अगर आप सिंगल है तो किताबों के साथ रिलेशनशिप में आने का प्रयास करें, और अगर मिंगल है तो साइड अफेयर चला लीजिए, क्योंंकि आपकी किताबें आपकी बेस्ट फ्रेंड हैं। जो न सिर्फ आपको तनाव मुक्त रखती हैं, बल्कि आपको ज्यादा पॉजीटिव और क्रिएटिव भी बनाती हैं।
इस डिजिटल युग मे लोग किताबें भी डिजिटल ही पढ़ना चाहते है, परंतु कोशिश करें कि किताबें, मैगज़ीन, उपन्यास ऑफलाइन मोड मे पढ़ें। यह आपकी आंखों को भी खराब होने से बचाएंगी। साथ ही जब आप पढ़ते हैं, तो न केवल आप स्मृति और सहानुभूति में सुधार कर रहे होते हैं, बल्कि शोध से पता चला है कि यह हमें बेहतर और अधिक सकारात्मक महसूस कराता है।
साइंस भी इस बात को साबित करता है। इस संदर्भ में हुए अध्ययन बताते हैं कि किताबें पढ़ना ऑनलाइन रीडिंग से ज्यादा फायदेमंद है। इतना ज्यादा कि यह आपको अल्जाइमर्स जैसे गंभीर रोगों से भी बचा सकती है।
किताबें पढ़ने का असर दूरगामी होता है और यह आपको कई दिनों तक याद रहती हैं। 2013 में एमोरी विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में यह सामने आया कि रात में सोने से पहले किताब पढ़ने से आपके मूड में सुधार होता है और आप तनावमुक्त होते हैं।
आइये जानते हैं कि डिजिटल दौर में भी रात को सोने से पहले किताब पढ़ना आपके लिए कितना फायदेमंद है :-
एक अच्छी कहानी, नॉवेल या कोई भी रचनात्मक किताब आपके तनाव को कम करने में मददगार होती है। पूरे दिन घर और ऑफिस के काम करने के बाद आपका दिमाग थक जाता है, इस व्यस्त जीवनशैली मे आपके माइंड को व्यवस्थित करने की जरूरत होती है और इसके लिए आपको खुद के साथ समय बिताने की आवश्यकता है।
इस मी टाइम में सोशल मीडिया स्क्रॉल करने से बहुत बेहतर है किताबें पढ़ना। किताबें अपने साथ एक नई दुनिया लेकर आती हैं। जब आप किताब पढ़ते हैं तो आप भी उस दुनिया का हिस्सा हो जाते हैं और अपने निजी तनाव को भूल जाती हैं।
कोविड-19 में ज्यादातर लोगों की समस्या है कि उन्हें नींद नहीं आती। जबकि किताबें पढ़ने की आदत आपको इस दौर की इस सबसे बड़ी समस्या से निजात दिला सकती है।
शोध मे बताया गया है कि पढ़ने से तनाव का स्तर 68% तक कम हो सकता है। यदि आप अपने सोने के समय के पर पढ़ना शामिल करते हैं, तो आप खुद को बेहतर नींद देने में मदद कर सकते हैं।
जिस तरह व्यायाम आपके शरीर को लंबे समय तक स्वस्थ रहने में मदद करता है, उसी तरह पढ़ना एक व्यायाम है। जो आपके मस्तिष्क को फिट रखने में मदद करता है।
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कस्टमाइज़ करेंआपकी उम्र के अनुसार पहेलियां बुझाना और पढ़ना धीरे-धीरे डिमेंशिया और अल्जाइमर को रोकने मे भी मदद करता है। अच्छी किताबें आपके मस्तिष्क के लिए संतुलित आहार की तरह मददगार होती हैं।
जितने चीजें आप पढ़ेगे आपकी सोचने की शक्ति भी बढ़ेगी, इसीलिए कोशिश करे कि रोज नियमित रूप से समय निकाल कर किताबें पढ़ें। जैसे-जैसे आप नयी चीजों को पढ़ते हैं, आपकी रचनात्मकता में इजाफा होता जाता है। रचनात्मकता आपके आत्मविश्वास और प्रोडक्टिविटी दोनों में इजाफा करती है।
जब आप रात में सोने से पहले किताब पढ़ती हैं, तो आप उन सभी चीजों को भूल जाती हैं जिनसे आप दिन भर परेशान रहीं हैं। यह नई दुनिया आपको नए अनुभव और नए कौशल सिखाती है। वहीं किताब के पात्रों की जीवन कथा, उनके संघर्ष और बाहर आने के उनके तरीके का असर आपके व्यक्तित्व पर भी पड़ता है। जिससे आप संघर्ष और चुनौतियों को भी सकारात्मक तरीके से लेना सीख जाती हैं।
तो सखियों, अपने बेडरूम्स से गैजेट्स को बाहर निकालें और उनकी जगह ले आएं कुछ किताबें। हर रोज सोने से पहले मात्र 15-20 मिनट का आपका ये साथ, आपको ज्यादा सकारात्मक बना सकता है।