क्या आपके एजिंग पेरेंट्स के पास स्मार्टफोन है? क्या उनका सोशल मीडिया पर कोई अकाउंट बना हुआ है? आप सोच रही होंगी कि हम ऐसे सवाल क्यों पूछ रहे हैं! वो इसलिए क्योंकि सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले बुजुर्गों का मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य अन्योंं की तुलना में ज्यादा बेहतर रहता है। यह हम नहीं यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के एक शोध में सामने आया है।
अगर आपके पेरेंट्स की उम्र 50 साल से ज्यादा है, तो उनके लिए इंटरनेट पर सर्फिंग करना काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। एक शोध में सामने आया है कि इंटरनेट पर ज्यादा समय व्यतीत करने वाले 50 साल की उम्र के ऊपर के लोग ज्यादा खुश रहते हैं।
शोध के अनुसार इस उम्र के ऊपर वाले जो लोग रोज इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं उनकी जीवन संतुष्टि का स्तर महीने या हफ्ते में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की तुलना में ज्यादा पाया गया।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन द्वारा किए गए अध्ययन में पाया गया है कि इंटरनेट का इस्तेमाल कर परिवारवालों और दोस्तों को ईमेल करना, फेसबुक स्टेटस पोस्ट करना और एक-दूसरे से बातचीत करना 50 साल की उम्र के ऊपर वालों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है। इससे वे सामाजिक और पारीवारिक गतिविधियों से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते हैं।
यूएलसी के शोध में पाया गया है कि इंटरनेट इस उम्र के लोगों में अकेलेपन को दूर करने का काम करता है। इसलिए बुजुर्गों को इंटरनेट पर ज्यादा समय व्यतीत करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। शोधकर्ताओं ने 9,000 लोगों पर किए अध्ययन में उनकी इंटरनेट की आदतों को देखा।
इसमें पाया गया कि जो लोग ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल करते थे, उनके जीवन में संतुष्टि और खुशी का स्तर ज्यादा था। इससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। शोधकर्ता डॉक्टर स्टीफन जीवराज ने कहा, हमारे शोध में पता चला है कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले बुजुर्गों का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है।
तो फिर कोविड-19, महामारी और सोशल डिस्टेंसिंग के इस माहौल में अगर अपने एजिंग पेरेंट्स के अकेलेपन को दूर करना है, तो उन्हें सोशल मीडिया पर आने के लिए प्रेरित और सपोर्ट करें।