बदलते वक्त के साथ दुनिया भी तेजी से बदल रही है। तकनीक ने वर्चुअली सबको नजदीक कर दिया है और सोशल मीडिया ने तेजी से शोहरत और पब्लिक लाइफ के प्रति लोगों का आकर्षण भी बढ़ा दिया है। सेलिब्रिटी बनने की होड़ सी लगी हुई है। लेकिन क्या आपको पता है कि पब्लिक लाइफ जीने के बहुत सारे साइकोलॉजिकल नुकसान हैं जो कई बार आपको शारीरिक तौर पर समस्याएं (oversharing side effects)दे सकती हैं। इसके ठीक उलट प्राइवेट लाइफ के बहुत सारे फायदे हैं। आज हम आपको ऐसे ही 5 फायदों के बारे में बताने वाले हैं।
पब्लिक लाइफ में रहते हुए आपको हमेशा आलोचना और सामाजिक दबाव का सामना करना पड़ता है। आपके बारे में हर कोई विचार व्यक्त करता है जिससे आपकी जिंदगी प्रभावित हो सकती है। ट्यूलेन यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, हर किसी के विचार और टिप्पणियां आपकी निजी जिंदगी पर असर डालती हैं। रिपोर्ट के अनुसार ऐसे लोग जो पब्लिक लाइफ जीते हैं और दूसरों की टिप्पणियों से प्रभावित होते हैं, उन्हें मेंटल हेल्थ से जुड़े खतरे ज्यादा होते हैं। और यही समस्या हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी और पाचन की समस्याओं को भी जन्म देती है।
पब्लिक लाइफ जी रहे लोगों के जीवन में कुछ भी प्राइवेट जैसा कम ही बचता है। ये मानसिक तौर पर असुरक्षित होने का कारण बन सकता है। अक्सर ऐसे व्यक्ति मानसिक तौर पर परेशान हो सकते हैं और सामाजिक दबाव की जद में भी आ सकते हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय में साइकोलॉजी पढ़ाने वाली प्रोफेसर उर्मी नंदा के अनुसार, पब्लिक लाइफ जी रहे लोग अक्सर जरा सी उथल पुथल से परेशान हो सकते हैं। अगर खराब वक्त आया तो पब्लिक परसेप्शन में उन्हें बेइज्जती का डर सताता है क्योंकि उनका जीवन पहले से ही सार्वजनिक है। ऐसे में उन्हें (oversharing side effects) मानसिक समस्याएं हो सकती हैं।
पब्लिक लाइफ से होने वाली मेंटल प्रॉब्लम्स का असर हमारे फिजिकल हेल्थ पर भी पड़ता है। मेंटल हेल्थ फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मानसिक दबाव और तनाव से शरीर में सूजन, मांसपेशियों में ऐंठन, और इन्फ्लेमेशन जैसी समस्याएं होती हैं। इसके अलावा पब्लिक लाइफ में व्यस्त रहने से व्यक्ति अपनी सेहत और फिटनेस का ध्यान नहीं रख पाता, जिससे मोटापे, कमजोर इम्यून सिस्टम जैसी प्रॉब्लम्स हो जाती हैं।
पब्लिक लाइफ में अपनी जानकारी को सार्वजनिक करने से आपको मानसिक शांति नहीं मिलती, और इसका सीधा असर आपकी नींद पर पड़ता है। इस वजह से जन्मी चिंता और तनाव की वजह से व्यक्ति अक्सर ठीक से सो नहीं पाता।
अपनी जिंदगी को प्राइवेट रखने का सबसे बड़ा साइकोलॉजिकल फायदा यह है कि इससे मानसिक शांति मिलती है। जब हम अपनी व्यक्तिगत जानकारी और विचारों को सार्वजनिक नहीं करते, तो हमें दूसरों की निगाहों और टिप्पणियों से छुटकारा मिल जाता है। इससे मानसिक समस्याओं से तो राहत मिलती ही है। हार्ट, ब्लड प्रेशर की समस्याओं से भी इंसान बचा रहता है।
अमरीकी संस्था नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार जब मानसिक शांति होती है तो हमारी मांसपेशियां भी आराम करती हैं और शरीर में लचीलापन आता है। तनाव से शरीर में मांसपेशियों का दर्द और ऐंठन भी हो सकता है।
अपनी लाइफ को प्राइवेट रखने से आप अपना मेंटल हेल्थ दुरुस्त रख सकते हैं। रिस्टोर मेंटल हेल्थ नाम की एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार, पब्लिक लाइफ में लोग आपके जीवन के हर पहलू में दखल देने की कोशिश करते हैं जिससे आपका पर्सनल स्पेस खत्म हो जाता है।
पर्सनल स्पेस में यह दखल मेंटल स्ट्रेस पैदा कर सकता है। रिपोर्ट के अनुसार ऐसे लोग जो मानसिक समस्याओं से पीड़ित हैं, अपनी प्राइवेसी को इंश्योर कर के राहत का अनुभव करते हैं और भविष्य में उन्हें मानसिक समस्याओं (oversharing side effects) का खतरा भी कम होता है।
प्रोफेसर उर्मी नंदा के अनुसार, प्राइवेट लाइफ आपको स्वतंत्रता देती है और अपने आप को प्राथमिकता पर रखने की छूट मिलती है। आप पर किसी का दबाव नहीं होता जिसकी वजह से आप अपनी चॉइसेस से समझौता नहीं करते। इसके ठीक उलट पब्लिक लाइफ में अक्सर लोग दूसरों के अनुसार काम करने लगते हैं और फिर जब अचानक उन्हें एहसास होता है तो ये बड़ी समस्याओं (oversharing side effects) का कारण बन जाता है।
अभी हमने ऊपर पढ़ा कि पब्लिक लाइफ किस तरह से तनाव में इजाफा करती है। और इसी तनाव से हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होता चला जाता है। अमेरिकन साइकोलॉजिकल एसोसिएशन की एक रिपोर्ट कहती है कि स्ट्रेस से इम्यून सिस्टम पर बुरी तरह प्रभाव पड़ता है, जिसकी वजह से शरीर बीमारियों और समस्याओं से लड़ नहीं पाता। लेकिन इसके ठीक उलट जब हम प्राइवेट लाइफ जीते हैं, तो तनाव के चांसेस कम होते चले जाते हैं और हम इन सारी समस्याओं से बचे रहते हैं।
प्राइवेट लाइफ के पसंदीदा लोगों का हार्ट हेल्थ भी दुरुस्त रहता है क्योंकि उन्हें तनाव कम होता है। और जब वे तनाव से दूर रहते हैं तो उन्हें हाई ब्लडप्रेशर या हार्मोनल इमबैलेन्स जैसी समस्या नहीं झेलनी पड़ती और इस वजह से हार्ट की प्रॉबलम्स भी उनसे दूर रहती है। उम्रदराज लोगों और वे लोग जो किसी भी तौर पर दिल की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए प्राइवेट लाइफ जीना चॉइस नहीं बल्कि जरूरी होना चाहिए ताकि वो किसी भी तरह (oversharing side effects) के खतरे से बचे रहें।
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