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आपके मूड और गर्भ में बेबी के ब्रेन के लिए भी फायदेमंद है अच्छा संगीत, जानिए क्या कहते हैं शोध

जब बच्चे छोटे होते हैं तो अक्सर मांएं उन्हें लोरी गाकर सुलाती हैं, इससे बच्चे जो बहुत जल्दी सोने में मदद मिलती है। ठीक इसी तरह जब बच्चा गर्भ में होता है तो अच्छे संगीत का उसके मस्तिष्क पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
Published On: 24 Nov 2022, 05:32 pm IST
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baby par music ka prabhav
जानिए आपके बेबी के ब्रेन को कैसे प्रभावित करता है म्यूजिक। चित्र ; शटरस्टॉक

जब हम खाली बैठे होते हैं और कुछ समझ नहीं आता है कि क्या करें, तो मन में जो पहला ख्याल आता है वो है गाने सुनने का। यदि आपका मूड खराब है, तो संगीत एक ऐसा माध्यम है जो आपके मूड को इन्सटेंटली लिफ्ट कर सकता है। यह आपके मन मस्तिष्क पर किसी थेरेपी की तरह काम करता है। मगर क्या आप जानती हैं कि ये सिर्फ आपके लिए ही नहीं, बल्कि आपके बच्चे के लिए भी फायदेमंद है।

जी हां… जब आपके गर्भ में बच्चा होता है तो आपका संगीत सुनना उसके लिए भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसी कई रिसर्च हैं, जिनमें ब्रेन पर म्यूजिक के प्रभाव को दिखाया गया है। तो चलिये जानते हैं कि आखिर गर्भ में बेबी पर क्या होता म्यूजिक का प्रभाव।

जानिए संगीत और बेबी के ब्रेन फंकशन से जुड़े इस अध्ययन में क्या सामने आया

वाशिंगटन विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट फॉर लर्निंग एंड ब्रेन साइंसेज (I-LABS) के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए एक नए अध्ययन से पता चलता है कि गर्भ में बच्चे को संगीत सुनने से बेबी के ब्रेन फंकशन (brain function) में सुधार हो सकता है।

इसके अलावा, अध्ययन में यह भी सामने आया कि यदि एक साल जितने छोटे बच्चे को संगीत सुनाया जाए तो यह उनके उचारण और उनकी स्पीच में कई तरह से सुधार कर सकता है। इससे उन्हें बोलने और गाना गाने का पैटर्न समझ आने लगता है।

संगीत का गर्भ में पल रहे बच्चों पर क्या प्रभाव पड़ता है?

यह सिद्ध हो चुका है कि जन्म से पूर्व मस्तिष्क के विकास में संगीत की अहम भूमिका होती है।
यूनिसेफ (UNICEF) के अनुसार – गर्भावस्था के दौरान संगीत सुनने से न केवल गर्भवती महिला पर अच्छा प्रभाव पड़ता है, बल्कि अजन्मे बच्चे पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

baby par music ka prabhav
जानिए कैसा होता है बच्चे पर म्यूजिक का प्रभाव। चित्र : शटरस्टॉक

लगभग 16─18 सप्ताह की गर्भावस्था में, शिशु अपनी पहली आवाज सुनता है। 24 सप्ताह तक, छोटे कान तेजी से विकसित होने लगते हैं और गर्भावस्था (Pregnancy) के पिछले कुछ महीनों में शिशुओं को आवाज़ और शोर के जवाब में अपना सिर घुमाते हुए देखा जा सकता है। एक अजन्मा बच्चा अपनी मां की आवाज़, उसकी मूल भाषा और शब्दों को बोलने का पैटर्न गर्भ में ही पहचान सकता है।

संगीत की मदद से सही तरह से बोलना सीख सकते हैं बच्चे

नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा प्रकाशित किए गए इस अध्ययन में यह भी सामने आया कि संगीत की तरह, भाषा में भी कई लयबद्ध पैटर्न (pattern) होते हैं। अक्षरों को बोलने में लिया गया समय श्रोताओं को एक ध्वनि को दूसरे से परिभाषित करने में मदद करता है, जिससे यह समझ आता है कि एक व्यक्ति क्या कहना चाह रहा है। ठीक इसी तरह संगीत की मदद से बेबी भी बोलना सीख सकते हैं।

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संगीत आपके बच्चे को सोशलाइज करने में मदद कर सकता है

अच्छा संगीत सुनना और साथ ही, इसे अन्य लोगों के साथ गाना और बजाना लोगों को एक दूसरे और समाज के साथ सोशलाइज करने में मदद करता है। इसकी वजह से आप अपने आस-पास के लोगों से जुड़ाव महसूस करते हैं।

छोटी उम्र में संगीत बच्चों को खुद को अभिव्यक्त करने और भावनाओं को साझा करने में मदद करता है। कम उम्र में भी, वे अपने द्वारा सुने जाने वाले संगीत पर रीएक्ट करके झूम सकते हैं। इसके अलावा, काफी बार ऐसा देखा गया है कि बच्चे अपने खुद का गाना भी बनाकर गाने लगते हैं।

गर्भवती मां को कौन सा संगीत सुनना चाहिए?

तीसरी तिमाही में, बच्चा निश्चित रूप से आपके द्वारा चलाए जाने वाले संगीत को सुन सकता है। ऐसे समय में शास्त्रीय संगीत, हल्की ध्वनियां जैसे लोरी, पॉज़िटिव म्यूजिक (positive music) जो खुशी दे, किसी भी बेबी को सुनाने के लिए बहुत अच्छे होते हैं।

यह भी पढ़ें : कोविड-19 से ठीक होने के छह महीने बाद भी हो रहे हैं रोगियों के ब्रेन में परिवर्तन: रिसर्च

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ
ऐश्‍वर्या कुलश्रेष्‍ठ

प्रकृति में गंभीर और ख्‍यालों में आज़ाद। किताबें पढ़ने और कविता लिखने की शौकीन हूं और जीवन के प्रति सकारात्‍मक दृष्टिकोण रखती हूं।

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