल के दौरे जैसी हृदय समस्याओं के प्रति संवेदनशील बना सकता है। उच्च तनाव का मतलब उच्च कोलेस्ट्रॉल स्तर, वहीं इस स्थिति में लोग धूम्रपान और शराब के सेवन जैसी अस्वास्थ्यकर आदतें भी अपना सकते हैं। इन सभी का सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है।
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क्या आप बहुत कोशिश करते हैं, लेकिन आपके कभी न ख़त्म होने वाले विचार आपको जगाए रखते हैं? खैर, सोने में परेशानी का सामना करना ओवरथिंकिंग के सामान्य प्रभावों में से एक हैं। यदि आप ज़्यादा सोचती हैं, तो आप रात में अच्छी नींद नहीं ले पाती और अगली सुबह आपको सुस्ती, चिड़चिड़ापन और थकान महसूस होती है। नींद की कमी से आपके लिए काम पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है, उत्पादकता कम हो जाती है, आपको अधिक भूख लगती है जिससे वजन तेजी से बढ़ सकता है।
ओवरथिंकिंग करने से कुछ लोगों में भूख की कमी महसूस हो सकती है। यह आपके मस्तिष्क को व्यस्त रखता है और मस्तिष्क तक यह संकेत नहीं जाने देता कि आपको भूख लगी है या खाने का समय हो गया है। डॉ. के अनुसार अगर आप ज़्यादा सोचने की वजह से तनावग्रस्त हैं, तो आप खाना नहीं खा पाते या कई बार ज़्यादा खाना शुरू कर देते हैं। दोनों आदतें आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं।
ज़्यादा सोचने के कारण होने वाला तनाव आपके पाचन स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है, क्योंकि इससे पेट में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है। ओवरथिंकिंग करने से तनाव के परिणामस्वरूप गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं जैसे इन्फ्लेमेटरी वावेल डिजीज (आईबीडी), या यहां तक कि इरिटेबल वावेल सिंड्रोम (आईबीएस) की समस्या जो सकती है।
ओवरथिंकिंग करने से तनाव बढ़ता है, और जब आप तनाव में होती हैं, तो शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। कॉर्टिसोल का बढ़ता स्तर इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है, ऐसे में एलर्जी, संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
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