हर रिश्ता जीवन में महत्वपूर्ण है। कुछ लोग रिश्तों को मतलब के हिसाब से जोड़ते और तोड़ते हैं। वास्तव में रिलेशनशिप में नफा नुकसान नहीं, बल्कि संतुलन का होना आवश्यक है। जो किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए बेहद ज़रूरी है। रिश्तों में खींचतान का होना स्वाभाविक है। अब ऐसे मोड़ पर अगर आप रिश्तों में स्पष्टता बनाए रखने के लिए माफी मांगती है, तो उससे रिलेशनशिप को मज़बूती मिलती है और वो लॉन्ग लास्टिंग भी बना रहता है। जानते हैं रिश्तों में होने वाली तकरार में माफी मांगने की अहमियत (apologies in relationship)।
दरअसल, रिश्तों का जीवन में खास महत्व होता है, जो हमें खुशियां तो कभी गम भी देते हैं। मगर फिर भी उन्हें संभालकर रखना ज़रूरी है। ये भी सच है कि दुनिया में कोई रिश्ता ऐसा नहीं है कि उसमें आपसी मनमुटाव न हुआ हो।
इस बारे में मनोवैज्ञानिक डॉ युवराज पंत बताते हैं कि अगर आपने किसी का दिल दुखाया है, तो उसके लिए माफी अवश्य मांगे। बहुत बार पार्टनर के साथ किए हुए वादों को पूरा न कर पाना और डिसरिस्पेक्टफुल बात करना रिश्तों में दूरिया बढ़ा देता है।
दरअसल, रोजमर्रा के जीवन में होने वाली गलतफहमियों को मन में दबाकर रखने की जगह आपसी बातचीत के ज़रिए समस्या को सुलझाने पर फोकस करना चाहिए। इससे रिश्तों में नरमी बढ़ने लगती है। गुस्सा और जिद्द को त्याग कर रिश्तों की अहमियत को समझना चाहिए। इससे आप लंगे वक्त तक रिश्ते नातों को निभा पाते हैं। इससे पार्टनर के मन में आपके लिए प्यार बढ़ता है और आप बेवजह के तनाव से बच पाते हैं।
बहुत बार सामान्य सी लगने वाली बातें पार्टनर के मन को ठेस पहुंचाने का काम करती है। इससे रिश्तों में धीरे धीरे दूरियां बढ़ने लगती है। ऐसे में अपने व्यवहार को नियंत्रित करें और उसमें बदलाव लाने का प्रयास करें। साथ ही अपने साथी के मन की बात को जानकर उससे माफी मांगकर रिश्तों को मज़बूत बनाएं। इससे रिश्तों को टूटने से बचाया जा सकता है।
अगर रिश्तों में उतार चढ़ाव आ रहे हैं, तो ऐसे में उन्हें संभालने में ही समझदारी है। रिश्ता चाहे पति पत्नी का हो या माता पिता का। हर रिश्ता जीवन में खास अहमियत रखता है। अगर आप आगे बढ़कर अपनी गलती को स्वीकारते हैं, तो व्यक्ति आप पर दोबारा से विश्वास जताने लगता है। किसी दूसरे के विश्वास को पाकर आपके रिश्तों में दोबारा से खुशी लौट आती है।
छोटे छोटे मनमुटाव मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक साबित होने लगते हैं। किसी के साथ हुई गलतफहमी के कारण व्यक्ति लंबे वक्त तक उसी सोच में डूबा रहता है। इसके चलते वो किसी काम पर फोकस नहीं कर पाता है। ऐसे में जीवन में तनाव को कम करने के लिए अपनी गलती की माफी मांगना पूरी तरह से उचित है।
माफी मांगने से रिश्तों में आपसी मनमुटाव दूर होकर अंडरस्टैण्डिंग का स्तर बढ़ने लगती है। इससे दूसरे व्यक्ति के व्यवहार को समझने में आसानी होती है। लोग एक दूसरे के करीब आ जाते हैं और दोबारा उसी गलती को दोहराने से बचते हैं। कुछ लोग अहंकार के कारण माफी मांगने से डरते है, मगर उनका डर रिश्तों में दरार को बढ़ा देता है।
गलती को स्वाकारने से व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव आने लगता है और इससे अन्य लोगों की फीलिंग्स के बारे में ख्याल रख पाते है। किसी से बहस या किसी बात को लेकर हुए मनमुटाव को सुलझाने के लिए समस्या को समझकर उससे बाहर आने के लिए प्रयत्नशील रहना ज़रूरी है।