सूरज की रोशनी विटामिन डी (Vitamin D) का प्राकृतिक स्रोत है, एक ऐसा विटामिन जो हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। मगर हर कोई इस बात से अवगत नहीं है कि सर्दियों के दौरान सूरज की रोशनी (Sunlight) सेहत के लिए और भी ज्यादा जरूरी हो जाती है।
विडंबना यह है कि सर्दियों में जब लोगों को विटामिन डी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तो हममें से ज्यादातर लोगों को पर्याप्त धूप नहीं मिल पाती। ऐसा इसलिए, क्योंकि सर्दियों में हम अपने घरों से बाहर नहीं निकलते हैं और आजकल ज़्यादातर लोग वर्क फ्रोम होम (Work From Home) कर रहे हैं, तो धूप लेना उतना संभव नहीं है।
मगर यह जानने वाली बात है कि हमें कितनी धूप लेनी चाहिए? विटामिन D की कमी से क्या होता है। क्या हमें इसका सप्लीमेंट (Supplement) लेना चाहिए? हम इसे कैसे प्राप्त करते हैं? और इसकी सबसे ज्यादा जरूरत किसे है?
विटामिन डी या ‘सनशाइन विटामिन’ (Sunshine Vitamin) हमारे शरीर के स्वस्थ कामकाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह एक आवश्यक पोषक तत्व है जो हमारी हड्डियों को स्वस्थ रखने, चिंता को कम करने और समग्र प्रतिरक्षा को बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
विटामिन डी का पर्याप्त स्तर शरीर में कैल्शियम (Calcium) और फास्फोरस (Phosphorus) के अवशोषण को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह प्रतिरक्षा कार्यों में सुधार करता है, विभिन्न संक्रमणों और बीमारियों से लड़ता है और हड्डियों और दांतों के सामान्य विकास को भी आसान बनाता है।
सर्दियों में विटामिन D की ज़्यादा आवश्यकता होती है, मगर कई बार इसके लक्षण नज़र नहीं आते हैं। चलिये जानते हैं क्या हैं वे –
विटामिन डी की कमी से पीड़ित लोग अक्सर थकान और कमजोरी की शिकायत करते हैं, जिससे उन्हें अपने दैनिक कार्यों को करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। ‘पेशेंट यूके’ का सुझाव है कि मांसपेशियों में कमजोरी के कारण सीढ़ियां चढ़ने या कुर्सी से उठने में कठिनाई हो सकती है और व्यक्ति को चक्कर आ सकते हैं।
जब विटामिन डी की बात आती है, तो इसे ‘रिकेट्स’ का इलाज माना जाता है, एक विकार जो बच्चों में कमजोर हड्डियों के कारण होता है। वैज्ञानिक रूप से, विटामिन डी कैल्शियम और फास्फोरस को अवशोषित करने में मदद करता है, जो बदले में हड्डियों का निर्माण और मजबूती में सहायक है। वयस्कों में, कमजोर हड्डियों को ऑस्टियोमलेशिया नामक स्थिति से जुड़ा हो सकता है।
रक्त परीक्षण की सहायता से विटामिन डी की कमी का निदान किया जा सकता है। दो प्रकार के परीक्षण हैं जो आपकी कमी की पुष्टि कर सकते हैं – सबसे आम 25-हाइड्रोक्सीविटामिन डी है, जिसे संक्षेप में (25 OH) डी के रूप में जाना जाता है।
सूरज की रोशनी आपके शरीर में विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने का सबसे अच्छा और सबसे प्राकृतिक तरीका है। मगर इसके कुछ खाद्य पदार्थ भी हैं जैसे –
1. अंडे की जर्दी महत्वपूर्ण मात्रा में विटामिन डी प्रदान कर सकती है, खासकर अगर अंडे चिकन के हों।
2. चीज़ विटामिन डी का एक प्राकृतिक स्रोत है, हालांकि बहुत कम मात्रा में। चेडर और फोंटिना इसके कुछ स्रोत हैं।
3. यूवी एक्स्पोस्ड मशरूम (Mushroom) में विटामिन डी के विभिन्न स्तर होते हैं और सप्लीमेंट के रूप में विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने में प्रभावी प्रतीत होते हैं।
4. इसके अलावा यूनाइटेड स्टेट्स कृषि विभाग (USDA) के अनुसार टोफू, दही, गाय का दूध और रागी के आटे में भी विटामिन D होता है।
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