अगर किसी दिन आपको अधिक काम होता है, तो आप क्या करती हैं? अपनी केयर करना तो मानो भूल ही जाती हैं। आप काम अधिक करने लगती हैं और सोती कम हैं और खुद पर ज्यादा ध्यान भी नहीं देतीं। लेकिन इससे हम बहुत ज्यादा थक जाते हैं। अगर आप स्वयं के बारे में नहीं सोचेंगी तो कौन सोचेगा? अगर आप खुद पर ध्यान नहीं देंगी तो आप रिचार्ज नहीं हो सकेंगी।
फिर आपने जितना सोचा था उससे भी अधिक मुसीबतों में फंस कर रह जाएंगी। ऐसी ही परिस्थितियों से बचने के लिए सेल्फ केयर जरूरी हो जाती है। लेकिन कुछ लोग सेल्फ केयर को स्वार्थ समझ लेते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आपको सेल्फ केयर करने के लिए क्या-क्या करना चाहिए और यह क्या होती है। आइए जानते हैं।
डॉक्टर पूजा माहौर, प्रोफेसर (जूनियर ग्रेड), क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, डिपार्टमेंट ऑफ साइकियाट्री, केजीएमयू लखनऊ, का मानना है कि अगर आप शारीरिक या मानसिक किसी भी रूप से खुद को खुश रखने के लिए या खुद की सेहत को बढ़ाने के लिए प्रयास करती हैं, तो उसे सेल्फ केयर कहा जाता है। अगर हम खुद की सेहत को ही अपनी खुशी और प्राथमिकता का कारण बना लेंगे, तो हमें कभी भी दुखी नहीं होना पड़ेगा।”
सेल्फ केयर करने के लिए आप अपने रूटीन में एक्सरसाइज, और कुछ आनंददायक, मनोरंजक चीजें शामिल कर सकती हैं। अगर आप खुद की केयर करती हैं, तो आप हर चीज को अच्छे से हैंडल कर पाएंगी और आपकी जिंदगी (Life) भी संतुलित रहेगी। अगर आपको कोई यह सब चीजें करने के कारण स्वार्थी कहता है, तो बता दें कि खुद को प्राथमिकता पर रखना या खुद की केयर करना किसी भी तरह से स्वार्थ नहीं है।
अगर आप खाना खाना छोड़ देती हैं, तो इससे आपके दिमाग और आपके शरीर को ऊर्जा (Fuel) यानी एनर्जी नहीं मिलेगी। वहीं जब आप खुद पर अत्याचार करती हैं, तो आप ओवरईटिंग करने लगती हैं।
दोनों ही स्थितियां गलत हैं। इसलिए अपने शरीर को और दिमाग को पूरी तरह से ऊर्जा से भरपूर करने के लिए एक संतुलित मील का सेवन जरूर करें। इसके साथ किसी भी हालत में या किसी के लिए भी समझौता न करें, क्योंकि यह आपके शरीर के लिए बहुत जरूरी होती है।
मूव करने का मतलब है एक्टिव रहना और अपने शरीर को हिलाते-डुलाते रहना। ताकि वह हमेशा काम करने को तैयार रह सके। इसके लिए आप कोई भी गतिविधि कर सकती हैं जैसे खेल कूद, डांस करना या एक्सरसाइज आदि करना। इससे आपकी क्रिएटिविटी बढ़ती है और आपका ध्यान भी सही जगह केंद्रित होता है।
वैलनेस काउंसिल ऑफ अमेरिका की एक रिसर्च के मुताबिक अगर आप पर्याप्त मात्रा में रेस्ट नहीं करती हैं, तो इससे मोटापे के साथ-साथ बहुत सी बीमारियों का भी रिस्क बढ़ता जाता है। यह आपके विचारों को भी प्रभावित करता है, जिससे आप काम भी ढंग से नहीं कर पाएंगी। इसलिए अगर आप हर चीज को परफेक्ट रूप से करना चाहती हैं, तो इसके लिए रेस्ट करना भी बहुत जरूरी होता है।
अगर आप बीमार नहीं पड़ना चाहती या अपने जीवन के सभी कामों को अच्छी तरह से संभालना चाहती हैं, तो जिंदगी को एंजॉय करें। आप अपनी सुविधा के हिसाब से हफ्ते या 15 दिन में एक ऐसा दिन रख सकती हैं, जिस दिन आप खुल कर एंजॉय करें। इस दिन आपको जो चीजें अच्छी लगती हैं वह खाएं, अच्छा पहनें और अच्छा म्यूजिक सुनने के साथ साथ डांस भी करें।
बहुत सी लड़कियां इस बात को लेकर चिंतित रहती हैं कि हमारे साथ पिछले कुछ दिनों में क्या हुआ था या आगे क्या होने वाला है और इससे उनकी मानसिक सेहत पर भी बहुत प्रभाव पड़ता है, लेकिन आपको रिलैक्स रहना चाहिए और आगे या पीछे की सोचने की बजाए वर्तमान में जिएं। इसके लिए आप मेडिटेशन और योग को अपने रूटीन में शामिल कर सकती हैं।
सेल्फ केयर किसी और को दिखाने के लिए नहीं बल्कि खुद को खुश रखने के लिए करें और अगर इनमें से कोई भी बात आपके लिए नई है तो उसे धीरे धीरे शुरू करें।
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