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Communication : किसी से दिल की बात कहना, कम कर सकता है आपका मानसिक तनाव 

सामाजिक टैबू और जज किए जाने के डर से हम बहुत सारी बातें अंदर अपने  मन में ही दबाए रहते हैं। जबकि इन पर किसी के साथ खुलकर बात करना, आपके जीवन को आसान बना सकता है। 
बात करना बन सकता है हर मानसिक घाव का मरहम । चित्र : शटरस्टॉक
शालिनी पाण्डेय Published: 8 Jun 2022, 20:04 pm IST
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मेंटल हेल्थ, हमारे जीवन के भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक पहलुओं पर निर्भर करती है। मेंटल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं सर्दी और बुखार जितनी ही आम हैं। हालांकि, हम में से अधिकांश लोग सोशल टैबू और लोगों के जजमेंटल होने के कारण अपनी मेंटल हेल्थ के मुद्दों को हाशिए पर धकेल देते हैं। यही मुद्दे हमारे मन को तब कचोटते हैं, जब हम एकांत में चुपचाप शांत हो बैठते हैं। ऐसी परिस्थितियों में मेंटल हेल्थ समस्याओं से पीड़ित होने वाले लोगों को मनोचिकित्सक से बात करना किसी चुनौती से कम नहीं लगता है। तब क्या करें ऐसा कि आप अपनी मेंटल हेल्थ को दुरुस्त रख सकें? संवाद इसमें बहुत हद तक आपकी मदद कर सकता है। पर किससे? एक्सपर्ट बता रहे हैं इस बारे में सब कुछ। 

आपको मदद क्यों लेनी चाहिए?

यह समझना महत्वपूर्ण है कि पॉजिटिव मेंटल हेल्थ आपको अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास करने और अपनी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद कर सकती है। आप चुनौतियों से निपटने और दैनिक तनाव का अधिक प्रभावी तरीके से जवाब देने में सक्षम होंगे। इससे आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। 

दूसरी ओर, खराब मेंटल हेल्थ आपके सोचने, कार्य करने और महसूस करने के तरीके पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। जिससे आपके जीवन के अन्य पहलुओं पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

इसलिए ज़रूरत पड़ने पर सही मदद लें। आप चाहें तो पेशेवर सहायता के लिए किसी सहायता समूह (Help group) में शामिल हो सकती हैं या ऑनलाइन सहायता फ़ोरम का भी लाभ ले सकती हैं। कई अपने करीबी लोगों के साथ इस पर बात करने में अधिक सहज होते हैं। यदि आप चाहें तो किसी करीबी या दोस्त के साथ अपनी भावनाओं के बारे में बात कर सकती हैं, जो आपके लिए जजमेंटल न हो और निष्पक्ष तरीके से खुले विचारों का भरोसेमंद व्यक्ति हो।

अपने दिल का गुबार किसी भरोसेमंद से साझा करना आपकी मदद करेगा। चित्र: शटरस्टॉक

कम्यूनिकेशन  मेंटल हेल्थ कैसे सुधारता है?

यदि आप इस बारे में बात करती हैं कि आप किस दौर से गुजर रहीं हैं, तो यह उस भावनात्मक और मानसिक तनाव से राहत देता है, जिसे आप लंबे समय से झेल रहीं हैं। किसी के साथ अपनी परेशानियों के बारे में बात करना आपको शांत कर सकता है और आपको तर्कसंगत तरीके से सोचने के लिए प्रेरित भी कर सकता है।

ऐसा महसूस होगा कि आपके सीने से एक बड़ा भार उठ गया है और आपके विचारों को स्पष्टता मिलेगी जो आपको जीवन में बेहतर निर्णय लेने में मदद करती हैं। हालांकि, कई लोगों का मानना ​​है कि अपनी समस्याओं के बारे में बात करना कमजोरी की निशानी है। वे असुरक्षित होने में सहज महसूस नहीं करते, क्योंकि उन्हें लगता है कि वे अपनी परेशानियों को कहकर अपने प्रियजनों पर बोझ डाल रहे हैं।

हालांकि, विभिन्न लोगों और पेशेवरों द्वारा प्रदान किए जाने वाले सभी समाधानों में से सबसे असरदायक समाधान है पीड़ित को सुनना। आपको सुना जा रहा है, कोई पुष्टि कर रहा है कि आप  हैं और आपका तनाव जायज़ है, यह बात सुकून देती है। यह मान्यता है कि लोग सकारात्मक मेंटल हेल्थ की ओर अकेले कदम नहीं बढ़ा पाते हैं साथ ही प्रोफेशनल की मदद लेने से झिझकते भी हैं।

मन की बात साझा करने के लिए बातचीत के अलावा क्या हैं तरीके?

कुछ लोगों को अपनी बात कहने के लिए सही शब्द खोजने में परेशानी होती है। वे खुद को शब्दों व्यक्त करने में सक्षम नहीं पाते।  कुछ अपनी ही फीलिंग ठीक तरह से नहीं समझ पाते। जिससे  वे अपनी समस्याओं को साझा करने में सक्षम नहीं होते हैं। इसलिए यदि आप खुलकर संवाद नहीं कर सकते हैं, तो आप जिस दौर से गुजर रहे हैं, उसके बारे में लिखें और अपने दिमाग के अंदर जो महसूस होता है उसे एक कागज पर रखें। इसे लिखकर या टेक्स्ट या अक्षरों के माध्यम से साझा करने से, ऐसी स्थिति में तनाव कम होता है।

अपनी मेंटल हेल्थ के बारे में बात करने का सबसे अच्छा हिस्सा यह है कि खुल कर अपनी बात कही जाए। अपनी बात को साझा कर आप सिर्फ अपनी मदद नहीं करती हैं, बल्कि अपने जैसे कई और लोगों को बोलने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। आप उन्हें हिम्मत दें और उन्हें बताएं कि मेंटल हेल्थ समस्याओं के बारे में बात करना ठीक है और उनकी मदद कर सकता है।

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शालिनी पाण्डेय

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