प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। जब कुछ अच्छा होता है, तो हम खुश होते हैं। लेकिन जीवन में हमारे साथ कुछ बुरा भी हो सकता है। हम सोचे हुए लक्ष्य को पूरा नहीं भी कर सकते हैं। ऐसा होने पर हमें चिंता, भय और घबराहट होने लगती है। इसे प्रबंधित करना कठिन हो सकता है। थोड़े से प्रयास से आप एंग्जायटी को प्राकृतिक तरीके से दूर भगा (how to get rid of Anxiety naturally) सकती हैं।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक्सरसाइज पर हुए शोध बताते हैं कि सप्ताह में 5 दिन भी 20-30 मिनट तक व्यायाम किया जाए, तो यह एंग्जायटी दूर करने में मदद कर सकता है। यह आजमाया हुआ फंडा है कि यदि आप क्रोध में हैं या तनाव महसूस कर रही हैं, तो अपनी सिटिंग स्पेस से उठकर 20 कदम चल लें। अमेरिकी डिप्रेशन सोसाइटी भी इस बात पर सहमति जताती है कि वाकिंग से बिगड़े हुए मूड ठीक हो जाते हैं। जब आप एक्सरसाइज करती हैं, तो एंडोर्फिन होर्मोन पैदा होता है। यह हार्मोन दर्द कम करता है और तनाव मुक्त भी करता है।
एमिनो एसिड एल-लाइसिन न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण और विकास में मदद करने वाला माना जाता है।
वर्ष 2007 में जापान के बायोमेडिकल रिसर्च जर्नल में एस. मृगा के अध्ययन बताते हैं, ‘एल-लाइसिन एंग्जायटी के लक्षणों को घटाने में समर्थ है। जिन लोगों ने एल-लाइसिन प्रोटीन वाले सप्लीमेंट को लिया, उनमें एंग्जायटी और स्ट्रेस के कम लक्षण देखे गये।
पनीर, मछली, रेड मीट में भी एल-लाइसिन मौजूद होता है। इन खाद्य पदार्थों को आहार में शामिल कर एंग्जायटी से बचा जा सकता है।
जामा नेटवर्क जर्नल की स्टडी बताती है की एप्सम साल्ट या मैगनिशीयम सलफेट की मौजूदगी से तनाव से राहत मिल सकती है। इससे एंग्जायटी को दूर होने में भी मदद मिल सकती है। आयुर्वेद भी गुनगुने पानी से नहाने पर तनाव दूर होने की बात करता है। अगली बार जब आपको एंग्जायटी हो, तो एप्सम सॉल्ट का हॉट बाथ लेने की कोशिश करें।
पबमेड सेंट्रल में शामिल इंटीग्रेटेड मेडिसिन रिसर्च जर्नल के शोध आलेख बताते हैं कि ओमेगा -3 फैटी एसिड में पॉली अनसेचुरेटेड फैट होते हैं। ये नैचुरली एंग्जायटी को रिलैक्स करते हैं। इसके लिए सी फिश जैसे टूना, सैल्मन आदि को लिया जा सकता है। प्लांट बेस्ड फ़ूड में अखरोट और अलसी ओमेगा-3 फैटी एसिड के बेहतरीन स्रोत हैं। एंग्जायटी को दूर रखने के लिए सुबह या दोपहर में भी 1 टेबलस्पून अलसी लिया जा सकता है। इन दिनों अलसी के लड्डू भी खाए जा सकते हैं। खाली पेट या स्नेक्स के रूप में अखरोट का सेवन किया जा सकता है।
सूर्य की रोशनी निश्चित तौर पर मूड को बढ़ावा देने की कोशिश करती है। यदि आप किसी बात को लेकर चिंतित हैं, तो कुछ देर सुबह की धूप में बैठने की कोशिश करें। धूप एक तरह के रिफ्रेशमेंट की तरह काम करता है।
2006 में क्लिनिकल रुमेटोलोजी में प्रकाशित शोध आलेख बताते हैं कि विटामिन डी की कमी से एंग्जायटी और डीप्रेशन के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इसलिए हड्डियों को मजबूत करने और एंग्जायटी को दूर करने के लिए धूप में बैठें।
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