एंग्जाइटी अटैक से अलग हैं पैनिक अटैक, इनसे उबरने के लिए जरूरी है दोनों के अंतर को समझना

मेंटल हेल्थ को लेकर बहुत सारी दुविधाएं हैं। ऐसी ही भ्रामक स्थिति अलग-अलग स्थितियों में इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दाें के बारे में भी है। समाधान पहुंचने के लिए जरूरी है समस्या के बारे में सब कुछ सही पता होना।
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एंग्जाइटी हमारे शरीर में एक तंत्र है, जो हमें कथित खतरे से निपटने में मदद करता है। चित्र- अडोबी स्टॉक
संध्या सिंह Published: 11 Apr 2023, 22:24 pm IST
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एंग्जाइटी भावनात्मक और सुरक्षात्मक प्रतिक्रियाओं का हिस्सा है। जो मानव शरीर में जटिल परिस्थितियों के दौरान शरीर की आंतरिक मेहनत के बाद उत्पन्न होती है। हालांकि थोड़ी बहुत चिंता या तनाव होना बिल्कुल सामान्य है। पर यह तब समस्या बन सकती है जब यह लंबे समय तक रहे और आपकी दिनचर्या को प्रभावित करने लगे। एंग्जाइटी और पैनिक होना दोनों अलग स्थितियां हैं। पर जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग इन दोनेांमें कन्फ्यूज हो जाते हैं। इसलिए यह जरूरी है इन दोनों के अंतर को समझें।

क्यों होते हैं ये अटैक

लंबे मानसिक तनाव, तनावपूर्ण रिश्ते, कॅरियर संबंधी तनाव, आर्थिक समस्याओं और किसी भी तरह के ड्रग्स अथवा अल्कोहल के लगातार इस्तेमाल से ये समस्याएं हो सकती हैं। हालांकि किसी भी तरह की मानसिक स्वास्थ्य समस्या से निपटना जरूरी है। पर बिना विशेषज्ञ परामर्श के खुद ही अपना इलाज करना शुरू कर देना ठीक नहीं है। इसलिए इस बारे में अधिक जानने के लिए हमने बात की मनोचिकित्सक और थेरेपिस्ट रूचि रूह से।

रूचि रूह मानसिक तनाव से उत्पन्न होने वाली एंग्जाइटी और पैनिक अटैक के लक्षणों, अंतर और समाधान के बारे में विस्तार से बात कर रहीं हैं।

क्या है एंग्जाइटी अटैक और पैनिक अटैक में अंतर

1 रूचि रूह बताती है कि पैनिक अटैक और एंग्जाइटी अटैक दोनों में, हृदय गति बढ़ जाती है, सांस तेज होती है, और संकट की अनुभूति होती है। हालांकि, लक्षणों की गंभीरता और रोगों के कारण अलग-अलग होते हैं।

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2 एंग्जाइटी हमारे शरीर में एक तंत्र है, जो हमें कथित खतरे से निपटने में मदद करता है। एंग्जाइटी अटैक अक्सर वास्तविक या कथित खतरे के कारण होते हैं। पिछले आघात और ओसीडी के कारण एंग्जाइटी अटैक होते हैं। पैनिक अटैक भी अचानक, तीव्र और कभी-कभी बिना किसी निश्चित कारण के होते हैं।

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जानिए पैनिक अटैक पर काबू करने के आसान उपाय, चित्र: शटरस्टॉक

3 अध्ययनों से पता चलता है कि दोनों बड़े पैमाने पर पर्यावरणीय तनाव, शराब, ड्रग्स या कैफीन के दुरुपयोग, दवा के दुष्प्रभाव, फोबिया (वस्तुओं या स्थितियों का अत्यधिक भय), के संपर्क में आने से ट्रिगर होते हैं।

4 चिंता के हमले समय के साथ बढ़ते हैं और वापस लेने में समय लेते हैं। पैनिक अटैक प्रकृति में अचानक और संक्षिप्त होते हैं। घबराहट के दौरे के लक्षणों की तुलना में चिंता के लक्षण अक्सर लंबे समय तक रहते हैं। वे दिनों, हफ्तों या महीनों तक बने रह सकते हैं।

कुछ चीज़ें जो आप दोनों के लिए कर सकते हैं

1 समझें कि यह अस्थायी स्थिति है

जान लें कि यह एक अस्थायी स्थिति है और यह गुजर जाएगी। इसकी पुष्टि करने के लिए आपके आस-पास किसी का होना आमतौर पर मददगार होता है।

2 सांस लेने का अभ्यास करें

अटैक से पहले, उसके दौरान और बाद में किया गया सांस का रेगुलेशन तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करता है। सांस नसों को शांत करने और दिल की धड़कन को नियंत्रित करने में मदद करती है।

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3 ट्रिगर्स को समझने की कोशिश करें

अपने ट्रिगर्स को समझने के लिए एक थेरेपिस्ट के साथ काम करें, वह आघात जिसके कारण यह हो रहा है और घबराहट / एंग्जाइटी अटैक को रोकने और कम करने के लिए रणनीतियों पर काम करें।

4 विशेषज्ञ से परामर्श करें

मनोचिकित्सक आपको अपने लक्षणों को बेहतर ढंग से समझने में मदद कर सकता है, उन्हें प्रबंधित करने के तरीके विकसित कर सकता है, पिछले दर्द के माध्यम से काम कर सकता है, भविष्य के लिए अपना रास्ता निर्धारित कर सकता है।

5 परामर्श के बाद दवाएं ले सकती हैं

दवाएं आपके लक्षणों को कम करने में आपकी सहायता कर सकती हैं। जब आप अन्य दीर्घकालिक रणनीतियों पर काम करते हैं तो लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए थोड़ा समय लग सकता है।

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अटैक से पहले, उसके दौरान और बाद में किया गया सांस का रेगुलेशन तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद करता है।

6 मांइडफुलनेस का अभ्यास करें

एंग्जाइटी और पैनिक डिसऑर्डर के इलाज के लिए माइंडफुलनेस-आधारित चीजों का उपयोग किया जा रहा है। माइंडफुलनेस एक ऐसी तकनीक है जो आपके विचारों को वर्तमान में जमीन पर लाने में आपकी मदद कर सकती है। आप बिना प्रतिक्रिया किए विचारों और संवेदनाओं को सक्रिय रूप से देखकर माइंडफुलनेस का अभ्यास कर सकते हैं।

7 खुद के लिए रिलैक्सेशन तकनीकों का उपयोग करें

रिलैक्सेशन तकनीकों में गाइडेड इमेजरी, अरोमाथेरेपी और मसल रिलैक्सेशन शामिल हैं। यदि आप एंग्जाइटी या पैनिक अटैक के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो उन चीजों को करने की कोशिश करें जो आपको आराम देती हैं। अपनी आंखें बंद करें, स्नान करें, या लैवेंडर का प्रयोग करें, जिसमें आराम देने के गुण है।

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लेखक के बारे में

दिल्ली यूनिवर्सिटी से जर्नलिज़्म ग्रेजुएट संध्या सिंह महिलाओं की सेहत, फिटनेस, ब्यूटी और जीवनशैली मुद्दों की अध्येता हैं। विभिन्न विशेषज्ञों और शोध संस्थानों से संपर्क कर वे  शोधपूर्ण-तथ्यात्मक सामग्री पाठकों के लिए मुहैया करवा रहीं हैं। संध्या बॉडी पॉजिटिविटी और महिला अधिकारों की समर्थक हैं। ...और पढ़ें

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