बदलते मौसम में तन के साथ मन का ख्याल रखना भी है जरूरी, वरना हो सकते हैं एंग्जाइटी के शिकार

सीज़नल चेंजिज के चलते हमारी बॉडी पर उसका प्रभाव नज़र आने लगता है। जानते हैं सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (Seasonal effective disorder) के लक्षण और इससे बचने के उपाय भी।
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जानते हैं क्या है एंग्ज़ाइटी अटैक और इससे कैसे डील करें। चित्र : एडॉबीस्टॉक
ज्योति सोही Updated: 18 Oct 2023, 10:08 am IST
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जिस प्रकार से मौसम बदलते ही हमारा स्वास्थ्य कई समस्याओं से घिर जाता है। ठीक उसी प्रकार सीज़न का प्रभाव हमारी मेंटल हेल्थ (mental health) पर भी दिखने लगता है। दरअसल सीज़नल चेंजिज के चलते हमारी बॉडी पर उसका प्रभाव नज़र आने लगता है। जो हमारे व्यवहार में कई परिवर्तन लेकर आता है। इसका प्रभाव कई लोगों पर दिखने लगता है। लोग न केवल बेवजह मायूस रहते हैं बल्कि कुछ लोगों को नींद संबधी समस्याएं भी सताने लगती है। जानते हैं सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (weather effect on mental health) के लक्षण और इससे बचने के उपाय भी।

जानते हैं कि क्या है सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (Seasonal effective disorder)

कांउसलर एंड ग्राफोलॉजिस्ट सोनल ओसवान के अनुसार सीज़नल डिप्रेशन (seasonal depression) यानि सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (seasonal effective disorder) जो मौसम में आए बदलाव के कारण हमें घेर लेता है। इससे हमारी बॉडी क्लॉक में परिवर्तन आने लगता है। जो तनाव का कारण बन जाता है। इस समस्या से ग्रस्त व्यक्ति को कमज़ोरी महसूस होने लगती है और मूड सि्ंवग होने की समस्या भी बढ़ जाती है। इस समस्या से बाहर आने के लिए अक्सर लोगों को लाइट थेरेपी दी जाती है। इसके अलावा साइकोथेरेपी और मेडिकेशंस के ज़रिए भी इस समसया को हल किया जा सकता है।

सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर(Seasonal effective disorder) के क्या है संकेत

1. हर वक्त उदास रहना

सीज़नल डिप्रेशन के चलते आप दिनभर उदास रहते हैं। किसी भी कार्य में आप फोक्स नहीं कर पाते हैं। इससे स्थिरता में कमी आने लगती है। आप दिनभर में एक्टिविटीज़ को पूरे उत्साह और एनर्जी से नहीं कर पाते हैं। इससे आप दिनभर मायूस रहते है और होपलेस महसूस करने लगते हैं।

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सीज़नल डिप्रेशन के चलते आप दिनभर उदास रहते हैं। किसी भी कार्य में आप फोक्स नहीं कर पाते हैं। चित्र : एडॉबीस्टॉक

2. ओवरईटिंग

जब व्यक्ति किसी डिप्रेशन का शिकार होता है। तो ओवरइटिंग की समस्या भी बढ़ जाती है। खासतौर से लोग कार्ब्स और शुगर इनटेक को बढ़ा देते है। इससे वेटगेन होता है। दरअसल, हर वक्त सोचने के कारण आपकी एनर्जी खर्च होती है। जिससे बार बार भूख लगती है। मीठा खाने की क्रेविंग भी वज़न बढ़ने का कारण बन जाती है।

3. पहले से ज्यादा सोना

ज्यादा सोना भी डिप्रेशन का एक संकेत है। सीज़नल डिप्रेशन के चलते कुछ लोगों को दिनभर नींद आती रहती है। दरअसल, ऐसे लोगों की बॉडी मौसम में आने वाली तब्दीली को एडॉप्ट नहीं कर पाती है। आलस्य की समस्या ऐसे लोगों को घेरे रखती है। ज्यादा सोना भी आपके मोटापे का कारण साबित होता है। दरअसल, दिनभर बिस्तर पर रहने से शरीर की कैलोरीज़ बर्न नहीं हो पाती हैं।

4. चिड़चिड़ापन बढ़ जाना

व्यवहार में परिवर्तन यूं तो कई कारणों से आने लगता है। अगर आप सीज़नल तनाव से होकर गुज़रद रही हैं। तो मूड स्विंग की समस्या बढ़ने लगती है। व्यक्ति का अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं होता है। बात बात पर परेशान होना और चिंतित रहना उनके व्यवहार का हिस्सा बन जाता है।

इन आसान टिप्स को फॉलो करके आप सीज़नल डिप्रेशन से होंगे मुक्त

1. फ्रेश एयर एंड सनलाइट है ज़रूरी

दिनभर में कुछ वक्त प्रकृति के नज़दीक बिताएं। जहां आपको ताज़ी हवा और सनलाइट दोनों की आसानी से मिल पाएंगे। इससे आप खुद को एक्टिव और तरोताज़ा महसूस करने लगेंगे। ऊर्जावान शरीर हर कार्य को करने के प्रति उत्साहित रहता है। नेचुरल एनवायरमेंट मूड बूस्टर का का करता है।

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ऊर्जावान शरीर हर कार्य को करने के प्रति उत्साहित रहता है। चित्र – शटरस्टॉक

2. सेल्फ हैप्पीनेस का रखें ख्याल

परेशान होने की तो कई वजह हो सकती हैं। मगर खुद को हेल्दी रखने के लिए हमेशा पॉजिटिव बने रहें और सेल्फ हैप्पीनेस को जीवन जीने का मंत्र बनाएं। जो भी चीजें आपको खुशी देती हैं। उन्हें जीवन में शामिल करें। दोस्तों से मिलें, किताबें पढ़े और घुमक्कड़ी के लिए कुछ वक्त निकालें। इसके अलावा पसंदीदा एक्टिविटीज़ भी करें।

3. एक्सरसाइज़ करना न भूलें

सुबह उठने के बाद कुछ देर व्यायाम ज़रूर करें। इससे शरीर में होने वाली ऐंठन और दर्द दूर होने लगते हैं। इसके अलावा आलस्य की समसया से भी मुक्ति मिल जाती है। अपने वर्कआउट रूटीन में योग क्रियाओं को भी शामिल करें। इसके अलावा मेडिटेशन आपकी मेंटल हेल्थ के लिए कारगर उपाय है।

4. खुद को बिजी रखें

खाली बैठे हुए अगर आप परेशान है। तो अपने आप को किसी न किसी कार्य में व्यस्त कर लें। व्यस्तता से व्यक्ति न केवल प्रोडक्टिव बनता है बल्कि आलस और थकान शरीर से दूर हो जाते हैं। हर समय खुश रहें और अपनी बॉडी को सीज़न के हिसाब से ढ़ालने का प्रयास करें।

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लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं। ...और पढ़ें

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