जिंदगी में हर रोज़ कई प्रकार के बदलाव आते हैं। अब जैसे नया साल आने को है, मगर अब भी अतीत की कुछ यादें ऐसी हैं, जिनसे आप खुद को दूर नहीं कर पा रहे हैं। एकाएक उदास होकर पुरानी यादों में खो जाना व्यक्ति को अंदर ही अंदर रोमांच से भर देता है। 1600 के दशक में चिकित्सक जोहान्स होफर ने पहली बार नॉस्टैल्जिया (nostalgia) शब्द को प्रयोग किया था। उन्होंने इस शब्द का इस्तेमाल होमसिकनेस, अनिद्रा और चिंता के संदर्भ में किया जो स्विस सैनिकों ने उस वक्त महसूस किया। उस दौरान वे अपने अपने घरों से दूर जंग लड़ रहे थे। पुराने दिनों और बीती यादों (Benefits of nostalgia) के बारे में सोचना आपके माइंड को पॉजिटिव बनाता है।
फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी जर्नल में छपे 2020 के एक शोध के अनुसार नॉस्टैल्जिया (nostalgia) किसी भी व्यक्ति के अंदर ऑप्टीमिज़्म और इंस्पीरेशन बढ़ाने का एक तरीका है। इससे आपके विचार सकारात्मक होने लगते हैं। साथ ही ये जीवन में अपना उद्देश्य खोजने में मदद कर सकता है। शोध में इस बात पर भी रोशनी डाली गई कि जैसे.जैसे लोग बड़े होते हैं, पुरानी यादें उन्हें युवा महसूस कराने लगती हैं। इससे आप खुशी का अनुभव करते हैं।
नॉस्टैल्जिया उस सिचुएशन को कहते हैं, जब दिमाग समय के पहले बिंदु पर लौटने की अचानक इच्छा करता है। उस वक्त मन सुखद अनुभवों की यादों में खोने लगता है। क्लिनिकल साइकॉलजिस्ट धन्या चंद्रन का कहना है कि नॉस्टैल्जिया को सिर्फ यादों से ज्यादा एक भावना के रूप में देखा जाता है, जिसमें थॉटस और इमोशंस दोनों ही शामिल रहते हैं।
नॉस्टैल्जिया (nostalgia) अक्सर सकारात्मक भावनाओं को बढ़ाने का काम करता है। जब व्यक्ति किसी कारणवश तनाव से घिरा होता है, तो अतीत की वो यादें चेहरे पर एक प्यारी सी स्माइल दे जाती हैं। इससे मन प्रफुल्लित हो उठता है और व्यक्ति आशावादी भी बना रहता है।
पिछली सफलताओं और खुशी के क्षणों की यादें व्यक्तियों को हर पल प्रेरित करती रहती हैं। धान्य चंद्रन के अनुसार यह उन्हें नए लक्ष्यों को पूरा करने और स्किल्स को बढ़ाने के लिए बेहद इंस्पायरिंग साबित होती हैं। इससे व्यक्ति का मन आत्म विश्वास से भरा रहता है।
कई बार पुरानी यादों में खोना सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है। बीते दिनों की खुशियां और हसीन लम्हे वेल बींग का कारण साबित होते हैं। इससे आपके व्यवहार और विचार सकारात्मक होने लगते हैं।
नॉस्टैल्जिया (nostalgia) एक साथी के रूप में हर पल हमारे साथ चलता है। ऐसे में व्यक्ति अकेलेपन को महसूस नहीं करता है। इससे व्यक्ति अपने पास्ट के एक्सपीरिएंस को याद करता है और देखते ही देखते घंटों तक उसमें खोया रहता है। जैसे किसी का पहला प्यार, पहली गाड़ी, पुराना घर और पहली जॉब इत्यादि। नॉस्टैल्जिया( nostalgia) लोगों को उनके व्यक्तिगत इतिहास के सकारात्मक पहलुओं से जोड़ने में मदद करता है।
पिछले अनुभवों से जीवन में गहराई बढ़ने लगती है, जो रोजमर्रा की लाइफ में महत्व को जोड़ने का काम करता है। इससे जीवन जीने का उद्देश्य समझ आने लगता है और व्यक्ति अपने गोल्स को आसानी से अचीव कर पाता है।
नॉस्टेल्जिया सेल्फ रिफलेक्शन को प्रोत्साहित करता है। इसकी मदद से लोग वक्त के साथ साथ अपनी पर्सनल ग्रोथ को समझने लगते हैं। नॉस्टेल्जिया व्यक्तित्व विकास में सहायता प्रदान करने का काम करता है।
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