कैफीन एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला अल्कलॉइड है, जो 60 से अधिक पौधों की फलियों, पत्तियों और फलों (कॉफी बीन्स, कोको बीन्स, कोला नट्स, येरबा मेट सहित चाय की पत्ती) में अलग-अलग मात्रा में पाया जाता है। नींद और चिंता पर इसके नकारात्मक प्रभावों के लिए अक्सर कैफीन के बारे में बात की जाती है। पर क्या आप जानती हैं कि कुछ अध्ययन कैफीन के विभिन्न स्वास्थ्य लाभ भी बताते हैं। आइए जानते हैं क्या है कैफीन और यह कैसे आपके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
जनरल ऑफ फूड साइंस ने मानव स्वास्थ्य पर कैफीन का व्यापक रूप से अध्ययन किया है। कई अध्ययनों में यह पाया गया है कि कैफीन में मनोदशा और सतर्कता को बढ़ाने की क्षमता होती है। इसके अलावा अनुसंधान में यह भी सामने आया है कि कैफीन पार्किंसंस रोग (Parkinson’s Disease) से जुड़े लक्षणों को कम करने में सहायता कर सकता है।
पीडी (Parkinson’s Disease) एक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी है। इसमें नाइग्रा के डोपामिनर्जिक न्यूरॉन्स की हानि होती है। जबकि कैफीन एक एडेनोसाइन तत्व होता है, जो एए 2 रिसेप्टर्स को अवरुद्ध करके डोपामिनर्जिक प्रणाली के प्रदर्शन में सुधार करने में सहायता करता है। इस प्रकार डोपामाइन रिलीज को उत्तेजित करता है। पीडी के खिलाफ कैफीन एक समाधान के रूप में काम करता है।
ये मस्तिष्क और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करके काम करता है, आपको सतर्क रहने और थकान की शुरुआत को रोकने में मदद करता है।
कैफीन का सेवन करने के बाद, ये जल्दी से आंत से रक्त प्रवाह में अवशोषित हो जाता है। वहां से, ये लीवर में जाता है और यौगिकों में टूट जाता है। कैफीन का मुख्य प्रभाव मस्तिष्क पर होता है।
ये एडेनोसाइन के प्रभाव को अवरुद्ध करता है, जो एक न्यूरोट्रांसमीटर है जो मस्तिष्क को आराम देता है और आपकी थकान को कम करता है।
ये रक्त एड्रेनालाईन के स्तर को भी बढ़ाता है और न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन की मस्तिष्क गतिविधि को बढ़ाता है। कैफीन को एक मानसिक दवा के रूप में भी जाना जाता है।
कैफीन में मस्तिष्क को संकेत देने वाले अणु एडेनोसाइन को अवरुद्ध करने की क्षमता होती है। कैफीन में मौजूद तत्व डोपामाइन और नॉरपेनेफ्रिन अणु को बढ़ाता है। माना जाता है कि ये ब्रेन मैसेजिंग में बदलाव करते है और आपके मूड और ब्रेन फंक्शन को फायदा पहुंचाते हैं।
जनरल ऑफ फूड साइंस की रिपोर्ट कहती है कि प्रतिभागियों ने 37.5-450 मिलीग्राम कैफीन का सेवन करने के बाद सतर्कता, अल्पकालिक स्मरण शक्ति और प्रतिक्रिया के समय में सुधार पाया।
एक अध्ययन ये पाया गया कि प्रतिदिन 2-3 कप कैफीन युक्त कॉफी (लगभग 200-300 मिलीग्राम कैफीन प्रदान करने वाली) पीने से 45% आत्महत्या का खतरा कम होता है।
अपनी रुचि के विषय चुनें और फ़ीड कस्टमाइज़ करें
कस्टमाइज़ करेंमूलेक्यूलर न्यूट्रीशन एंड फूड रिसर्च(molecular nutrition and food research) के एक अन्य अध्ययन में ये पाया गया कि कैफीन का सेवन करने वाले लोगों में 13% डिप्रेशन का जोखिम कम होता है।
एनसीबीआई में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि कॉफी का दूसरा कप तब तक अपना प्रभाव नहीं देगा, जब तक पहले कप को कम से कम 8 घंटे न हो गए हों।
प्रति दिन 3-5 कप कॉफी या प्रति दिन 3 कप से अधिक चाय पीने से अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसे मस्तिष्क रोगों के जोखिम को 28-60% तक कम किया जा सकता है।
तो आप ये ध्यान रखें कि कॉफी और चाय में अन्य बायोएक्टिव यौगिक (कैफीन के अलावा) होते हैं, जो काफी फायदेमंद हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें-जानिए कैसे ध्यान या मेडिटेशन हो सकता है आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद