जब भी मां बनने के विषय पर बात होती है, हर व्यक्ति इसके खूबसूरत पहलुओं पर ही बात करता है। हां यह सच है कि मां बनना एक बहुत प्यार एहसास है, लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है जिसके बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। प्रेगनेंसी के दौरान अधिकांश महिलाएं तनाव, मूड स्विंग और चिड़चिड़ापन अनुभव करती हैं। लेकिन पोस्टपार्टम डिप्रेशन इससे बिल्कुल अलग है। हालांकि शुरुआती लक्षण चिड़चिड़ापन और तनाव ही है जिसके कारण महिलाएं इसे हल्के में ले लेती हैं।
शुरुआती समय में डायग्नोस हो जाये तो डिप्रेशन बिना दवाओं के ही मैनेज हो जाता है, लेकिन अगर आपको एन्टी डिप्रेसेंट दवाओं की जरूरत पड़ रही है तो यह बच्चे के स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय हो सकता है।
कई रिसर्च में पाया गया है कि एन्टी डिप्रेशन पिल्स का बच्चे पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। विभिन्न वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि एंटीडिप्रेसेंट के सेवन से दूध के उत्पादन में कमी हो जाती है। हालांकि ब्रेस्ट मिल्क की कमी के लिए तनाव और डिप्रेशन भी जिम्मेदार हो सकता है।
जर्नल ‘पैरेंटिंग’ में प्रकाशित शोध के अनुसार कुछ एंटी डिप्रेशन पिल्स सुरक्षित हैं जबकि कुछ नहीं। यहां डोसेज यानी दवा की मात्रा महत्वपूर्ण है। अगर आप ब्रेस्टफीडिंग कर रही हैं और पोस्टपार्टम डिप्रेशन से भी जूझ रही हैं तो यह आपके लिए चिंता का विषय है।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन की दवाएं ब्रेस्ट मिल्क को प्रभावित करती हैं। इससे ब्रेस्ट मिल्क कम हो सकता है।
याद रखें एंटीडिप्रेसेंट पिल्स डिप्रेशन का परमानेंट इलाज नहीं है। न ही आपको इन पिल्स पर निर्भर होना चाहिए। ऐसा नहीं कहा जा सकता है कि ब्रेस्टफीडिंग कर रही हैं तो आप एकदम से अपनी दवा लेना बन्द कर दें। कोई भी निर्णय लेने से पहले अपनी गायनेकोलॉजिस्ट और मनोचिकित्सक दोनों की सलाह लें।
1. डिप्रेशन का इलाज जटिल है, इसलिए मां और बच्चे दोनों के रिस्क को एनालाइज करना जरूरी है। अगर डिप्रेशन की स्थिति बहुत गंभीर है तो एंटीडिप्रेसेंट दिया ही जाएंगे।
2. कुछ महिलाओं में एंटीडिप्रेसेंट पिल्स बन्द करने पर विथड्रावल लक्षण आ सकते हैं। इसलिए इसे बंद करने से पहले रिस्क की सही जांच कर लें।
3. दवा लेने के दौरान नियमित रूप से अपने मनोचिकित्सक और गायनेकोलॉजिस्ट के संपर्क में रहें।
4. सेरोटोनिन, नॉरपेनेफ्रिन और ब्यूप्रोपाईन दवाएं सुरक्षित हैं।
5. मोनोमाइन ऑक्सीडेज का सेवन करने से डॉक्टर मना करते हैं। कोई भी दवा खाने से पहले अपने डॉक्टर से सभी जोखिमों पर चर्चा कर लें।