कोरोना महामारी ने हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों स्वास्थ को बुरी तरह प्रभावित किया है। लॉकडाउन, चिंता, नौकरी में छटनी, स्वास्थ्य और अस्थिर वातावरण के साथ, तनाव का साया सभी पर है। ऐसा देखने को मिला है कि परिजनों से अलगाव, स्वतंत्रता की कुलबुलाहट, ऊब और अनिश्चितता, व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है।
बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को देखते हुए, हमें ऐसे तरीके खोजने होंगे जो बजट फ्रेंडली होने के साथ-साथ एनवायरनमेंट फ्रेंडली भी हों।
शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने से लेकर पृथ्वी से जुड़ने में मदद करने तक, हरे-भरे वातावरण के कई सारे स्वास्थ्य लाभ हैं, लेकिन क्या ये आपके मानसिक स्वास्थ्य में भी सुधार कर सकता है?
जर्नल नेचर में प्रकाशित नए शोध के अनुसार, हरा-भरा वातावरण आपके शारीरिक स्वास्थ्य को तो सुधरता ही है, साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देता है। यूरोपीय शोधकर्ताओं ने जर्मनी में किये, एक अध्ययन में पाया कि- ‘आपके आसपास जितने ज्यादा हरे पेड़ हैं, वहां के लोगों को उतनी ही कम एंटी-डिप्रेस्सेंट्स देने की ज़रुरत पड़ी।’
अनुसंधान के लिए, टीम दिए गए क्षेत्र में पेड़ो की संख्या और निर्धारित एंटीडिपेंटेंट्स की संख्या के बीच सह संबंधों की तलाश करती थी। ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या “हर रोज” हरा रंग, मानसिक स्वास्थ्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है या नहीं।
शोधकर्ताओं ने जर्मनी के लगभग 10,000 निवासियों पर अध्ययन किया। उन्हें दी जाने वाली एंटी- डिप्रेसेंट्स और आस-पास पेड़ों की संख्या को कम्पेयर किया। निश्चित रूप से, जिनके घरों के 100 मीटर के दायरे में अधिक पेड़ थे, उन्हें एक एंटीडिप्रेसेंट निर्धारित किए जाने की संभावना कम थी।
महत्वपूर्ण रूप से ये शोध उन लोगों पर सटीक बैठता है जो मार्जिनलाइज्ड है और आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं। इस शोध से हमें यह भी पता लगता है कि अपने आस-पास के वातावरण में ग्रीनरी बढ़ाने से पब्लिक हेल्थ को बढ़ावा मिलेगा और लोगों के मानसिक तनाव में भी कमी आएगी।
पर्यावरण मनोवैज्ञानिक और अध्ययन के प्रमुख लेखक और Ph.D. मेलिसा मारसेल के अनुसार: शहरी क्षेत्रों में अधिक पेड़ लगाना निवासियों के तनाव को कम करने के लिए एक सरल और आसान तरीका हो सकता है। “विभिन्न आर्थिक समूहों के बीच स्वास्थ्य असमानताओं रोकने में मदद कर सकते हैं।”
मार्सेले कहती हैं, “पेड़ लगाना निश्चित रूप से, धरती के लिए भी अच्छा है। दुनिया अभी भी COVID-19 महामारी से लड़ रही है। इसलिए मेंटल हेल्थ को बरक़रार रखने के लिए पेड़ लगाने से अच्छा तरीका और कोई नहीं है। हमें पूरी उम्मीद है कि इस शोध से पर्यावरण को बढ़ावा मिलेगा और लोग अपने-अपने घरों के आस-पास ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाएंगे। जिससे आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों की भी मदद हो पाएगी।”
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