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इन 5 कारणों से ज्यादातर मनोवैज्ञानिक बच्चों के लिए करते हैं संयुक्त परिवार की वकालत

संयुक्त परिवार में जहां एक साथ कई पीढ़ियाँ एक ही छत के नीचे रहती हैं। मगर वहीं प्राइवेसी पाने की चाहत लोगों में न्यूक्लियर फैमिली के चलन को तेज़ी से बढ़ा रही हैं। हांलाकि वे परिवार के अन्य सदस्यों की तरफ सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते है। फिर भी रिश्तों में हेल्दी कनेक्शन बिल्ड नहीं हो पाता है।
Published On: 27 Feb 2025, 11:36 am IST
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Joint family ke fayde
पारिवारिक ढ़ांचें के बीच रिसोर्सिज़, कर्तव्यों और निर्णय लेने की शक्ति को बांटा जाता है।चित्र - अडोबीस्टॉक

संयुक्त परिवार में सभी सदस्यों का मिलजुल कर एक साथ रहना बदलते समय के साथ कम देखने को मिलता है। दरअसल, प्राइवेसी पाने की इस जंग में अपनापन शब्द कमज़ोर पड़ता जा रहा है। एक वो दौर था जब परिवार के सभी सदस्य सुबह की चाय एक साथ पिया करते थे। उसके बाद फिर डिनर टेबल पर बच्चे, बड़े और बूढ़े एक दूसरे का इंतज़ार करने के बाद मिलजुलकर खाने का आनंद लेते थे। मगर वक्त बदलने के साथ परिवारिक रिश्तों और उनके आकार दोनों में ही बदलाव नज़र आने लगा है। समय के साथ ज्वाइंट फेमिली की अपेक्षा न्यूक्लियर फैमिली का ट्रेंड बढ़ता चला जा रहा है। चलिए जानते हैं ज्वाइंट यां न्यूक्लियर फैमिली (Joint family vs nuclear family) कौन है सर्वश्रेष्ठ।

ज्वाइंट और न्यूक्लियर फैमिली में क्या है अंतर (Difference between Joint family vs nuclear family)

संयुक्त परिवार (Joint family vs nuclear family) में रहना एक फैमिली अरेंजमेंट के समान है। जहां एक साथ कई पीढ़ियाँ जैसे दादा दादी, माता.पिता बच्चे और उनके पति पत्नी एक ही छत के नीचे एक साथ रहते हैं। इस बारे में मनोचिकित्सक और लाईफ कोच डॉ चांदनी तुगनैत कहती हैं कि इस पारिवारिक ढ़ांचें के बीच रिसोर्सिज़, कर्तव्यों और निर्णय लेने की शक्ति को बांटा जाता है।

बीएमसी पब्लिक हेल्थ जर्नल में 2021 के रिसर्च के अनुसार, संयुक्त परिवार के बच्चों का मानसिक स्वास्थ्य एकल परिवार के बच्चों की तुलना में बेहतर होता है। जर्नल ऑफ एडोलसेंट हेल्थ में छपे 2022 के रिसर्च के अनुसार अधिक पारिवारिक जुड़ाव (Joint family vs nuclear family) वाले बच्चों में आम तौर पर कम पारिवारिक जुड़ाव वाले बच्चों की तुलना में कम मनोवैज्ञानिक शिकायतें और अधिक जीवन संतुष्टि हो सकती है।

family ke fayde
पारिवारिक जुड़ाव वाले बच्चों में कम पारिवारिक जुड़ाव वाले बच्चों की तुलना में कम मनोवैज्ञानिक शिकायतें होती है। चित्र : अडॉबीस्टॉक

ज्वाइंट फैमिली क्यों है खास (Importance of Joint Family)

3 से 4 पीढ़ियों का मेल किसी परिवार को संयुक्त बनाता है। इस पारिवारिक ढ़ांचे को प्यार, डांट और अपनेपन के ताने बाने से बुनकर तैयार किया जाता है। यहां सभी सदस्य न केवल एक दूसरे पर निर्भर करते हैं बल्कि आपसी प्रेम की भावना से भी बंधे होते हैं। अब एक व्यक्ति की परेशानी को पूरा परिवार मिलकर सुलझाने लगता है और इन रिश्तो में स्वार्थ के लिए कोई स्थान नहीं बचता है। यहां लोगों को एक दूसरे के लिए किया गया काम बोझ नहीं बल्कि अपना लगता है।

ये वही परिवार होते हैं, जहां बच्चों में अच्छे संस्कार भरने के लिए किसी पर्सनैलिटी डेवलपमेंट क्लास की नहीं बल्कि दादा दादी की दृष्टि ही काफी होती है। मगर प्राइवेसी की चाहत लोगों में न्यूक्लियर फैमिली के चलन को तेज़ी से बढ़ा रही हैं।

न्यूक्लियर फैमिली की तरफ क्यों बढ़ रहा है रूझान (Why is the trend towards nuclear family increasing)

अधिकतर कपल्स आपसी प्यार और बॉन्डिंग को मज़बूत बनाने के लिए एकल परिवार (Joint family vs nuclear family) का चयन करते हैं, जिसमें माता पिता से अलग पति पत्नी अपनी दुनिया बसा लेते हैं। वे शुरूआत में ही परिवार के साथ अपनी बाउंड्रीज को सेट करके चलते हैं। हांलाकि वे परिवार के अन्य सदस्यों की तरफ अपनी सभी जिम्मेदारियों का निर्वहन करते है, मगर रिश्तों में हेल्दी कनेक्शन बिल्ड नहीं हो पाता है।

रिश्ते में प्राइवेसी की कमी, अपने अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता की चाहत (Joint family vs nuclear family) और कुछ पाने की इच्छा एकल परिवार का कारण बनती है। हांलाकि इन दिनों इसी का चलन है और ऐसे में अधिकतर कपल्स अपनी सुविधा के अनुसार घर से कुछ दूरी या अन्य शहरों में बस जाते हैं।

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रिश्ते में प्राइवेसी की कमी, अपने अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता की चाहत और कुछ पाने की इच्छा एकल परिवार का कारण बनती है। चित्र- शटरस्टॉक।

जानते हैं ज्वाइंट फैमिली के फायदे (Joint Family benefits)

1. अच्छे संस्कार मिलना

आमतौर पर बड़े बूढ़़ों की गैर हाज़िरी में बच्चे जिद्दी, चिड़चिड़े और बत्तमीज़ होने लगते है, जो उनकी ग्रोथ में बाधा का काम करते है। ऐसे में परिवार में दादा दादी की मौजूदगी से बच्चों को सही और गलत की जानकारी मिलने लगती है। साथ ही बच्चे के व्यवहार में सकारात्मक बदलाव भी देखने को मिलते है।

2. आपसी प्यार की भावना बढ़ना

परिवार में एक साथ मिलकर रहने से सभी सदस्य एक दूसरे को समझने लगते हैं और उनकी समस्याओं की भी जानकारी मिल जाती है। इससे आपसी प्यार और बॉन्डिंग बढ़ने लगती है। साथ ही सभी कार्यों को एक साथ मिलकर करने में विश्वास रखते हैं। इस तरह के परिवारों में रिश्तों में मज़बूती बढ़ने लगती है।

3. तनाव से राहत

एक साथ मिलकर रहने से व्यक्ति अपने सुख और दुख को न केवल परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बांट सकता है बल्कि समस्या का हल भी खोजने में मदद मिलती है। ऐसे में बार बार एक ही बात को सोचने की जगह मांइड आसानी से डायवर्ट हो जाता है, जिससे एंग्ज़ाइटी से बचा जा सकता है और मानसिक स्वास्थ्य उचित बना रहता है।

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एक साथ मिलकर रहने से व्यक्ति अपने सुख और दुख को न केवल परिवार के अन्य सदस्यों के साथ बांट सकता है बल्कि समस्या का हल भी खोजने में मदद मिलती है।। चित्र : एडॉबीस्टॉक

4. व्यवहार में सकारात्मकता का बढ़ाना

प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हर व्यक्ति किसी न किसी कारण चिंतित रहता है, जिसका असर ओवरऑल ग्रोथ पर दिखने लगता है। ऐसे में अपने व्यवहार में सकारात्मकता को बढ़ाने में ज्वाइंट फैमिली मददगार साबित होती है। इसमें व्यक्ति जब परिवार के अन्य सदस्यों के साथ रहता है, तो उसमें एक दूसरे को समझने के अलावा स्थितियों को समझने की क्षमता भी बढ़ने लगती है।

5. जिम्मेदारियों का एहसास बढ़ जाता है

अकेले रहकर व्यक्ति अपने जीवन में केवल अपने से जुड़े कार्यों को करने के लिए बाध्य होता है। मगर वहीं जब परिवार के अन्य सदस्य साथ रहते हैं, तो वे अपनी जिम्मेदारियों और कार्यों को अन्य लोगों के साथ बांटने लगते है। इससे व्यक्ति के जीवन में सतर्कता बढ़ने लगती है और अपने कर्त्तव्यों को पूरा करने की क्षमता बढ़ जाती है।

डिस्क्लेमर: हेल्थ शॉट्स पर, हम आपके स्वास्थ्य और कल्याण के लिए सटीक, भरोसेमंद और प्रामाणिक जानकारी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके बावजूद, वेबसाइट पर प्रस्तुत सामग्री केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसे विशेषज्ञ चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार का विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। अपनी विशेष स्वास्थ्य स्थिति और चिंताओं के लिए हमेशा एक योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से व्यक्तिगत सलाह लें।

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लेखक के बारे में
ज्योति सोही
ज्योति सोही

लंबे समय तक प्रिंट और टीवी के लिए काम कर चुकी ज्योति सोही अब डिजिटल कंटेंट राइटिंग में सक्रिय हैं। ब्यूटी, फूड्स, वेलनेस और रिलेशनशिप उनके पसंदीदा ज़ोनर हैं।

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