भांग (Marijuana) को लेकर हमेशा बहस चलती रहती है। कुछ लोग इसे औषधीय लाभों के बारे में बात करते हुए इसका समर्थन करना चाहते हैं। जबकि बहुत से लोग बिना डाॅक्टरी परामर्श के इसके इस्तेमाल, युवाओं में बढ़ती वीड अथवा गांजे की लत को लेकर चिंतित नजर आते हैं। जबकि इन दिनों कुछ सप्लीमेंट्स में भी भांग को सामग्री के तौर पर शामिल किया जा रहा है। ऐसे में यह सवाल उठना स्वभाविक है कि मारिजुआना का सेवन करना चाहिए या नहीं? भांग का किसी भी रूप में सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है या नहीं (Marijuana good or bad)? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
भारत के कुछ राज्यों में भांग (Marijuana) की खेती को लीगल कर दिया गया है। आयुर्वेद में भी इसे औषधि के रूप में शामिल किया गया है। चिकित्सीय रूप से सिमित मात्रा में इसे पेन किलर के तौर पर भी अनुशंसित किया जाता है। इसके आलवा उल्टी और जी मचलने या की समस्या में कारगर होता है। साथ ही यह ब्लड प्रेशर और डायबिटीज में भी फायदेमंद हो सकता है।
भांग एक पौधा है जो अपने मनो-सक्रिय गुणों के लिए जाना जाता है। उपभोग के लिए इसकी पत्तियों को भिन्न भिन्न रूपों में इस्तेमाल किया जाता है। इसकी पत्तियों में कई चिकित्सीय गुण पाए जाते हैं, परंतु दूसरी ओर यह नशीले पदार्थों में भी गिना जाता है। इसे कई शब्दों से जाना जाता है, जैसे ‘पॉट’, ‘वीड’और ‘मारिजुआना’। हालांकि, ये सभी शब्द एक ही पदार्थ को संदर्भित करते हैं। इसे आमतौर पर धूम्रपान के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है और इसे खाया भी जा सकता है।
आयुर्वेद में मारिजुआना को इसके चिकित्सीय गुणों के लिए जाना जाता है। इसे विभिन्न प्रकार के दवाइयों को बनाने में भी इस्तेमाल करते हैं, यह आमतौर पर पाचन संबंधी समस्या, एंग्जाइटी, सिर दर्द और शरीर दर्द के निवारण के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।
आज कल युवा वीड को स्वैग और फन के लिए स्मोक के तौर पर लेते हैं, जिससे कुछ देर के लिए उनका दिमाग शांत हो जाता है और उन्हें बेहतर महसूस होता है। वीड स्मोक करने की लत बेहद खतरनाक हो सकती है। यह लांग टर्म में सेहत को कई नकारात्मक रूपों में प्रभावित कर सकता है।
हेल्थ शॉट्स ने युवाओं में बढ़ रहे वीड के लत को देखते हुए इस विषय पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आदित्य बिड़ला मेमोरियल हॉस्पिटल, पुणे के जनरल फिजिशियन और नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. रंजीत कुमार यादव से बात की। डॉक्टर ने वीड (marijuana) स्मोक की लत को सेहत के लिए बेहद खतरनाक बताया है। तो चलिए जानते हैं यह सेहत को किस तरह नुक्सान पहुंचा सकती है।
आमतौर पर लोग एंग्जाइटी और डिप्रेशन की स्थिति में वीड स्मोक करते हैं जिससे की उन्हें बेहतर महसूस हो। हालांकि, कई शोध में यह सामने आया है की वीड की 2 से 4 पफ आपको हाई कर आपके कॉन्फिडेंस को बूस्ट करती है और आप खुदको बेहतर तरीके से रिप्रेजेंट कर पाती हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग अब्यूज के अनुसार वीड स्मोकिंग की अधिकता के कारण कई लोगों ने एंग्जाइटी, डर, डिस्ट्रैक्शन और पैनिक अटैक का अनुभव किया। इसके अलावा रिसर्च में देखा गया की वीड के हाई डोज से कुछ लोगों को एक्यूट साइकोसिस का सामना करना पड़ा। एक्यूट साइकोसिस के लक्षण के तौर पर मतिभ्रम, भ्रम, और पर्सनल आइडेंटिटी लॉस का सामना करना पड़ता है।
गांजे की अधिकता संभावित रूप से हृदय, फेफड़ों और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है। यह हृदय संबंधी स्थितियों या घटनाओं, जैसे की हार्ट अटैक और स्ट्रोक को ट्रिगर कर सकता है। गाजें के उपयोग के बाद कुछ मामलों में टैचीकार्डिया और एट्रियल फाइब्रिलेशन जैसी असामान्यताएं हो सकती हैं क्योंकि टीएचसी हृदय गति को बढ़ाता है, जिससे हृदय की ऑक्सीजन की आवश्यकता बढ़ जाती है, धमनियों की दीवारें बाधित होती हैं और यह उच्च रक्तचाप में योगदान दे सकता है।
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यदि आप नियमित रूप से वीड स्मोक करती हैं, तो इससे खांसी, घरघराहट, कफ और श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है। जब आपको एनेस्थीसिया दिया जाता है तो इससे समस्या हो सकती है, आपका वायुमार्ग अधिक संवेदनशील हो सकता है। सांस लेने में परेशानी होने के साथ-साथ, आपको ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको अस्थमा का दौरा पड़ रहा है या आपके फेफड़ों में ऑक्सीजन की कमी हो गई है।
मारिजुआना का धुआं आपके फेफड़ों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। यदि आप इसका नियमित रूप से उपयोग कर रही हैं, तो आपको भी सिगरेट पीने वाले व्यक्ति की तरह सांस लेने में समस्या हो सकती है। इस स्थिति में बलगम के साथ लगातार खांसी होता है। आपके फेफड़ों में अधिक आसानी से संक्रमण पकड़ सकता है। ऐसा आंशिक रूप से इसलिए होता है क्योंकि THC उपयोगकर्ताओं की प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर देता है।
वीड स्मोकिंग की लत विजुअल फंक्शन जैसे की विजुअल अक्यूटि, कंट्रास्ट सेंसिटिविटी, थ्री डाइमेंशन विज़न को उत्तेजित करती है। वास्तव में, गांजे के सेवन से आपकी ध्यान केंद्रित करने की क्षमता प्रभावित होती है और किसी भी काम पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने में समस्या हो सकती है।
डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर जैसी स्थितियों से ग्रसित युवा आमतौर पर वीड स्मोकिंग के शिकार होते हैं ऐसे में गांजे की माइंड अल्टेरिंग प्रॉपर्टी आत्म-नुकसान और आत्महत्या के प्रयासों के खतरे को बढ़ा देती हैं।