आपको याद होगा बचपन की वो रातें, जब दादी -नानी और मम्मी- पापा से कहानियां सुनते सुनते कब नींद आ जाती थी, पता ही नहीं चलता था। सोते वक्त कहानी सुनने की वो जिद्द शायद उस वक्त अच्छी थी। क्या आप अब भी कहानियां पढ़ना और सुनना पसंद करती हैं(benefits of bedtime stories for adults)। डब्ल्यू एच ओ (WHO) के मुताबिक पूरी नींद न लेने से हृदस संबधी बीमारियों का रिस्क बढ़ने लगता है।
फोर्ब्स की स्टडी के मुताबिक 18 से 64 साल के व्यस्कों को सात घंटे की नींद की आवश्यकता है।
65 और उससे अधिक उम्र के लोगों को 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। यू एस में 50 से 70 मिलियन लोग स्लीप डिसआर्डर के शिकार है। साल 2021 की एस स्टडी के मुताबिक सोने से कम से कम दो घंटे पहले अगर आप डिवाइस का इस्तेमाल करना बंद कर देती है, तो इससे आपकी नींद की क्वालिटी बेहतर होगी।
अगर हम रात में सोने से पहले पॉडकास्ट सुनते हैं या कोई कहानी पढ़ते हैं, तो इससे हमारा स्ट्रेस रिलीज़ होने लगता है। दरअसल, सभी चीजों को भूलकर हम कहानी की गहराई में खो जाते है। जो हमें एक अलग दुनिया में ले जाती है। सुनते सुनते हम चित्रों को बुनने लगते है। इससे धीरे धीरे माइंड रिलैक्स होता है और हम सो जाते हैं।
इस बारे में येल सेंटर फॉर स्लीप मेडिसिन के चिकित्सा निदेशक डॉ क्रिस्टीन वॉन बताते हैं, कि स्लीपिंग टाइम में कहानियां हमारे मांइंड को हर प्रकार की परेशानियों से मुक्त करने का काम करती हैं। ऐसे में शरीर से एड्रेनालाईन हार्मोन रिलीज़ होता है, जो हमें तनाव मुक्त करके अच्छी नींद प्रदान करता है।
कहानियां सुनना और सुनाना दोनों ही मज़ेदार बातें है। अगर आप फेयरी टेल्स सुनने का शौक रखते हैं, तो ये खुद को खुश रखने का एक आसान उपाय है। इसके अलावा भरपूर नींद आपको एनर्जी से भरपूर रखती है। इससे आप दिनभर उर्जावान महसूस करते हैं और सभी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं।
अगर आप नींद न आने की समस्या से परेशान है और कई तरह की मेडिटेशन्स लेने के बावजूद भी नहीं सो पा रहे है। ऐसे में कहानियां सुनने या पढ़ने का एक समय बनाएं। कोशिश करें कि सोने से पहले एक से दो कहानी बोलकर पढ़े। इससे आपका दिमाग शांत होगा और आपको नींद आने लगेगी। इस बारे में एक्सपर्टस का कहना है कि कहानियां हमारे दिमाग को बाकी चीजों से मुक्त करके चित्रों को बुनने में मसरूफ कर देती है। ये प्रक्रिया हमें नींद की ओर ले जाती हैं।
कुछ लोग सोने के बाद देर रात डरकर या अन्य कारणों से बार बार उठते है। कारण दिमाग में चलते वाली बहुत सी बातें, जो सोने से कुछ देर पहले हम किसी से कर रहे थे या गैजेट्स में कुछ ऐसा देख रहे थे, जो अब भी दिमाग के किसी कोने में चल रहा है। इस कंडीशन में आप हेल्दी स्लीप नहीं ले पाते हैं। वहीं दूसरी ओर अगर आप कहानियां सुनकर सोते हैं, तो आपका दिमाग पूरी तरह से रिलैक्स हो जाता है। साथ ही बार बार उठने की समस्या का निवारण हो जाता है।
आज के दौर में कोई व्यक्ति एक दूसरे की बात को सुनने की क्षमता नहीं रखता है। अगर आप लगातार 10 से 15 मिनट तक बिना बोले या टोके कहानी को सुन पा रहे हैं, तो इससे आपकी सुनने की शक्ति का विकास होता है।
रोज़ाना अगर आप स्टोरीज़ को सुनना पसंद करने लगेंगे, तो इससे ये आपकी दिनचर्या का एक हिस्सा जाएगा। आपको देखते ही देखते एस खास वक्त पर कहानी सुनने या पढ़ने की लालसा होने लगेगी और फिर अपने आप नींद आ जाएगी। इस रूटीन के डिवेल्प होने से आप क्वालिटी स्लीप का आंनद ले पाएंगे।
कहानियां सुनकर सोने की बचपन की वो आदत बड़े होकर हमें नींद के लिए तैयार करने का एक ज़रिया बनेगा किसने सोचा था। बच्चों के साथ साथ हमें भी भरपूर नींद के लिए स्टोरीज़ को सुनना और पढ़ना ज़रूरी है। अगर आपने अब तक इस टिप को नहीं अपनाया है, तो इस पारंपरिक तरीके से खुद को खुशहाल रखने का ये आसान तरीका है।
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