यदि हम सप्ताह में किसी एक दिन उपवास रखते हैं, तो शरीर को इसके कई स्पष्ट फायदे दिखते हैं। वेट लॉस, बॉडी डिटॉक्स करने के साथ-साथ यह हमारी उम्र को भी बढ़ा सकता है। यह रोग के जोखिम को कम कर सकता है और मस्तिष्क के सामान्य स्वास्थ्य को बढ़ा सकता है। यदि आप फास्टिंग के बाद खाना खाती हैं, तो खाने का मजा दूना हो जाता है। वहीं दूसरी ओर, यदि आप वेट लॉस या कमर के घेरे के बढ़ने के प्रति चिंतित नहीं हैं, तो आप उन खाद्य पदार्थों का भी सेवन कर सकती हैं, जो शरीर के साथ-साथ आपके मन को भी पोषण देते हैं। यहां जानिए इंटरमिटेंट फास्टिंग कैसे आपके मानसिक स्वास्थ्य (Intermittent Fasting benefits for mental health) के लिए फायदेमंद है।
परिवार के साथ ट्रेडिशनल मील का आनंद कभी-कभार अपनी डाइट को नियंत्रित करके भी लिया जा सकता है। यहां संयमित रूप से ऐसे खाद्य पदार्थ को लेना महत्वपूर्ण हो जाता है, जो आपको स्वस्थ रखते हैं। इसके लिए सबसे अधिक इंटरमिटेंट फास्टिंग को आदर्श माना जाता है, जो आपके बॉडी हेल्थ और मेंटल हेल्थ दोनों के लिए फायदेमंद है।
यह तो हम सभी जानते हैं कि कई सेलिब्रिटीज वेट मैनेजमेंट के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग का सहारा लेती हैं, लेकिन यह हमारे मस्तिष्क के लिए कितना उपयोगी है, यह जानने के लिए हमने गुरुग्राम के पारस हॉस्पिटल में सीनियर कंसल्टेंट और न्यूरोलॉजी हेड डॉ. रजनीश कुमार से बात की।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के लिए भोजन को इस तरह मैनेज किया जाता है कि फास्टिंग और डाइट लेने के बीच एक निश्चित अंतराल रखा जाता है। इसमें आपको लंबे समय तक भूखे रहकर मील स्किप करना होता है। आप एक निश्चित समय में ही खाना खा पाती हैं। हर दिन लंबे समय के लिए फास्ट रखने से वेट लॉस होता है। लेकिन यह ब्रेन हेल्थ के लिए भी उपयोगी है। यह लंबे समय के लिए मेमोरी बढ़ाने में भी कारगर है।
जून 2022 में किंग्स कॉलेज, लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ साइकिएट्री, साइकोलॉजी और न्यूरोसांइस द्वार किए गए रिसर्च का यह निष्कर्ष निकाला गया कि इंटरमिटेंट फास्टिंग चूहों में लॉन्ग टर्म मेमोरी रिटेंशन और न्यू एडल्ट हिप्पोकैम्पल न्यूरॉन्स उत्पन्न करने का एक प्रभावी माध्यम है।
यह ओल्ड एज में कॉगनिटिव डिक्लाइन यानी संज्ञानात्मक गिरावट की प्रगति को धीमा करने की भी क्षमता रखता है। यह स्टडी मॉलिकुलर बायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित की गई। इसके अनुसार, कैलोरी रेस्ट्रिक्टेड डाइट चूहों में क्लोथो जीन को प्रमोट करता है। यह जीन लॉन्गिविटी जीन कहलाता है, जो न्यूरोजेनेसिस के लिए जिम्मेदार है।
डॉ रजनीश कुमार कहते हैं, ‘ब्रेन के फंक्शन को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग शानदार है। मेटाबोलिक स्विचिंग मस्तिष्क में एडेप्टिबिलिटी स्ट्रेंथ को बढ़ाती है और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा कर देती है। यह ब्रेन परफॉर्मेंस में सुधार लाता है और बीमारी और चोट के प्रति ब्रेन के रेसिस्टेंस पावर को बढ़ाता है।’
इसके अतिरिक्त, यह एंटी अल्जाइमर और एंटी पार्किंसन प्रोसेस को सक्रिय करता है, जिसे ऑटोफैगी के रूप में जाना जाता है। यह मेंटल क्लेरिटी और मेंटल फोकस में सुधार ला सकता है। इंटरमिटेंट फास्टिंग को हायर मूड्स और क्लियर थिंकिंग से जोड़ कर देखा जाता है, जो व्यक्ति के ब्रेन-गट कनेक्शन में मदद कर सकता है। यह समग्र रूप से आपके हैप्पीनेस लेवल को बढ़ा सकता है।
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