अगर आप अपने पार्टनर के साथ सुरक्षित महसूस करती हैं, एक-दूसरे के लिए काम करते हुए आपको खुशी होती है और कुछ चीजों के लिए आप उनका इंतजार करती हैं, तो ये एक इंटरडिपेंडेंट रिलेशनशिप के उदाहरण हैं। परस्पर निर्भरता समाज को जोड़ने वाली कड़ी है। अगर आप दोनों भी एक-दूसरे पर निर्भर हैं और इसे बोझ महसूस नहीं करते हैं, तो आप हेल्दी इंटरडिपेंडेंट रिलेशनशिप का परफेक्ट उदाहरण हैं। हेल्दी रिलेशनशिप है के लिए इंडीपेंडेंट होना जरूरी है। विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ मामलों में इंटरडिपेंडेंस होना भी जरूरी है। अपनी जरूरतों, मेंटल या फिजिकल हेल्थ के लिए पार्टनर की तरफ देखना और उनपर निर्भर रहना भी रिश्ते की मजबूती के लिए जरूरी (interdependent relationship) है।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट अनु चौहान बताती हैं, ‘इंटरडिपेंडेंस में पार्टनर एक दूसरे की भावना को समझते हैं। एक-दूसरे की बहुत केयर करते हैं। वे अपने द्वारा साझा किए जाने वाले भावनात्मक बंधन के महत्व को भी पहचानते हैं। वे उन्हें महत्व देते हैं। उन्हें लगता है कि उनके पास किसी ख़ास कार्य की ज्यादा समझ है। इसलिए उस कार्य की जिमेदारी को वे अच्छी तरह पूरी करते हैं। यह बात दूसरा पार्टनर भी अच्छी तरह समझ जाता है। इसलिए उस कार्य को पूरा करने के लिए वह पूरी तरह से पार्टनर पर निर्भर हो जाता है। इंटरडिपेंडेंस रिलेशन में दोनों पार्टनर स्वेच्छा से कुछ ख़ास जिम्मेदारी लेते और देते हैं।
इंटरडिपेंडेंस या परस्पर निर्भरता में रिलेशन के भीतर स्वयं और दूसरों का भी संतुलन शामिल होता है। वे यह जानते हैं कि दोनों पार्टनर एक-दूसरे की शारीरिक और भावनात्मक जरूरतों को समझते हैं। वे इसे उचित और सार्थक तरीकों से पूरा करने के लिए काम करते हैं।
रिलेशनशिप एक्सपर्ट अनु चौहान सबसे पहली बात यह है कि शुरू से ही इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप कौन हैं। कई बार लोग अकेला महसूस करने से बचने के लिए रिश्तों की तलाश करते हैं। वे रिश्ता बनाते हैं। सबसे जरूरी है बिना किसी व्यक्तिगत स्वार्थ के रिश्ते को महत्व देना। दोनों का एक-दूसरे को महत्व देना सबसे अधिक जरूरी है। तभी एक-दूसरे के गुणों को पहचान कर काम के लिए एक दूसरे पर निर्भर हुआ जा सकता है। एक-दूसरे पर निर्भरता बनाए रखने और संबंधों को मजबूती देने के लिए कुछ टिप्स को ध्यान में रखना जरूरी है।
इंटरडिपेंडेंस रिलेशन की मजबूती के लिए यह जानना जरूरी है कि आपको और आपके पार्टनर को क्या पसंद है। एक-दूसरे की बातें और विचार एक-दूसरे के लिए क्या मायने रखता है। नापसंदगी का ख्याल रखना भी जरूरी है। अपने मूल्यों के प्रति सचेत रहें।
आप जो चाहती हैं, उसे मांगने में डरें नहीं। साथ ही पार्टनर की चाहतों और इच्छाओं का ख्याल रखना और उसकी पूर्ति करना जरूरी है। एक-दूसरे का सम्मान करना भी उतना ही अधिक जरूरी है। “नहीं” कहने से न डरें।
इंटरडिपेंडेंस रिलेशन में सिर्फ एक-दूसरे का साथ ही जरूरी नहीं है, बल्कि दोस्तों और परिवार का साथ भी जरूरी है। व्यक्तिगत संबंधों के साथ-साथ पारिवारिक और सामजिक रिश्ते भी इंटरडिपेंडेंस रिलेशन को मजबूती प्रदान करते हैं।
अपने जीवन के लक्ष्य को कभी नहीं भूलना चाहिए। इसका पीछा करना जारी रखें। पर्सनल ग्रोथ अपने जीवन के लिए जरूरी है। अपने शौक और रुचियों के लिए भी समय निकालें।
अकसर हम दूसरों को खुश करने के लिए खुद को छोटा बना लेते हैं। खुद को कमतर अंक लेते हैं। इंटरडिपेंडेंस रिलेशन की मजबूती की राह में यह सबसे बड़ा रोड़ा है। कभी भी खुद को बहुत कम और बहुत अधिक नहीं आंकें।
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